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बिलासपुर में आचार संहिता की उड़ाई जा रही धज्जियां, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल

कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं घुमारवीं हल्के के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने भाजपा पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं.धर्माणी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता कहीं नजर नहीं आ रही है.उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खडे़ किये हैं.

Former MLA Rajesh Dharmani
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Published : Jan 19, 2021, 5:12 PM IST

बिलासपुरः अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं घुमारवीं हल्के के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने चुनाव आचार संहिता को लेकर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होनें बयान जारी कर कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी अपनी चुनाव प्रचार सामग्री पर पार्टी का चुनाव चिन्ह प्रयोग कर रहे हैं. वहीं, चुनाव आचार संहिता में भाजपा के विधायक और मंत्री गांवों में जेसीबी से रास्ते व सड़कें बनाने के साथ ही पेयजल कनेक्शन के लिए पानी की पाइपें भी दे रहे हैं. सब कुछ देखते हुए भी चुनाव आयोग चुप्पी साधे बैठा है.

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर खडे़ हुए सवाल

राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता कहीं नजर नहीं आ रही है. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर नहीं करवाए जाते हैं. चुनाव आयोग की ओर से प्रत्याशियों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाते हैं. इसके बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थित प्रत्याशी अपनी चुनाव प्रचार सामग्री पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोटो प्रकाशित करने के साथ ही पार्टी का चुनाव चिन्ह भी प्रयोग कर रहे हैं. यह हैरान करने वाला पहलू है. इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खडे़ होना स्वभाविक है.

आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों के रद्द हों नामांकन

उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जाएं. राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा को सत्ता में आए तीन साल से अधिक समय बीत चुका है. इस अवधि में रास्तों व सड़कों आदि के निर्माण अथवा लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायकों ने कोई कदम नहीं उठाए. अब पंचायत चुनावों की बेला में उन्हें लोगों की परेशानियां नजर आने लगी हैं. कहीं जेसीबी मशीन लगाकर रास्तों व सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है, जबकि कहीं पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पानी की पाइपें दी जा रही हैं.

सरकार के मंत्री और विधायक भी कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन

पंचायत चुनावों में मतदाताओं का रिझाने के लिए सरकार के मंत्री और विधायक भी आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं.उन्होंने कहा की चाहे जैसे भी हथकंडे अपना लें, चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाकर रहेगी. चुनाव आयोग को ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में मतदान को लेकर खासा उत्साह, वोटर्स बोलेः विकास के नाम पर दिया वोट

बिलासपुरः अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं घुमारवीं हल्के के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने चुनाव आचार संहिता को लेकर प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होनें बयान जारी कर कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी अपनी चुनाव प्रचार सामग्री पर पार्टी का चुनाव चिन्ह प्रयोग कर रहे हैं. वहीं, चुनाव आचार संहिता में भाजपा के विधायक और मंत्री गांवों में जेसीबी से रास्ते व सड़कें बनाने के साथ ही पेयजल कनेक्शन के लिए पानी की पाइपें भी दे रहे हैं. सब कुछ देखते हुए भी चुनाव आयोग चुप्पी साधे बैठा है.

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर खडे़ हुए सवाल

राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता कहीं नजर नहीं आ रही है. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर नहीं करवाए जाते हैं. चुनाव आयोग की ओर से प्रत्याशियों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाते हैं. इसके बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थित प्रत्याशी अपनी चुनाव प्रचार सामग्री पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोटो प्रकाशित करने के साथ ही पार्टी का चुनाव चिन्ह भी प्रयोग कर रहे हैं. यह हैरान करने वाला पहलू है. इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खडे़ होना स्वभाविक है.

आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों के रद्द हों नामांकन

उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जाएं. राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा को सत्ता में आए तीन साल से अधिक समय बीत चुका है. इस अवधि में रास्तों व सड़कों आदि के निर्माण अथवा लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायकों ने कोई कदम नहीं उठाए. अब पंचायत चुनावों की बेला में उन्हें लोगों की परेशानियां नजर आने लगी हैं. कहीं जेसीबी मशीन लगाकर रास्तों व सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है, जबकि कहीं पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पानी की पाइपें दी जा रही हैं.

सरकार के मंत्री और विधायक भी कर रहे आचार संहिता का उल्लंघन

पंचायत चुनावों में मतदाताओं का रिझाने के लिए सरकार के मंत्री और विधायक भी आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं.उन्होंने कहा की चाहे जैसे भी हथकंडे अपना लें, चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाकर रहेगी. चुनाव आयोग को ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए.

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