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'कीरतपुर नेरचौक फोरलेन में हुई है 'धांधली', 1818 करोड़ की योजना 3500 करोड़ तक पहुंची' - ram lal thakur

रामलाल ठाकुर ने कीरतपुर नेरचौक फोरलेन हाईवे प्रोजेक्ट को बड़ी धांधली बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक अभी भी करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व वहां कार्यरत लोगों की तनख्वाहें देनी बाकी हैं.

congress leader ram lal thakur
फोटो.
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Published : Jul 6, 2020, 5:47 PM IST

बिलासपुर: कांग्रेस विधायक श्री नयना देवी जी ने रामलाल ठाकुर ने केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री पर कीरतपुर नेरचौक फोरलेन हाईवे को लेकर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के रवैये को लेकर कड़े शब्दों में निंदा है.

कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस फोर लेन रोड के कार्यों को लेकर विधानसभा में बयान दिया था और कहा था कि जिन ठेकेदारों व लोगों की बकाया राशियों का भुगतान नहीं किया गया है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि उनका भुगतान शीघ्रता से करवाया जाए और जब केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे, तो उनके सामने भी बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन आज ना नेशनल हाईवे वे अथॉरिटी को मुख्यमंत्री के की ओर से दिए गए बयान से कोई सरोकार है और न ही देश के केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आश्वासन की चिंता है.

कीरतपुर नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेसवे एक बहुत बड़ा घोटाला

रामलाल ठाकुर ने कहा कि अब स्थिति यह है कि जिस कंपनी को इस फोरलेन बनाने का ठेका कीरतपुर से कैंची मोड़ टनल तक मिला है. वह कंपनी भी पूर्व में काम कर गई आईएलएंडएफएस के पदचिन्हों पर ही चल रही है.

इस कंपनी ने भी इस रोड बनाने का काम छोटे-छोटे ठेकेदारों को दे दिया है या आगे सबलेट कर दिया है और हो यह रहा है कि उन छोटे-छोटे ठेकेदारों को भी उनके कामों का भुगतान नहीं हो पा रहा है और नहीं ही हमे इस फोरलेन प्रोजेक्ट को पूरा होने की कोई सम्भावना दिखाई दे रही है. रामलाल ठाकुर ने कहा कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस सड़क में बहुत बड़ी वित्तिय धांधलियां भी हुई हैं, उनकी सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिए.

करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व वहां कार्यरत लोगों की तनख्वाहें देनी बाकी

इस फोरलेन रोड को बनाने वाली कंपनी ने तो अपने आप को तो दिवालिया घोषित कर दीया, लेकिन हमारे एक अनुमान के मुताबिक अभी भी करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व वहां कार्यरत लोगों की तनख्वाहें देनी बाकी है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि जिस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत और पूरे होने तक कि लागत में दुगनी राशि का फर्क आ जाए तो समझ जाओ की बहुत बड़ी वित्तिय धांधलियां की गई है.

कीरतपुर नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस रोड एक बहुत बड़ा घोटाला है, क्योंकि चाहे लोगों की जमीनों का अधिग्रहण हो या लोगों की जमीनों के पैसे देने की बात हो या फिर कुछ कंपनी के चहेतों को काम देने की बात हो.

सीबीआई से करवाई जानी चाहिए जांच

इसकी पूरी जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए जिससे जितना भी पैसा इन परियोजनाओं पर लगता है, वह देश का पैसा होता है, वह इस देश की जनता का पैसा होता है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2012-13 में युपीए सरकार की देन रही है.

उन्होंने कहा कि यह योजना 2012 में शुरू किया गया था और इस फोरलेन को 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बार-बार इसकी डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद यह परियोजना पूरी होती नजर नहीं आ रही है.

1818 करोड़ रुपए की योजना 3500 करोड़ रुपए तक पहुंची

1818 करोड़ रुपए से बनने वाली योजना वर्तमान में 3500 करोड़ रुपए के करीब पहुंच चुकी है. पिछले डेढ़ वर्ष से परियोजना का काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. हालात यह है कि यह परियोजना कब पूरी होगी इसके बारे में किसी के पास भी कोई जवाब नहींं है. 84.38 किलोमीटर लंबे फोरलेन का अभी मात्र कुछ ही किलोमीटर काम पूरा हो पाया है.

कीरतपुर से नेरचौक नागचला तक बनने वाले फोरलेन में पांच यातायात सुरंगों के निर्माण सहित 17 बड़े-छोटे पुल बनने हैं, लेकिन सभी कार्य अभी तक अधूरे है. अभी 1455.73 करोड़ की स्वीकृति हो चुकी है फिर भी नए टेंडर के लिए देरी क्यों बरती जा रही है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि एक नोडल आफिसर की नियुक्ति अपनी तरफ से की जानी चाहिए, जिससे वहां पर कार्य कर ठेकेदारों और अन्य कामगारों के कामों का भुगतान सही समय पर और सही आकलन करके किया जा सके.

पढ़ें: 194 TGT पदों को भरने के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू, बीएड के साथ टेट पास होना जरूरी

बिलासपुर: कांग्रेस विधायक श्री नयना देवी जी ने रामलाल ठाकुर ने केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री पर कीरतपुर नेरचौक फोरलेन हाईवे को लेकर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के रवैये को लेकर कड़े शब्दों में निंदा है.

कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस फोर लेन रोड के कार्यों को लेकर विधानसभा में बयान दिया था और कहा था कि जिन ठेकेदारों व लोगों की बकाया राशियों का भुगतान नहीं किया गया है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि उनका भुगतान शीघ्रता से करवाया जाए और जब केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे, तो उनके सामने भी बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन आज ना नेशनल हाईवे वे अथॉरिटी को मुख्यमंत्री के की ओर से दिए गए बयान से कोई सरोकार है और न ही देश के केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आश्वासन की चिंता है.

कीरतपुर नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेसवे एक बहुत बड़ा घोटाला

रामलाल ठाकुर ने कहा कि अब स्थिति यह है कि जिस कंपनी को इस फोरलेन बनाने का ठेका कीरतपुर से कैंची मोड़ टनल तक मिला है. वह कंपनी भी पूर्व में काम कर गई आईएलएंडएफएस के पदचिन्हों पर ही चल रही है.

इस कंपनी ने भी इस रोड बनाने का काम छोटे-छोटे ठेकेदारों को दे दिया है या आगे सबलेट कर दिया है और हो यह रहा है कि उन छोटे-छोटे ठेकेदारों को भी उनके कामों का भुगतान नहीं हो पा रहा है और नहीं ही हमे इस फोरलेन प्रोजेक्ट को पूरा होने की कोई सम्भावना दिखाई दे रही है. रामलाल ठाकुर ने कहा कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस सड़क में बहुत बड़ी वित्तिय धांधलियां भी हुई हैं, उनकी सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिए.

करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व वहां कार्यरत लोगों की तनख्वाहें देनी बाकी

इस फोरलेन रोड को बनाने वाली कंपनी ने तो अपने आप को तो दिवालिया घोषित कर दीया, लेकिन हमारे एक अनुमान के मुताबिक अभी भी करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व वहां कार्यरत लोगों की तनख्वाहें देनी बाकी है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि जिस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत और पूरे होने तक कि लागत में दुगनी राशि का फर्क आ जाए तो समझ जाओ की बहुत बड़ी वित्तिय धांधलियां की गई है.

कीरतपुर नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस रोड एक बहुत बड़ा घोटाला है, क्योंकि चाहे लोगों की जमीनों का अधिग्रहण हो या लोगों की जमीनों के पैसे देने की बात हो या फिर कुछ कंपनी के चहेतों को काम देने की बात हो.

सीबीआई से करवाई जानी चाहिए जांच

इसकी पूरी जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए जिससे जितना भी पैसा इन परियोजनाओं पर लगता है, वह देश का पैसा होता है, वह इस देश की जनता का पैसा होता है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2012-13 में युपीए सरकार की देन रही है.

उन्होंने कहा कि यह योजना 2012 में शुरू किया गया था और इस फोरलेन को 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बार-बार इसकी डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद यह परियोजना पूरी होती नजर नहीं आ रही है.

1818 करोड़ रुपए की योजना 3500 करोड़ रुपए तक पहुंची

1818 करोड़ रुपए से बनने वाली योजना वर्तमान में 3500 करोड़ रुपए के करीब पहुंच चुकी है. पिछले डेढ़ वर्ष से परियोजना का काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. हालात यह है कि यह परियोजना कब पूरी होगी इसके बारे में किसी के पास भी कोई जवाब नहींं है. 84.38 किलोमीटर लंबे फोरलेन का अभी मात्र कुछ ही किलोमीटर काम पूरा हो पाया है.

कीरतपुर से नेरचौक नागचला तक बनने वाले फोरलेन में पांच यातायात सुरंगों के निर्माण सहित 17 बड़े-छोटे पुल बनने हैं, लेकिन सभी कार्य अभी तक अधूरे है. अभी 1455.73 करोड़ की स्वीकृति हो चुकी है फिर भी नए टेंडर के लिए देरी क्यों बरती जा रही है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि एक नोडल आफिसर की नियुक्ति अपनी तरफ से की जानी चाहिए, जिससे वहां पर कार्य कर ठेकेदारों और अन्य कामगारों के कामों का भुगतान सही समय पर और सही आकलन करके किया जा सके.

पढ़ें: 194 TGT पदों को भरने के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू, बीएड के साथ टेट पास होना जरूरी

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