बिलासपुर: आज बरमाणा में अडानी ग्रुप के साथ बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक होगी, जिसमें ट्रक ऑपरेटरों को उम्मीद है कि अब यह मामला सुलझ जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि इतने लंबे अंतराल के बाद होने वाली दोनों पक्षों की बैठक में कोई हल निकल सकता है. हालांकि, इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार मध्यस्थता कर रही है, लेकिन दोनों पक्षों अडानी समूह प्रबंधन और बीडीटीएस की आमने-सामने यह पहली बैठक होगी.
माल भाड़े में 1 रुपए 21 पैसे कम किए: इससे पहले बीडीटीएस प्रबंधन ने नुकसान से बचने के लिए 11.41 रुपए प्रति किलोमीटर मालभाड़ा दिए जाने की जिद छोड़कर समझौता करने के लिए किराया दर में 1 रुपए 21 पैसे की कमी की है. इसके अतिरिक्त बीडीटीएस एग्रीमेंट के तहत 15000 मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर ढुलान दिए जाने की मांग की जाएगी.
हिमाचल में सीमेंट डिमांड पर चर्चा: बैठक में अडानी समूह से पंजाब के सभी जगह के डंप को दोबारा शुरू करने की मांग भी की जाएगी. वहीं, वापसी दिए जाने का मामला भी जोर-शोर से उठाया जाएगा, ताकि पंजाब के डंप को सीमेंट लेकर जाने वाले ट्रकों को वापसी में सामान मिल सके. बैठक में हिमाचल में भी सीमेंट डिमांड बढ़ाने की चर्चा की जाएगी. यदि डिमांड बढ़ती है तो ट्रक ऑपरेटरों को ज्यादा काम मिलेगा.
तालाबंदी खोलने की मांग होगी: तालाबंदी से पहले एसीसी बरमाणा में केवल 5 से 6 हजार मीट्रिक टन डिमांड ही ट्रक ऑपरेटरों को मिल रही थी. इस कारण ऑपरेटरों को नुकसान हो रहा था. इसके अतिरिक्त पंजाब के डंप भी बंद कर दिए गए थे. इस कारण ऑपरेटरों को केवल हिमाचल में ही सीमेंट ढुलान मिल रहा था. बैठक में तालाबंदी को शीघ्र खोलने की मांग की जाएगी. उन्होंने बताया कि बैठक में ऑपरेटरों के हितों की पैरवी की जाएगी.
सरकार करेगी अधिसूचना जारी: बीडीटीएस ने किराए की मौजूदा दर को कम कर दिया और प्रदेश सरकार को 10.20 रुपए तक समझौता करने की बात कही है. सरकार द्वारा किराए को लेकर अधिसूचना जारी किए जाने के बाद ही आगामी निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि हिमाचल में अडानी समूह और बीडीटीएस के बीच काफी समय से किराए को लेकर बात नहीं बन पा रही है. 15 दिसंबर को अडानी ने सोलन के अंबुजा सीमेंट प्लांट और बिलासपुर के एसीसी सीमेंट प्लांट में उत्पादन बंद कर दिया था और इसके लिए नुकसान का हवाला दिया. कंपनी प्रबंधन के मुताबिक ट्रकों से सीमेंट की ढुलाई बहुत महंगी पड़ रही है. जिसके बाद से दोनों पक्षों के बीच माल ढुलाई की दर पर खींचतान चल रही है.
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