बिलासपुर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली बिलासपुर ब्रॉडगेज रेलवे लाइन अगले चार साल 2024-25 की अवधि में भाखड़ा विस्थापितों के शहर तक पहुंच जाएगी. रेलवे विकास निगम ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है. पहले चरण में धरोट से बिलासपुर तक 52 किलोमीटर रेलवे ट्रैक तैयार करने की योजना है.
अभी तक चिन्हित 52 में से 32 किलोमीटर क्षेत्र में निजी भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है, जबकि शेष किलोमीटर एरिया में भू-अधिग्रहण का काम तेज गति से चल रहा है. इस समय सीमांत क्षेत्र में सात टनल और पांच ब्रिज बन रहे रहे हैं. खास बात यह है कि अब डीसी बिलासपुर हर महीने रेलवे लाइन निर्माण कार्य की समीक्षा करेंगे.
मंगलवार को प्रदेश के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल से इस रेलवे लाइन की समीक्षा की. जिसमें डीएफओ, एसडीएम, रेल विकास निगम समेत संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए. बद्दी रेल लाइन प्रोग्रेस रिव्यू के लिए सोलन प्रशासन के अधिकारी जुड़े हुए थे. मुख्य सचिव की ओर से भानुपल्ली बिलासपुर रेल लाईन का कार्य और तेज गति से करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिससे तय लक्ष्य के तहत कार्य को समयबद्ध पूरा किया जा सके.
डीसी राजेश्वर गोयल के अनुसार धरोट से लेकर बैरी तक 63.1 किलोमीटर रेल लाईन तैयार की जानी है, जिसके तहत पहले चरण में बिलासपुर तक 52 किलोमीटर तक ट्रैक बनाया जाएगा. इस समय सात टनल और पांच ब्रिज तैयार करने का कार्य किया जा रहा है. जैसे जैसे जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा होता जाएगा, निर्माण कार्य भी उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेगा.
आने वाले चार साल में इस ट्रैक को तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस बाबत हर माह इस रेल लाइन निर्माण की समीक्षा की जाएगी. जिसके लिए उनकी अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जिसमें डीएफओ, पीडब्लयूडी-एक व दो डिवीजन और रेलवे विकास निगम के अधिकारी शामिल हैं. इस बार 14 अगस्त को मीटिंग की गई, जबकि अगले माह भी इसी तारीख को मीटिंग की जाएगी. जिसमें अब तक की प्रोग्रेस को रिव्यू किया जाएगा.
इसी हफ्ते देहरादून भेजी जाएगी एक दर्जन ऑब्जेक्शन दुरूस्ती की रिपोर्ट
रेलवे लाइन निर्माण को लेकर पहले चरण का सर्वे कार्य संपन्न होने के बाद दूसरे चरण में धरोट से लेकर जकातखाना तक चयनित जमीन की एनओसी के लिए केस देहरादून भेजा गया था, जिस पर एक दर्जन ऑब्जेक्शन लगाए गए हैं.
डीसी बिलासपुर ने बताया कि सभी ऑब्जेक्शन को दुरूस्त कर इसी हफ्ते रिपोर्ट भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि अधिकृत लैंड की एनओसी को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के साथ पत्राचार चल रहा है.
बता दें कि 40 हेक्टेयर तक एफसीए के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून की ओर से अनुमति दी जाती है, जबकि इससे अधिक हेक्टेयर की एनओसी दिल्ली मंत्रालय से मिलती है. ऐसे में पहले चरण के तहत 20 किलोमीटर एरिया पास हो चुका है, जबकि अब जकातखाना तक 23 किलोमीटर एरिया में चयनित जमीन की फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर प्रक्रिया जारी है.
पांच गांवों के प्रभावितों को जल्द मिलेगा भूमि का मुआवजा
जानकारी के मुताबिक जकातखाना के पास कुछ गांवों में रेलवे लाइन के लिए चिहिंत की गई जमीन के मोलभाव को लेकर पेंच अड़ा हुआ है. प्रशासन मसला सुलझाने की कोशिश कर रहा है, जिससे जमीन अधिग्रहण के कार्य को आगे बढ़ाया जा सके. जल्द ही पांच गांवों के प्रभावितों को भू-अधिग्रहण अधिकारी एवं एसडीएम के माध्यम से मुआवजे के रूप में पांच करोड़ तीस करोड़ के चेक वितरित किए जाएंगे.
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