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बिलासपुर के शशांक ने FB की सिक्योरिटी में निकाली खामी, फेसबुक ने दिया 2000 यूएस डॉलर का इनाम - etv bharat

शशांक ने FB सिक्योरिटी में फिर निकाली खामी, फेसबुक ने इनाम के तौर पर दिए 2000 यूएस डॉलर का

शशांक
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Published : Mar 30, 2019, 9:24 AM IST

बिलासपुर: रोड़ा सेक्टर के रहने बाले शशांक सुपुत्र यशपाल पिछले साल फेसबुक पर खामी ढूंढकर 500 यूएसए डॉलर का अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं. शशांक ने अब एक बार फिर फेसबुक के चैक प्वाइंट की खामी को उजागर किया है.

शशांक

इसके लिए फेसबुक ने हॉल ऑफ फेम में शशांक को 15वां स्थान देते हुए दो हजार यूएस डॉलर करीब 1,40,000 रुपये का ईनाम दिया है. शशांक का कहना है कि उसने अपने इस जुनून के लिए नौकरी को भीछोड़ा और शुरू से ही वह अपने पिता से लेपटॉप की मांग करता था. शशांक ने बीकॉम किया और फिर बाद में अपने कंप्यूटर जुनून को देखते हुए एमसीए में प्रवेश लिया जिसका आज परिणाम है कि युवक इस मुकाम पर पहुंचा है. शशांक मेहता ने फेसबुक की सिक्योरिटी टीम को बग संबंधी रिपोर्ट भेजी थी. शशांक ने बताया कि जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि फेसबुक के सर्वर की पकड़ में आती है तो इस अवस्था में फेसबुक यूजर के अकाऊंट को ब्लॉक कर देता था ताकि यूजर उस फेक अकाऊंट का इस्तेमाल न कर सके और वह अकाऊंट तब तक ब्लॉक रहता था जब तक यूजर अपनी सही पहचान की सत्यता न करे.

शशांक ने बताया कि उसने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक को बताया कि किस प्रकार इस सुरक्षा चैक प्वाइंट को बाईपास कर ब्लॉक अकाऊंट से भी फोटो, मैसेज व अन्य प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं. शशांक के अनुसार यह एक चूक थी, जिसका गलत उपयोग भी किया जा सकता था. वहीं, फेसबुक ने इस खामी को माना और इसे बीते 27 मार्च को ठीक कर दिया. शशांक का कहना है कि वह पिछले काफी समय से साइबर सुरक्षा पर काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में काम करने का जुनून है.

बता दें कि शशांक के माता-पिता भी अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

बिलासपुर: रोड़ा सेक्टर के रहने बाले शशांक सुपुत्र यशपाल पिछले साल फेसबुक पर खामी ढूंढकर 500 यूएसए डॉलर का अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं. शशांक ने अब एक बार फिर फेसबुक के चैक प्वाइंट की खामी को उजागर किया है.

शशांक

इसके लिए फेसबुक ने हॉल ऑफ फेम में शशांक को 15वां स्थान देते हुए दो हजार यूएस डॉलर करीब 1,40,000 रुपये का ईनाम दिया है. शशांक का कहना है कि उसने अपने इस जुनून के लिए नौकरी को भीछोड़ा और शुरू से ही वह अपने पिता से लेपटॉप की मांग करता था. शशांक ने बीकॉम किया और फिर बाद में अपने कंप्यूटर जुनून को देखते हुए एमसीए में प्रवेश लिया जिसका आज परिणाम है कि युवक इस मुकाम पर पहुंचा है. शशांक मेहता ने फेसबुक की सिक्योरिटी टीम को बग संबंधी रिपोर्ट भेजी थी. शशांक ने बताया कि जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि फेसबुक के सर्वर की पकड़ में आती है तो इस अवस्था में फेसबुक यूजर के अकाऊंट को ब्लॉक कर देता था ताकि यूजर उस फेक अकाऊंट का इस्तेमाल न कर सके और वह अकाऊंट तब तक ब्लॉक रहता था जब तक यूजर अपनी सही पहचान की सत्यता न करे.

शशांक ने बताया कि उसने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक को बताया कि किस प्रकार इस सुरक्षा चैक प्वाइंट को बाईपास कर ब्लॉक अकाऊंट से भी फोटो, मैसेज व अन्य प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं. शशांक के अनुसार यह एक चूक थी, जिसका गलत उपयोग भी किया जा सकता था. वहीं, फेसबुक ने इस खामी को माना और इसे बीते 27 मार्च को ठीक कर दिया. शशांक का कहना है कि वह पिछले काफी समय से साइबर सुरक्षा पर काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में काम करने का जुनून है.

बता दें कि शशांक के माता-पिता भी अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.


---------- Forwarded message ---------
From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Fri, Mar 29, 2019, 5:42 PM
Subject: file and script hp बिलासपुर शहर के रोड़ा सेक्टर के रहने बाले शशांक सुपुत्र यशपाल पिछले वर्ष फेसबुक पर खामी ढूंढकर 500 डॉलर का अवार्ड हासिल कर चुके हैं शशांक ने अब एक बार फिर फेसबुक के चैक प्वाइंट की खामी को उजागर किया है। इसके लिए फेसबुक ने हॉल ऑफ फेम में शशांक को 15वां स्थान देते हुए 2,000 यू.एस. डॉलर (करीब 1,40,000 रुपए) का पुरस्कार दिया
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>




-------कहते हैं कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो मनुष्य अपनी प्रतिभा का लोहा किसी भी क्षेत्र में मनवा सकता है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिलासपुर के शंशाक ने ,
शंशाक को शुरू से ही कम्प्यूटर एजुकेशन का शोक  था 
  शशांक का कहना है कि हालांकि उसने अपने इस जुनून के लिए नौकरी को भी  छोड़ा और शुरू से ही वह अपने पिता से मांग करते थे कि उसे लेपटॉप खरीद कर दिया जाए लेकिन उसने बीकॉम की और उसे बीसीए में एडमिशन नहीं मिला जिस कारण उसे बीकॉम करनी पड़ी और बीकॉम करने के बाद भी उसका जुनून कंप्यूटर एजुकेशन की तरफ रहा और उसने एमसीए में प्रवेश ले लिया और आज उसी का परिणाम है कि वह आज इस मुकाम तक पहुंचा है
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बिलासपुर शहर के रोड़ा सेक्टर के रहने बाले शशांक सुपुत्र यशपाल पिछले वर्ष फेसबुक पर खामी ढूंढकर 500 डॉलर का अवार्ड हासिल कर चुके हैं शशांक ने अब एक बार फिर फेसबुक के चैक प्वाइंट की खामी को उजागर किया है। इसके लिए फेसबुक ने हॉल ऑफ फेम में शशांक को 15वां स्थान देते हुए 2,000 यू.एस. डॉलर (करीब 1,40,000 रुपए) का पुरस्कार दिया है।डिग्रीधारक शशांक मेहता ने फेसबुक की सिक्योरिटी टीम को बग संबंधी रिपोर्ट भेजी थी।

शशांक के अनुसार जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि फेसबुक के सर्वर की पकड़ में आती है जैसे फेक अकाऊंट बनाना, किसी और के फोटो का अपनी प्रोफाइल में लगाना आदि तो इस अवस्था में फेसबुक यूजर के अकाऊंट को ब्लॉक कर देता था ताकि यूजर उस फेक अकाऊंट का इस्तेमाल न कर सके और वह अकाऊंट तब तक ब्लॉक रहता था जब तक यूजर अपनी सही पहचान की सत्यता न करे।
फेसबुक ने खामी को माना
शशांक के अनुसार उन्होंने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक को बताया कि वह किस प्रकार इस सुरक्षा चैक प्वाइंट को बाईपास कर ब्लॉक अकाऊंट से भी फोटो, मैसेज व अन्य प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं। शशांक के अनुसार यह एक चूक थी, जिसका गलत उपयोग भी किया जा सकता था तथा फेसबुक ने इस खामी को माना और इसे गत 27 मार्च को ठीक कर दिया। शशांक का कहना है कि वह पिछले काफी समय से साइबर सुरक्षा पर काम कर रहे हैं तथा उन्हें इस क्षेत्र में काम करने का जुनून है।
bite of mother mamta
शशांक की माता ममता मेहता भी अपने बच्चे की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रही है उसका कहना है कि इसे शुरू से ही फेसबुक का जुनून था  और उसी को इसने अपना फैशन बनाया हालांकि इसके लिए इसने अपनी नौकरी भी छोड़ी है लेकिन आज जो से कामयाबी मिली है उसे घरवाले भी खुश है आखिरकार शशांक  को अपना मुकाम मिल गया है
bite of sansak

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