बिलासपुर: बिलासपुर ब्लड बैंक पूरे प्रदेशभर में प्रथम स्थान हासिल किए हुए है. मार्च माह में शुरू हुए लॉकडाउन के समय में बिलासपुर ब्लड बैंक ने पूरे प्रदेशभर के ब्लड बैंकों तक जरूरत के हिसाब के ब्लड पहुंचाया हुआ है. हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल शिमला आईजीएमसी से लेकर मंडी, हमीरपुर, शिमला, टांडा सहित अन्य जिलों के अस्पतालों तक ब्लड बिलासपुर से भेजा गया है. ऐसे में बिलासपुर ब्लड बैंक को सरकार व अन्य संस्थाओं द्वारा समानित भी किया जा चुका है.
देश भर में मार्च माह में लगे लॉकडाउन से लेकर सितंबर माह तक बिलासपुर जिला में लगभग 16 रक्तदान शिविर आयोजित किए जा चुके हैं. इन शिविरों में दर्जनों रक्त दाताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया है. बिलासपुर में सबसे तेजी से कार्य करने वाली व्यास रक्तदाता समिति बिलासपुर रक्तदान को लेकर पूरे प्रदेश सहित देश भर में बेहतरीन कार्य कर रही है.
व्यास रक्तदाता समिति बिलासपुर के कई डोनर सैकड़ों बार कर चुके है रक्तदान
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए व्यास रक्तदाता समिति के अध्यक्ष करण चंदेल ने बताया कि वह रक्तदान की कमी को लेकर हिमाचल ही नहीं बल्कि बाहरी राज्यों में भी व जरूरतमंद को रक्त मुहैया करवाते हैं.
व्यास रक्तदाता समिति के आंकड़ों की बात करें तो बिलासपुर में एक ऐसे शख्स भी हैं, जो 100 से ज्यादा बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं. वहीं ऐसे में व्साय रक्तदाता समिति के कई पदाधिकारियों ने दर्जनों के हिसाब से रक्तदान किया. आम दिनों में बिलासपुर ब्लड बैंक में कम में कम दो यूनिट दान करता है. खासकर लॉकडाउन के दौरान व्यास रक्तदाता समिति ने हर रोज तीन से चार यूनिट ब्लड रक्तदान केंद्र बिलासपुर में जमा करवाया है.
ब्लड बैंक बिलासपुर की सीनियर सटॉफ नर्स भावना ठाकुर ने बताया कि लोगों से आह्वन करते हुए कहा कि रक्त के लिए लोगों को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं. कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में बिलासपुर के लोगों ने यह साबित कर दिया है.
मार्च से सितंबर तक जमा हुआ 1486 यूनिट ब्लड
ब्लड बैंक बिलासपुर से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक बिलासपुर जिला में कोरोना काल से लेकर अभी तक 1486 यूनिट ब्लड जमा किया जा चुका है. वहीं, ब्लड बैंक बिलासपुर की क्षमता की बात करें तो 400 से अधिक यूनिट की कैपेसिटी बिलासपुर ब्लड बैंक में है.
हिमाचल में हैं कुल 22 ब्लड बैंक
हिमाचल में कुल 22 ब्लड बैंक हैं, जिसमें से आईजीएमसी शिमला में एकमात्र मॉडल ब्लड बैंक है, जहां हर तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. आईजीएमसी के मॉडल ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट भी स्थापित है.
आईजीएमसी शिमला में हर साल 18 से 20 हजार ब्लड यूनिट इकट्ठा होता है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में 50 हजार यूनिट ब्लड भंडारण होता है. इसमें सबसे अधिक ब्लड डोनेशन में योगदान वॉलंटियर्स का रहता है. हिमाचल में करीब 85 फीसदी ब्लड इन्ही वॉलंटियर्स की वजह से होता है.
कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे पहाड़ी राज्य के बिलासपुर जिला के लोगों ने कोरोना महामारी की इस लड़ाई में एकजुटता और इनसानियत की मिसाल पेश की है. यह लोग उस दौरान लोगों की मदद करने के लिए आगे आए, जब सभी लोग कोरोना के खौफ में जी रहे थे. समाज में ऐसे लोगों और संस्थाओं की जरूरत है, जो किसी भी परिस्थितियों में जनसेवा के लिए आगे आकर मदद करते रहें.
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