बिलासपुर : स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें पहले से अब और अधिक बढ़ गई हैं. कोविड-19 कोरोना वायरस के साथ-अब डेंगू को लेकर भी जिले में अलर्ट जारी किया गया है. जून, जुलाई, अगस्त और सिंतबर में डेंगू का पीक टाइम माना जाता है.
वहीं, बिलासपुर डेंगू मामलों को लेकर रेड जोन में है, हालांकि पिछले साल 2019 की बात करें तो सिर्फ 38 मामले ही सामने आए थे, लेकिन 2018 में 2000 से अधिक मामले सामने आने के बाद बिलासपुर जिले पर स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस रहता है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हल्की सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. वहीं, अगर कोरोना समय के बीच में डेंगू बीमारी अधिक फैल गई तो यहां पर स्थिति कंट्रोल से बाहर हो सकती है.
जिले में अलर्ट जारी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह साफ किया है, कि अभी तक जिले में डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया, लेकिन एहतियातन जिले में अलर्ट जारी किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल में डेंगू से निपटने की पूरी तैयारियां की है. डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने टीमों का भी गठन किया गया. स्वास्थ्य अमला घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेगा. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोविड और डेंगू को लेकर दोनों के जागरूकता बोर्ड शहर में लगाना भी शुरू कर दिए हैं.
2018 में ज्यादा मामले आए सामने
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह ने बताया डेंगू मामलों को लेकर जिला अस्पताल में एलिजा टेस्ट किया जाएगा. वहीं, अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को आदेश जारी किए गए. अगर किसी भी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं, तो तुरंत प्रभाव से उनको जिला अस्पताल भेजा जाए, ताकि संदिग्धता के आधार पर लोगों का डेंगू टेस्ट किया जाकर समय पर इलाज चालू हो.
2018 में डेंगू के सैंकड़ों मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद की टीमें लगातार दो साल तक फील्ड में कार्य करती रही. लगभग एक साल लगातार पूरे क्षेत्र में फॉगिंग की गई, ताकि कोई भी डेंगू के मामले सामने न आए पाए.