बिलासपुर: रोड़ा सेक्टर के रहने बाले शशांक सुपुत्र यशपाल पिछले साल फेसबुक पर खामी ढूंढकर 500 यूएसए डॉलर का अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं. शशांक ने अब एक बार फिर फेसबुक के चैक प्वाइंट की खामी को उजागर किया है.
इसके लिए फेसबुक ने हॉल ऑफ फेम में शशांक को 15वां स्थान देते हुए दो हजार यूएस डॉलर करीब 1,40,000 रुपये का ईनाम दिया है. शशांक का कहना है कि उसने अपने इस जुनून के लिए नौकरी को भीछोड़ा और शुरू से ही वह अपने पिता से लेपटॉप की मांग करता था. शशांक ने बीकॉम किया और फिर बाद में अपने कंप्यूटर जुनून को देखते हुए एमसीए में प्रवेश लिया जिसका आज परिणाम है कि युवक इस मुकाम पर पहुंचा है. शशांक मेहता ने फेसबुक की सिक्योरिटी टीम को बग संबंधी रिपोर्ट भेजी थी. शशांक ने बताया कि जब भी कोई संदिग्ध गतिविधि फेसबुक के सर्वर की पकड़ में आती है तो इस अवस्था में फेसबुक यूजर के अकाऊंट को ब्लॉक कर देता था ताकि यूजर उस फेक अकाऊंट का इस्तेमाल न कर सके और वह अकाऊंट तब तक ब्लॉक रहता था जब तक यूजर अपनी सही पहचान की सत्यता न करे.
शशांक ने बताया कि उसने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक को बताया कि किस प्रकार इस सुरक्षा चैक प्वाइंट को बाईपास कर ब्लॉक अकाऊंट से भी फोटो, मैसेज व अन्य प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं. शशांक के अनुसार यह एक चूक थी, जिसका गलत उपयोग भी किया जा सकता था. वहीं, फेसबुक ने इस खामी को माना और इसे बीते 27 मार्च को ठीक कर दिया. शशांक का कहना है कि वह पिछले काफी समय से साइबर सुरक्षा पर काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में काम करने का जुनून है.
बता दें कि शशांक के माता-पिता भी अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.