बिलासपुर: जिला में 2 हजार से ज्यादा आवारा पशुओं की संख्या हो गई है, लेकिन पशु पालन विभाग बिलासपुर आज भी जिला में 770 आवारा पशुओं का आंकड़ा दर्शा रहा है. पशु पालन विभाग अपने गलत आंकड़ो से उच्च न्यायालय को भ्रमित कर रहा है, जिसके कारण अभी भी जिला में बनी गौशालाएं खाली पड़ी हैं. ये बात गौवंश सेवार्थ केंद्र के संस्थापक सुनील शर्मा ने मीडिया से रूबरू होते हुए कही.
सुनील शर्मा ने कहा की सरकार के पास आवारा पशुओं की देखभाल के लिए करोड़ों का बजट है, लेकिन प्रदेश में यह पैसा कहीं भी खर्च होता नजर नही आ रहा है. बिलासपुर में कई गौशालाएं वीरान पड़ी हैं. उन्होंने कहा कि कई बार वे सरकार से आवारा जानवरों के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
गौवंश सेवार्थ केंद्र के संस्थापक ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस गंभीर समस्या का हल नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वह जिला उपायुक्त कार्यलय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे.
बता दें कि 2007 के सर्वे में 2744 आवारा पशुओ का आंकड़ा विभाग ने दर्शाया था. 2011 में 1594 का आंकड़ा बताया है. वहीं, विभाग ने 2019 में 770 का आंकड़ा बताया है.