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करवा चौथ से ज्यादा कठिन होता है चिड़ियों का व्रत, महिलाएं शिव पूजा कर मांगती हैं वर

हिमाचल प्रदेश व्रत एवं त्यौहारों की धरती है, जहां कई तरह के व्रत और त्यौहार मनाए जाते हैं. सबसे कठिन व्रतों में से एक हरितालिका तीज व्रत के नियम करवा चौथ व्रत से भी ज्यादा कठिन होते हैं. इस व्रत को पहाड़ी भाषा में चिड़ियों का व्रत कहा जाता है.

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Published : Sep 3, 2019, 1:19 PM IST

बिलासपुर: हरितालिका तीज व्रत पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं. व्रत के दौरान महिलाएं समूहों में इकट्ठा होकर कई प्रकार के फूल-फलों और पत्तों से शिव भगवान की पूजा करती हैं.

पूजा के दौरान महिलाएं सौभाग्य प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं. व्रत के दौरान महिलाएं दो दिन तक अन्न और जल ग्रहण नहीं करतीं. महिलाएं चौथ के दूसरे दिन व्रत तोड़ती हैं. व्रत तोड़ने से पहले शिव भगवान के दर्शन किये जाते हैं. नई दुल्हन की तरह सजी महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं.

fasting of haritalika teej
डिजाइन फोटो.

मान्यता है कि इस व्रत को पार्वती माता ने शिव भगवान को पाने के लिए किया था और जंगल में विभिन्न प्रकार के फूलों और पत्तों से शिव भगवान की पूजा की थी. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए महिलाएं आज भी बड़े उत्साह के साथ इस व्रत को करती हैं.

वीडियो.

बिलासपुर: हरितालिका तीज व्रत पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं. व्रत के दौरान महिलाएं समूहों में इकट्ठा होकर कई प्रकार के फूल-फलों और पत्तों से शिव भगवान की पूजा करती हैं.

पूजा के दौरान महिलाएं सौभाग्य प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं. व्रत के दौरान महिलाएं दो दिन तक अन्न और जल ग्रहण नहीं करतीं. महिलाएं चौथ के दूसरे दिन व्रत तोड़ती हैं. व्रत तोड़ने से पहले शिव भगवान के दर्शन किये जाते हैं. नई दुल्हन की तरह सजी महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं.

fasting of haritalika teej
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मान्यता है कि इस व्रत को पार्वती माता ने शिव भगवान को पाने के लिए किया था और जंगल में विभिन्न प्रकार के फूलों और पत्तों से शिव भगवान की पूजा की थी. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए महिलाएं आज भी बड़े उत्साह के साथ इस व्रत को करती हैं.

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Intro:हिमाचल प्रदेश व्रत एवं त्योहारों की धरती है और यहां पर कई तरह के व्रत त्यौहार मनाए जाते हैं इन्हीं में से एक व्रत है जिसके नियम करवा चौथ से भी कठिन है यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सौभाग्य प्राप्ति के लिए करती ह यह हरितालिका का तीज का व्रत है इसे पहाड़ी भाBody:Byte vishulConclusion:हिमाचल प्रदेश व्रत एवं त्योहारों की धरती है और यहां पर कई तरह के व्रत त्यौहार मनाए जाते हैं इन्हीं में से एक व्रत है जिसके नियम करवा चौथ से भी कठिन है यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सौभाग्य प्राप्ति के लिए करती ह यह हरितालिका का तीज का व्रत है इसे पहाड़ी भाषा में चिड़ियों का व्रत भी कहा जाता है इस व्रत के दौरान महिलाएं समूहों में इकट्ठा होकर नाना प्रकार के फूलों से फलों से और पत्तों से शिव भगवान की पूजा करती हैं और सौभाग्य प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है

व्/ओ

हालांकि यह व्रत करवा चौथ से भी कठिन है और इस दिन इस व्रत के दौरान महिलाएं 2 दिन अन्न जल ग्रहण नहीं करती और चौथ के दिन दूसरे दिन व्रत खोल कर भोजन करती हैं और उसके बाद शिव भगवान के दर्शन करते हैं आरती होती है और यह व्रत पूर्ण होता है कहते हैं कि इस व्रत को पार्वती माता ने शिव भगवान को पाने के लिए व्रत किया था और जंगल में विभिन्न प्रकार के फूलों पत्तों से शिव भगवान की पूजा की थी और उसी की तर्ज पर महिलाएं आज भी बड़े उत्साह के साथ इस व्रत को करती हैं नवविवाहित दुल्हन की तरह सजी महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगा कर पूजा अर्चना करने के उपरांत व्रत को खोलती है

bite महिला नीलू शर्मा
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