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ट्राइबल महोत्सव: कलाकारों के हैरतअंगेज करतबों ने जीता दर्शकों का दिल, नाटी ने भी खूब बटोरी तालियां

बिलासपुर में जनजातीय महोत्सव पर लोक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर सबका दिल जीत लिया. इस दौरान हिमाचली नाटी में भी कलाकारों ने अपने प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का सुंदर प्रदर्शन किया जिसने दर्शक को भी झूमने पर मजबूर कर दिया.

ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
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Published : Mar 30, 2019, 9:18 AM IST

Updated : Mar 30, 2019, 10:16 AM IST

बिलासपुर: जनजातीय महोत्सव में हिमाचली लोक कलाकारों ने प्रदेश की अलग-अलग सांस्कृतिक विरासत की छटा बिखेरी.

Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
लोक कलाकारों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रचलित लोक गीतों को इस तरह अपने अंदाज में प्रस्तुत किया जिससे पंडाल में बैठेदर्शक झूमने को मजबूर हो गए. कला के नशे में डूबकर कलाकारों ने स्टेज में धमाल मचाया. हैरतअंगेज करतब देखकर कलाकारों ने खूब तालियां बटोरी.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

काली घघरी लेहायां हो, जुग जियो धारा रे गुजरो, रोहड़ू जाणा मेरी अम्मिए आदि गानों की प्रस्तुती पर देश भर से आए लोक कलाकार भी मंच पर पहाड़ी साज और आवाज की स्वर लहरियों में अपने को नाचने से नहीं रोक पाए.

Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
हिमाचल की दूसरी प्रस्तुती हिमाचली नाटी में भी कलाकारों ने अपने प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का सुंदर प्रदर्शन किया. जनजातीय उत्सव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

ओडिशा के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पाइका नृत्य विगत दिनों से दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोक कलाकारों द्वारा अपने नृत्य के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने का प्रभावी संदेश भेजा जा रहा है.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
कलाकार अपने करतबों से दिखा रहेहैं कि नशे से रहित युवा कलाकारों के बलशाली शरीर पर किसी भी हथियार या प्रहार का कोई असर नहीं हो सकता. पाइका नृत्य दर्शकों की जिज्ञासा और पंसद की अग्रणी पंक्ति में है. मध्यप्रदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत तीन जनजातिय नृत्यों ने भी दर्शकोंका भरपूर मनोरंजन करके खूब तालियां बटोरी.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की शारीरिक ऊर्जा का प्रदर्शन दर्शकों को रोमांचक करके ना केवल अपने प्रदेश की पंथी परंपरा का अवलोकन ही करवाता है, बल्कि हैरतअंगेज पीरामीड बनाकर दर्शकों को हैरान कर देता है. जम्मू कश्मीर की खूबसूरत वादियों से आए खूबसूरत कलाकारों की खूबसूरत प्रस्तुतियां देखते ही बनती है. गोजुरी नृत्य में जहां नृत्यांगनाओं की आकर्षक भाव भंगिमाएं दर्शकों को उत्साहित कर रही हैं. वहीं ओडणी दा अल्हा पर नृत्य करती सुन्दर बालाएं ने अपने मनमोहक नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

दल के वरिष्ठ कलाकारों की इबादत में रची प्रस्तुती उनकी आस्था का सुंदर स्वरूप प्रस्तुत करती है. वहीं, सूफी गायन व नृत्य पर झूमते वरिष्ठ कलाकारों की नृत्य ऊर्जा देखते ही बनती है. सिक्किम राज्य की प्रस्तुती में वहां के जनजीवन का सुंदर प्रतिबिम्ब दर्शकों को देखने को मिल रहा है. खेतों में महुआ चुनती नृत्यांगनाओं व नृतकों की लयबद्ध प्रस्तुती में वहां की वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के सामजस्य में प्रस्तुत नृत्य दर्शकों को खूब लुभा रहा है.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

बिलासपुर: जनजातीय महोत्सव में हिमाचली लोक कलाकारों ने प्रदेश की अलग-अलग सांस्कृतिक विरासत की छटा बिखेरी.

Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
लोक कलाकारों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रचलित लोक गीतों को इस तरह अपने अंदाज में प्रस्तुत किया जिससे पंडाल में बैठेदर्शक झूमने को मजबूर हो गए. कला के नशे में डूबकर कलाकारों ने स्टेज में धमाल मचाया. हैरतअंगेज करतब देखकर कलाकारों ने खूब तालियां बटोरी.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

काली घघरी लेहायां हो, जुग जियो धारा रे गुजरो, रोहड़ू जाणा मेरी अम्मिए आदि गानों की प्रस्तुती पर देश भर से आए लोक कलाकार भी मंच पर पहाड़ी साज और आवाज की स्वर लहरियों में अपने को नाचने से नहीं रोक पाए.

Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
हिमाचल की दूसरी प्रस्तुती हिमाचली नाटी में भी कलाकारों ने अपने प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का सुंदर प्रदर्शन किया. जनजातीय उत्सव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

ओडिशा के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पाइका नृत्य विगत दिनों से दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोक कलाकारों द्वारा अपने नृत्य के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने का प्रभावी संदेश भेजा जा रहा है.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती
कलाकार अपने करतबों से दिखा रहेहैं कि नशे से रहित युवा कलाकारों के बलशाली शरीर पर किसी भी हथियार या प्रहार का कोई असर नहीं हो सकता. पाइका नृत्य दर्शकों की जिज्ञासा और पंसद की अग्रणी पंक्ति में है. मध्यप्रदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत तीन जनजातिय नृत्यों ने भी दर्शकोंका भरपूर मनोरंजन करके खूब तालियां बटोरी.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की शारीरिक ऊर्जा का प्रदर्शन दर्शकों को रोमांचक करके ना केवल अपने प्रदेश की पंथी परंपरा का अवलोकन ही करवाता है, बल्कि हैरतअंगेज पीरामीड बनाकर दर्शकों को हैरान कर देता है. जम्मू कश्मीर की खूबसूरत वादियों से आए खूबसूरत कलाकारों की खूबसूरत प्रस्तुतियां देखते ही बनती है. गोजुरी नृत्य में जहां नृत्यांगनाओं की आकर्षक भाव भंगिमाएं दर्शकों को उत्साहित कर रही हैं. वहीं ओडणी दा अल्हा पर नृत्य करती सुन्दर बालाएं ने अपने मनमोहक नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया.
Folk artists performances
ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

दल के वरिष्ठ कलाकारों की इबादत में रची प्रस्तुती उनकी आस्था का सुंदर स्वरूप प्रस्तुत करती है. वहीं, सूफी गायन व नृत्य पर झूमते वरिष्ठ कलाकारों की नृत्य ऊर्जा देखते ही बनती है. सिक्किम राज्य की प्रस्तुती में वहां के जनजीवन का सुंदर प्रतिबिम्ब दर्शकों को देखने को मिल रहा है. खेतों में महुआ चुनती नृत्यांगनाओं व नृतकों की लयबद्ध प्रस्तुती में वहां की वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के सामजस्य में प्रस्तुत नृत्य दर्शकों को खूब लुभा रहा है.
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ट्राइबल महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुती

---------- Forwarded message ---------
From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Fri, Mar 29, 2019, 6:13 PM
Subject: जन जातीय महोत्सव मैं खूब भाया लोगो को
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>




बिलासपुर 


जनजातिय   महोत्सव में हिमाचली लोक कलाकारों ने बिखेरी प्रदेश की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत की छटा। लोक कलाकारों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रचलित लोक गीतों को इस तरह अपने अंदाज में प्रस्तुत किया कि पंडाल में बैठे  दर्शक झूमने को विवश हो गए। काली घघरी लेहायां हो, जुग जियो धारा रे गुजरो, भई साब जी, रोहड़ू जाणा मेरी अम्मिए इत्यादि गीतों की प्रस्तुती पर देश भर से आए लोक कलाकार भी मंच पर पहाड़ी साज और आवाज की स्वर लहरियों में अपने को नाचने से ना रोक पाए। हिमाचल की दूसरी प्रस्तुती हिमाचली नाटी में भी कलाकारों ने अपने प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का सुन्दर प्रदर्शन किया। जनजातिय उत्सव  में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। 
      ओडिसा के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पाईका नृत्य विगत दिनों से दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। लोक कलाकारों द्वारा अपने नृत्य के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने का प्रभावी संदेश सम्प्रेषित किया जा रहा है जिसमें युवा कलाकारों द्वारा कला के नशे में डूबकर नित नए हैरतअगेंज करतब दिखाए जा रहे हैं। कलाकार अपने करतबों से दिखा रहें हैं कि नशे से रहित युवा कलाकारों के सौष्ठव बलशाली शरीर पर किसी भी हथियार या प्रहार का कोई असर नहीं हो सकता। पाईका नृत्य दर्शकों की जिज्ञासा और पंसद की अग्रणी पंक्ति में है। मघ्य प्रदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत तीन जनजातिय नृत्यों ने भी दर्शका का भरपूर मनोरंजन करके खूब तालियां बटोरी। 
छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की शारीरिक ऊर्जा का प्रदर्शन दर्शकों को रोमांचक करके ना केवल अपने प्रदेश की पंथी परम्परा का अवलोकन ही करवाता है अपितु हैरतअगेंज पीरामीड बनाकर दर्शकों को आचंभित कर देता है। जम्मू कश्मीर की खूबसूरत वादियों से आए खूबसूरत कलाकारों की खूबसूरत प्रस्तुतियां देखते ही बनती है। गोजुरी नृत्य में जहां नृत्यांगनाओं की आकर्षक भाव भंगिमाएं दर्शकों को भाव विभोर कर रही हैं वहीं ओडणी दा अल्हा पर नृत्य करती सुन्दर बालाएं अपने मनमोहक नृत्य से दर्शको को सम्मोहित करने में कोई भी कसर शेष नहीं छोड़ रही। दल के वरिष्ठ कलाकारों की इबादत में रची प्रस्तुती उनकी आस्था का सुन्दर स्वरूप प्रस्तुत करती है वहीं सूफी गायन व नृत्य पर झूमते वरिष्ठ कलाकारों की नृत्य ऊर्जा देखते ही बनती है। सिक्किम राज्य की प्रस्तुती में वहां के जनजीवन का सुन्दर प्रतिबिम्ब दर्शकों को देखने को मिल रहा है। खेतों में महुआ चुनती नृत्यांगनाओं व नृतकों की लयबद्ध प्रस्तुती में वहां की वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के सामजस्य में प्रस्तुत नृत्य दर्शकों को खूब लुभा रहा है। 


Last Updated : Mar 30, 2019, 10:16 AM IST
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