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डिप्टी डायरेक्टर को कमरे में बंद करने के मामले में कार्रवाई, ड्यूटी स्टाफ बदलने के आदेश - डिप्टी डायरेक्टर के साथ दुर्व्यवहार

एसओएस परीक्षा में नकल करने के मामले में बिलासपुर के एक निजी स्कूल के खिलाफ प्रारंभिक शिक्षा विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार ने शिक्षा बोर्ड धर्मशाला को पत्र भेजा था. जिस पर प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने कड़ा संज्ञान लिया है. साथ ही जांच के आदेश जारी किए हैं.

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Published : Sep 18, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 5:23 PM IST

बिलासपुर: प्रारंभिक शिक्षा विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार की ओर से एक निजी स्कूल में लापरवाही पाए जाने पर शिक्षा बोर्ड धर्मशाला को लिखित शिकायत पत्र भेजा था. जिस पर प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने कड़ा संज्ञान लिया है.

चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुठेड़ा के निजी स्कूल में एसओएस एग्जाम के लिए नियुक्त स्टाफ की जगह सरकारी स्टाफ की तैनाती करने के आदेश जारी किए हैं. इसके साथ ही डिप्टी डायरेक्टर के साथ हुए घटनाक्रम की जांच करवाने का निर्णय लिया है. जल्द ही प्रशासनिक व विभागीय स्तर की एक टीम संयुक्त टीम इस मामले की जांच शुरू करेगी.

शिक्षा बोर्ड चेयरमैन के अनुसार यह बड़ा ही संगीन मामला है कि एसओएस एग्जाम के औचक निरीक्षण के लिए निजी स्कूल पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनके कार्य में बाधा डाली गई. हालांकि इस बीच डिप्टी डायरेक्टर ने परीक्षा हॉल में नकल के ग्यारह केस बनाए.

उन्होंने बताया कि डिप्टी डायरेक्टर ने लिखित पत्र भेजा है, इस पर संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई के तहत निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में कार्यरत निजी स्टाफ बदलने के लिए आदेश जारी किए गए हैं. वहां पर सरकारी स्टाफ की तैनाती की जाएगी.

घटना की जांच के लिए भी आदेश जारी

इसके अलावा डिप्टी डायरेक्टर के साथ हुए घटना की जांच के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं और जल्द ही एक टीम इस पूरे मामले की गहन जांच करेगी. जांच टीम की रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

उधर, ऐलीमेंटरी एजुकेशन बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार ने बताया कि पिछले दिन उन्होंने लिखित शिकायत पत्र प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को प्रेषित किए हैं और बोर्ड व शिक्षा विभाग से परीक्षा केंद्र व स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा उनके साथ हुए दुर्व्यवहार मामले की जांच करवाए जाने का आग्रह भी किया गया है. इसके साथ ही वास्तुस्थिति से अवगत करवाने के लिए जिलाधीश को भी पत्र लिखा गया है.

यह है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि कुठेड़ा के एक निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में औचक निरीक्षण के दौरान प्रबंधन की ओर से डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार व उनके फ्लाइंग स्क्वायड में शामिल सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था. यहां तक कि उन्हें दस मिनट तक कमरे में बंधक बनाए रखा.

चेकिंग के लिए निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर ने नकल के 11 केस बनाए. बता दें कि सप्लीमेंट्री एग्जाम के तहत जिला में 15 सेंटर बनाए गए हैं. बीते मंगलवार से यह एग्जाम शुरू हुए हैं, जिसके औचक निरीक्षण के लिए तीन फ्लाइंग स्क्वायड टीमों का गठन गया है. एक प्रारंभिक, एक उच्च व एक निरीक्षण विंग की टीम सेंटरों का निरीक्षण कर रही हैं.

पढ़ें: आबकारी विभाग की कार्रवाई, बिना बिल सामान ले जाते व्यापारियों से वसूला जुर्माना

बिलासपुर: प्रारंभिक शिक्षा विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार की ओर से एक निजी स्कूल में लापरवाही पाए जाने पर शिक्षा बोर्ड धर्मशाला को लिखित शिकायत पत्र भेजा था. जिस पर प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने कड़ा संज्ञान लिया है.

चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुठेड़ा के निजी स्कूल में एसओएस एग्जाम के लिए नियुक्त स्टाफ की जगह सरकारी स्टाफ की तैनाती करने के आदेश जारी किए हैं. इसके साथ ही डिप्टी डायरेक्टर के साथ हुए घटनाक्रम की जांच करवाने का निर्णय लिया है. जल्द ही प्रशासनिक व विभागीय स्तर की एक टीम संयुक्त टीम इस मामले की जांच शुरू करेगी.

शिक्षा बोर्ड चेयरमैन के अनुसार यह बड़ा ही संगीन मामला है कि एसओएस एग्जाम के औचक निरीक्षण के लिए निजी स्कूल पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनके कार्य में बाधा डाली गई. हालांकि इस बीच डिप्टी डायरेक्टर ने परीक्षा हॉल में नकल के ग्यारह केस बनाए.

उन्होंने बताया कि डिप्टी डायरेक्टर ने लिखित पत्र भेजा है, इस पर संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई के तहत निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में कार्यरत निजी स्टाफ बदलने के लिए आदेश जारी किए गए हैं. वहां पर सरकारी स्टाफ की तैनाती की जाएगी.

घटना की जांच के लिए भी आदेश जारी

इसके अलावा डिप्टी डायरेक्टर के साथ हुए घटना की जांच के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं और जल्द ही एक टीम इस पूरे मामले की गहन जांच करेगी. जांच टीम की रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

उधर, ऐलीमेंटरी एजुकेशन बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार ने बताया कि पिछले दिन उन्होंने लिखित शिकायत पत्र प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को प्रेषित किए हैं और बोर्ड व शिक्षा विभाग से परीक्षा केंद्र व स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा उनके साथ हुए दुर्व्यवहार मामले की जांच करवाए जाने का आग्रह भी किया गया है. इसके साथ ही वास्तुस्थिति से अवगत करवाने के लिए जिलाधीश को भी पत्र लिखा गया है.

यह है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि कुठेड़ा के एक निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में औचक निरीक्षण के दौरान प्रबंधन की ओर से डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार व उनके फ्लाइंग स्क्वायड में शामिल सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था. यहां तक कि उन्हें दस मिनट तक कमरे में बंधक बनाए रखा.

चेकिंग के लिए निजी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर ने नकल के 11 केस बनाए. बता दें कि सप्लीमेंट्री एग्जाम के तहत जिला में 15 सेंटर बनाए गए हैं. बीते मंगलवार से यह एग्जाम शुरू हुए हैं, जिसके औचक निरीक्षण के लिए तीन फ्लाइंग स्क्वायड टीमों का गठन गया है. एक प्रारंभिक, एक उच्च व एक निरीक्षण विंग की टीम सेंटरों का निरीक्षण कर रही हैं.

पढ़ें: आबकारी विभाग की कार्रवाई, बिना बिल सामान ले जाते व्यापारियों से वसूला जुर्माना

Last Updated : Sep 18, 2020, 5:23 PM IST
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