शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर को हिमाचल आ रहे हैं. पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स का उद्घाटन (PM Modi Bilaspur tour) करेंगे. अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर अब जनता की सुविधा के लिए तैयार है, और 5 अक्टूबर को पीएम मोदी खुद इसे जनता को समर्पित कर देंगे.
2017 में पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास: 1470 करोड़ रुपए की लागत से बने एम्स बिलासपुर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2017 को लुहणू में किया था. उसके बाद 21 जनवरी 2019 को भूमि पूजन के बाद जून 2019 में इसके निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया था. 247 एकड़ भूमि पर बने एम्स का प्रत्येक भवन सड़क से जुड़ा है. ओपीडी के साथ अस्पताल में 750 बिस्तर होंगें, जिनमें 320 साधारण व 300 बिस्तर विशिष्ट श्रेणी के होंगे. इमरजेंसी व ट्रॉमा के साथ 130 बिस्तरों का इंटेंसिव केयर यूनिट अलग से होगा.
एम्स में अत्याधुनिक सुविधाएं: 247 एकड़ में फैला यह अस्पताल 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस सुविधाओं, अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी आधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनों, अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तरों वाला आयुष ब्लॉक से लैस है. अस्पताल ने हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh aiims) के आदिवासी और दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है. साथ ही, काजा, सलूणी और केलांग जैसे दुर्गम आदिवासी और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अस्पताल द्वारा विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी.
ओपीडी और आईपीडी की सुविधा: एम्स में ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाओं के साथ-साथ आईपीडी (इंडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) की सुविधा शुरू होना बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के लिए गौरव की बात है. हिमाचल प्रदेश अब स्वास्थ्य की दृष्टि से आत्म निर्भर होगा और किसी भी मरीज को हिमाचल से बाहर उपचार के लिए जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. बिलासपुर में एम्स संस्थान होने से शिमला ही नहीं बल्कि कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल काॅलेज, हमीरपुर सहित अन्य जिलों के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों को भी राहत मिलेगी.
एम्स में ये सुविधाएं भी मिलेगी: इसी के साथ बिलासपुर के एम्स में 9 स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और 9 ही सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट होंगे. जिनमें मुख्य रूप से जनरल मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई सुविधाएं भी मिलेंगी. वहीं, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ओपीडी में मिलेगी.
एम्स परिसर पांच ब्लॉक में विभाजित: एम्स बिलासपुर के अस्पताल परिसर को पांच अलग-अलग ब्लॉक में विभाजित किया गया है. इसमें पहला ए ब्लॉक होगा, जिसमें 150 आईपीडी बेड स्थापित होंगे. उसके बाद बी ब्लॉक में 10 सुपर स्पेशलिटी बेड स्थापित (Facilities in AIIMS Bilaspur) होंगे. ब्लॉक सी में लैब, रेडियोलॉजिस्ट और पैथ लैब स्थापित कर दी गई है. ब्लॉक डी में दो ऑपरेशन थियेटर, दो जनरल ऑपरेशन थियेटर और एक गायनी ऑपरेशन थियेटर स्थापित होगा. इसके साथ यहां 10 बेड की व्यवस्था भी की गई है. अस्पताल परिसर का अंतिम और लास्ट ब्लॉक ई होगा, जिसमें 16 बिस्तर आईसीयू में स्थापित कर दिए गए हैं.
मेडिकल कॉलेज के अलावा नर्सिंग कॉलेज भी: एम्स में एक मेडिकल कॉलेज भी है, जिसमें 100 सीटें आरक्षित होंगी. इसके अलावा यहां एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा. इस नर्सिंग कॉलेज में 60 सीटें होंगी. एम्स बिलासपुर में अलग-अलग आठ हॉस्टल भी हैं. सभी नर्सिंग स्टॉफ, चिकित्सकों को आवास की सुविधा एम्स बिलासपुर के अंदर दी जा रही है. एम्स में 12 जनवरी 2021 को ही एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू कर दी गई थी और 50 सीटों पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा था. अब इस वर्ष 100 सीटों को शुरू करने की तैयारी कर दी गई है. कॉलेज में भी 60 सीटों पर नर्सिंग स्टाफ व अन्य को प्रशिक्षित किया जाएगा. एम्स परिसर में चार बड़े-बड़े सभागार 120 बच्चों की बैठने की क्षमता के साथ बनकर तैयार है. परिसर में 155 नर्सिंग स्टॉफ को तैनात कर दिया गया है. नर्सिंग कॉलेज को शुरू करने के लिए सात नर्सिंग ट्यूटर, पांच प्रोफेसर सहित अन्य स्टॉफ को तैनात किया गया है.
किस क्षेत्र से कितनी होगी एम्स की दूरी
हमीरपुर | 1ः30 घंटे | कुल्लू | 4ः30 घंटे |
शिमला | 3ः00 घंटे | सोलन | 4ः30 घंटे |
मंडी | 2ः00 घंटे | चंबा | 8ः00 घंटे |
कांगड़ा | 4ः00 घंटे | किन्नौर | 9ः00 घंटे |
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