बिलासपुर: पुलिस का काम क्षेत्र में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने का है, लेकिन पुलिस अपने सामाजिक दायित्वों का भी समय-समय पर शिद्दत से निर्वहन करती है. ऐसा ही एक वाक्या बिलासपुर पुलिस के साथ पेश आया, जहां पर पुलिस ने मानवता को ध्येय मानकर एक गंभीर रूप से घायल मानसिक रोगी की पूरी तरह से तीमारदारी की बल्कि छह साल बाद उसे उसके परिवार के साथ मिलाकर पुण्य का काम किया.
जानकारी के अनुसार दिवाली के दिन जहां पर पूरी दुनिया त्योहार का आनंद ले रही थी, तभी पुलिस को कोठीपुरा के पास गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की सूचना मिली. पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए उस व्यक्ति को उठाया और अस्पताल में दाखिल करवाया.
व्यक्ति की कई हड्डियां टूट चुकी थी
गंभीर रूप से घायल इस व्यक्ति की कई हड्डियां टूट चुकी थी, जबकि मानसिक रूप से भी यह व्यक्ति बीमार था. पुलिस के लिए यह बहुत मुश्किल हो रहा था कि यदि इस व्यक्ति की जान पहचान का पता लग जाता तो उसके परिजनों को सूचित करते, लेकिन इस व्यक्ति की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने इसे बिलासपुर से आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया.
उक्त व्यक्ति पंजाब का है
सूत्र बताते हैं कि आईजीएमसी शिमला में एक चिकित्सक ने जब पंजाबी में उससे बात करने की कोशिश की तो मरीज ने सकारात्मक संकेत दिए. काफी मशक्कत के बाद उक्त व्यक्ति का पता चल पाया. पुलिस को सूचना मिली कि उक्त व्यक्ति पंजाब का है तो प्रशासन ने व्यक्ति के परिजनों को बुलाया व कागजी कार्रवाई के बाद 25 दिसंबर को परिजनों को सौंप दिया.
उधर, थाना सदर एसएचओ यशवंत ठाकुर की अगवाई में इस पूरे कार्य को अंजाम दिया गया. एसएचओ ठाकुर ने बताया कि 41 दिनों तक इस नामालूम व्यक्ति की पुलिस ने हर संभव सहायता की और इसे इसके परिजनों से मिलवाया.