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आयुर्वेद चिकित्सा संघ ने वेतनमान को लेकर उठाई मांग, कहा- अभी भी 4-9-14 से वंचित हैं पदाधिकारी - दंत चिकित्सक के समकक्ष वेतनमान

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ बिलासपुर ने वेतनमान बढ़ाने को लेकर उठाई मांग. साथ ही वेतन विसंगति के साथ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को टाईम स्केल को लेकर भी गुहार लगाई है.

Ayurveda Medical Association press conference at bilaspur
Ayurveda Medical Association press conference at bilaspur
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Published : Dec 4, 2019, 10:44 PM IST


आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक ठाकुर ने कहा कि आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों का वेतन अन्यों के मुकाबले कम होने के कारण यह वर्ग खुद को बाकी वर्गों से पिछड़ा हुआ मानते हैं.

लिहाजा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ ने सरकार से मांग की है कि देश व प्रदेश की उन्नति में अहम रोल अदा करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों की इस मांग पर गहनता से विचार किया जाए और अमलीजामा पहनाया जाए. साथ ही वेतन विसंगति के साथ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को टाईम स्केल मिला चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट.

अध्यक्ष ने कहा उन्हें वैटनरी, दंत चिकित्सक के समकक्ष वेतनमान दिया जाए. देश और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से क्रियान्वित करने के लिए आयुर्वेद विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है.

ग्राम सभा कार्यक्रम, स्कूल अडॉप्शन कार्यक्रम, टीबी मुक्त अभियान, अनिमिया कार्यक्रम आदि में आयुर्वेद विभाग की भूमिका अहम रहती है. उन्होंने कहा कि ओपीडी से बाहर भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए भी आयुर्वेद अधिकारी संघ सदैव तत्पर रहता है. हैरानी का विषय है कि फिर भी इस वर्ग के साथ वेतन के मामले में पक्षपात किया जाता रहा है.

डॉ. अभिषेक ने कहा कि उनका अन्य वर्गों के साथ कोई विरोधाभास नहीं है. बावजूद इसके इस वर्ग को उनका मान सम्मान नहीं मिल पाता जिस कारण स्वयं को कुंठित महसूस करना लाजिमी है. इसके अलावा अन्य संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें अब तक 4-9-14 के लाभों से भी वंचित रखा गया है. पीजी करने वाले चिकित्सकों के लिए पीजी पालिसी बनाने की भी मांग की है.


आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक ठाकुर ने कहा कि आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों का वेतन अन्यों के मुकाबले कम होने के कारण यह वर्ग खुद को बाकी वर्गों से पिछड़ा हुआ मानते हैं.

लिहाजा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ ने सरकार से मांग की है कि देश व प्रदेश की उन्नति में अहम रोल अदा करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों की इस मांग पर गहनता से विचार किया जाए और अमलीजामा पहनाया जाए. साथ ही वेतन विसंगति के साथ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को टाईम स्केल मिला चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट.

अध्यक्ष ने कहा उन्हें वैटनरी, दंत चिकित्सक के समकक्ष वेतनमान दिया जाए. देश और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से क्रियान्वित करने के लिए आयुर्वेद विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है.

ग्राम सभा कार्यक्रम, स्कूल अडॉप्शन कार्यक्रम, टीबी मुक्त अभियान, अनिमिया कार्यक्रम आदि में आयुर्वेद विभाग की भूमिका अहम रहती है. उन्होंने कहा कि ओपीडी से बाहर भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए भी आयुर्वेद अधिकारी संघ सदैव तत्पर रहता है. हैरानी का विषय है कि फिर भी इस वर्ग के साथ वेतन के मामले में पक्षपात किया जाता रहा है.

डॉ. अभिषेक ने कहा कि उनका अन्य वर्गों के साथ कोई विरोधाभास नहीं है. बावजूद इसके इस वर्ग को उनका मान सम्मान नहीं मिल पाता जिस कारण स्वयं को कुंठित महसूस करना लाजिमी है. इसके अलावा अन्य संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें अब तक 4-9-14 के लाभों से भी वंचित रखा गया है. पीजी करने वाले चिकित्सकों के लिए पीजी पालिसी बनाने की भी मांग की है.

Intro:वैटनरी, दंत चिकित्सक के समकक्ष वेतनमान की आयुर्वेद चिकित्सा संघ ने उठाई मांग
संघ ने कहा कि अभी भी 4-9-14 से वंचित है कई पदाधिकारी
बिलासपुर में पत्रकारवार्ता कर संघ ने बताई अपनी मांगे

बिलासपुर।

इसमें तनिक भी संदेह नहीं है भारतीय चिकित्सा पद्धति की रीढ़ प्राचीन आयुर्वेद को केंद्र और प्रदेश सरकार ने बहुत महत्व दिया है। किंतु आयुर्वेद विभाग में काम करने वाले चिकित्सकों के वेतन में अन्यों के मुकाबले भारी अंतराल होने के कारण यह वर्ग स्वयं को कुंठित सा महसूस करता है। लिहाजा सरकार से मांग की जाती है कि देश व प्रदेश की उन्नति में अहम रोल अदा करने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों की इस चिरप्रतिक्षित मांग पर गहनता से विचार किया जाए और अमलीजामा पहनाया जाए। Body:यह बात बिलासपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में हिमाचल प्रदेश आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ बिलासपुर इकाई के अध्यक्ष और प्रदेश सह प्रैस प्रवक्ता डा, अभिषेक ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि वेतन विसंगति के साथ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को टाईम स्केल मिला चाहिए। ठाकुर ने कहा उन्हें वैटनरी, दंत चिकित्सक के समकक्ष वेतनमान दिया जाए। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से क्रियान्वित करने के लिए आयुर्वेद विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है। Conclusion:
ग्राम सभा कार्यक्रम, स्कूल अडॉप्शन कार्यक्रम, टीबी मुक्त अभियान, अनिमिया कार्यक्रम आदि में आयुर्वेद विभाग की भूमिका अहम रहती है। उन्होंने कहा कि ओपीडी से बाहर भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने ही नहीं अपितु दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए भी आयुर्वेद अधिकारी संघ सदैव तत्पर रहता है। लेकिन हैरानी का विषय है कि इस वर्ग के साथ वेतन के मामले में पक्षपात किया जाता रहा है। डा,् अभिषेक ने कहा कि उनका अन्य वर्गों के साथ कोई विरोधाभास नहीं है। बावजूद इसके इस वर्ग को उनका मान सम्मान नहीं मिल पाता जिस कारण स्वयं को कुंठित महसूस करना लाजिमी है। इसके अलावा अन्य संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें अब तक 4-9-14 के लाभों से भी वंचित रखा गया है। उन्होंने पीजी करने वाले चिकित्सकों के लिए पीजी पालिसी बनाने की भी मांग की है। इस मौके पर डा् विक्रमादित्य गौतम, डा् अश्विन, डा् सुनील, आदित्या, डा, संजय कुमार, डा् मंजू, डा् संजीव पठानिया, डा् विकास आदि मौजूद रहे।
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