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अमेरिका और ईरान युद्ध की कगार पर पहुंचने से पहले ठिठके

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे.

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डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Jan 10, 2020, 7:02 AM IST

वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे.

ईरान के हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में अमेरिकी बल सतर्कता बरत रहे हैं.

ह्वाइट हाउस से अपने संदेश में ट्रंप संकट को कमतर करने के प्रयास करते नजर आए. इससे पहले उन्होंने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को मारे जाने की मंजूरी दी थी और विवाद बढ़ने लगा था.

ईरान ने भी रातोंरात जवाब देने का प्रयास किया जो 1979 के बाद अमेरिका पर पहला सीधा हमला था. ईरान ने इराक में दो ठिकानों पर एक दर्जन से अधिक मिसाइलें दागीं. पेंटागन ने बुधवार को कहा कि उसे लगता है कि ईरान ने लोगों को मारने के इरादे से मिसाइल दागे थे.

जनरल सुलेमानी को 'क्रूर आतंकवादी' बताते हुए ट्रंप ने कहा, 'ईरानी सरकार की ओर से कल रात किए गए हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है.'

उन्होंने कहा, ' सुलेमानी को हटाकर हमने आतंकवादियों को एक सख्त संदेश दिया है. अगर आप अपने जीवन को महत्व देते हैं तो आप हमारे लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालेंगे.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामिक स्टेट को खत्म करने के लिए ईरान से 'साथ काम करने का आह्वान' करते हुए कहा कि आईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को मार गिराना ईरान के लिए 'अच्छा' है.

ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ' ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो, जिसके आप हकदार हैं.'

ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने चेतावनी दी कि यह कहना शायद जल्दबाजी होगी कि क्या ईरान इस बात से संतुष्ट है कि मिसाइल हमले सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए काफी हैं.

रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को ब्रीफिंग में कहा, 'हमें कुछ अपेक्षा रखनी चाहिए.'

ये भी पढ़ें-अमेरिका हमले से निपटने की तैयारी में, ईरान का लंबा छद्म युद्ध

उन्होंने कहा, 'शिया मिलिशिया समूह, भले ही ईरान द्वारा निर्देशित हों या नहीं हों, किसी न किसी तरह वहां हमारी राजनीतिक या सैन्य मौजूदगी को कमतर आकने की कोशिश करेंगे.'

उधर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि रात में किया गया हमला पूरी तरह ईरान का जवाब नहीं कहा जा सकता.

वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे.

ईरान के हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में अमेरिकी बल सतर्कता बरत रहे हैं.

ह्वाइट हाउस से अपने संदेश में ट्रंप संकट को कमतर करने के प्रयास करते नजर आए. इससे पहले उन्होंने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को मारे जाने की मंजूरी दी थी और विवाद बढ़ने लगा था.

ईरान ने भी रातोंरात जवाब देने का प्रयास किया जो 1979 के बाद अमेरिका पर पहला सीधा हमला था. ईरान ने इराक में दो ठिकानों पर एक दर्जन से अधिक मिसाइलें दागीं. पेंटागन ने बुधवार को कहा कि उसे लगता है कि ईरान ने लोगों को मारने के इरादे से मिसाइल दागे थे.

जनरल सुलेमानी को 'क्रूर आतंकवादी' बताते हुए ट्रंप ने कहा, 'ईरानी सरकार की ओर से कल रात किए गए हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है.'

उन्होंने कहा, ' सुलेमानी को हटाकर हमने आतंकवादियों को एक सख्त संदेश दिया है. अगर आप अपने जीवन को महत्व देते हैं तो आप हमारे लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालेंगे.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामिक स्टेट को खत्म करने के लिए ईरान से 'साथ काम करने का आह्वान' करते हुए कहा कि आईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को मार गिराना ईरान के लिए 'अच्छा' है.

ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ' ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो, जिसके आप हकदार हैं.'

ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने चेतावनी दी कि यह कहना शायद जल्दबाजी होगी कि क्या ईरान इस बात से संतुष्ट है कि मिसाइल हमले सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए काफी हैं.

रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को ब्रीफिंग में कहा, 'हमें कुछ अपेक्षा रखनी चाहिए.'

ये भी पढ़ें-अमेरिका हमले से निपटने की तैयारी में, ईरान का लंबा छद्म युद्ध

उन्होंने कहा, 'शिया मिलिशिया समूह, भले ही ईरान द्वारा निर्देशित हों या नहीं हों, किसी न किसी तरह वहां हमारी राजनीतिक या सैन्य मौजूदगी को कमतर आकने की कोशिश करेंगे.'

उधर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि रात में किया गया हमला पूरी तरह ईरान का जवाब नहीं कहा जा सकता.

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अमेरिका, ईरान युद्ध की कगार पर पहुंचने से पहले ठिठके



वाशिंगटन, (एपी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संकेत दिया कि वह इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब सैन्य तरीके से नहीं देंगे, जिसके बाद दोनों देश युद्ध की स्थिति में पहुंचने से पहले अपने कदम थामते दिखे.



ईरान के हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन क्षेत्र में अमेरिकी बल सतर्कता बरत रहे हैं.



व्हाइट हाउस से अपने संदेश में ट्रंप संकट को कमतर करने के प्रयास करते नजर आए. इससे पहले उन्होंने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को मारे जाने की मंजूरी दी थी और विवाद बढ़ने लगा था.



ईरान ने भी रातोंरात जवाब देने का प्रयास किया जो 1979 के बाद अमेरिका पर पहला सीधा हमला था. ईरान ने इराक में दो ठिकानों पर एक दर्जन से अधिक मिसाइल दागे. पेंटागन ने बुधवार को कहा कि उसे लगता है कि ईरान ने लोगों को मारने के इरादे से मिसाइल दागे थे.



जनरल सुलेमानी को 'क्रूर आतंकवादी' बताते हुए ट्रंप ने कहा, ' ईरानी सरकार की ओर से कल रात किए गए हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है.'



उन्होंने कहा, ' सुलेमानी को हटाकर हमने आतंकवादियों को एक सख्त संदेश दिया है. अगर आप अपने जीवन को महत्व देते हैं तो आप हमारे लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालेंगे.'



अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामिक स्टेट को खत्म करने के लिए ईरान से 'साथ काम करने का आह्वान' करते हुए कहा कि आईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी को मार गिराना ईरान के लिए 'अच्छा' है.



ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं.



उन्होंने कहा, ' ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो जिसके आप हकदार हैं.' ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने चेतावनी दी कि यह कहना शायद जल्दबाजी होगी कि क्या ईरान इस बात से संतुष्ट है कि मिसाइल हमले सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए काफी हैं.



रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को ब्रीफिंग में कहा, 'हमें कुछ अपेक्षा रखनी चाहिए.'



उन्होंने कहा, 'शिया मिलिशिया समूह, भले ही ईरान द्वारा निर्देशित हों या नहीं हों, किसी न किसी तरह वहां हमारी राजनीतिक या सैन्य मौजूदगी को कमतर आकने की कोशिश करेंगे.'



उधर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमनेई ने कहा कि रात में किया गया हमला पूरी तरह ईरान का जवाब नहीं कहा जा सकता.


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