बिलासपुरः जिला बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी की ओर से कोरोना काल में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए से की गई नई ताजपोशी के तीन महीने बाद भी जिला का कुनबा जुड़ नहीं पाया है. इसके लिए जहां बिलासपुर कांग्रेस की अंर्तकलह एक कारण है. वहीं, दिग्गजों और नई अध्यक्षा के बीच में सही तालमेल का न होना भी एक कारण माना जा रहा है.
इस बारे में जिला के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के पास भी कार्यकारिणी न बनने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं है. सदर से पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष रहे बंबर ठाकुर के बीच भी संगठनात्मक तालमेल नहीं है, जिस कारण तीन विस क्षेत्रों में अभी तक खंड स्तरीय कमेटियां तक नही बन पाई है. सदर से पूर्व विधायक रहे बंबर ठाकुर हैं तो कांग्रेस के हैं, लेकिन उनकी टीम अलग है जबकि कार्यशैली में भी उनका अलग रूतबा है.
ऐसे में नई जिला बिलासपुर अध्यक्षा अंजना धीमान के लिए सभी को एक मंच पर लाना एक बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनावों के पहले बनते बिगड़ते समीकरणों से भी वाकिफ है. वहीं, दूसरी ओर नैना देवी, स्वारघाट में यह टीमें प्रदेश हाईकमान की संस्तुति के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में क्रियाशील हैं.
जिला कांग्रेस की कमेटी की अध्यक्षा अंजना धीमान का दावा है कि इसी महीने के अंत तक पूरे जिले में नई कार्यकारिणी का गठन हो जाएगा और काम भी शुरू होगा. नई कार्यकारिणी का गठन न होना कार्यकर्ताओं में भी असंतोष पैदा कर रहा है.
काफी लंबे समय से जिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी घोषित न होने के चलते जिला के वरिष्ठ नेताओं में भी इसका मलाल देखा गया है. सदर पूर्व विधायक की बात करें तो उन्होंने जिला कांग्रेस कमेटी से काफी दूरियां बनाकर रखी है.
कांग्रेस कमेटी का कोई भी कार्यक्रम में हमेशा सदर पूर्व विधायक नदारद दिखते हैं. ऐसे में अध्यक्षा का यह भी कहना है कि सदर पूर्व विधायक को हर एक कार्यक्रम की सूचना दी जाती है, लेकिन अपने कार्यों की व्यस्तता से वह उपस्थित नहीं हो पाते हैं. वहीं, यह क्यास भी लगाए जा रहें हैं कि जिला कांग्रेस कमेटी में आपसी तालमेल सही न होना भी इसका कारण हो सकता है.
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