ऊना: जिला के गांव थानाकलां के विनायक राणा का 'प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम' के लिए चयन हुआ है. ये लर्निंग प्रोग्राम 10 से 24 अक्तूबर को दो चरणों में होगा, जिसमें विनायक इसरो और आईआईटी दिल्ली में वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लेंगे.
प्रधानमंत्री लर्निंग प्रोग्राम के लिए साइंस विषय में केवल 30 छात्रों का ही चयन हुआ है, जिसमें हिमाचल से केवल विनायक ही इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. विनायक ने साउंड अलर्ट वाला इनोवेटिव डस्टबिन बनाया था, जो इंस्पायर अवॉर्ड में राष्ट्रीय स्तर पर भी चयनित हुआ था.
आवाज वाला इनोवेटिव डस्टबिन का मॉडल बनाकर मिसाल पेश करने वाले विनायक राणा के खाते में एक और उपलब्धि शामिल हो चुकी है. विनायक राणा अब 'प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम ध्रुव' के जरिए वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लेंगे.
पहले चरण में 10 अक्टूबर को बेंगलुरु में विशेष प्रशिक्षण सत्र होगा, जिसमें देश भर के 60 छात्र हिस्सा लेंगे. इनमें 30 छात्र साइंस और 30 छात्र आर्ट्स स्ट्रीम के हैं. जिन्हें अलग फील्ड के एक्सपर्ट नये गुर बताएंगे. प्रशिक्षण के दूसरा चरण में आईआईटी दिल्ली में 12 से 23 अक्टूबर तक होगा. इस विशेष प्रशिक्षण में एक्सपर्ट छात्रों को और परफेक्ट बनाएंगे.
विनायक को इसकी सूचना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से मिले पत्र से मिली है. विनायक ने साल 2018 में इंस्पायर अवार्ड में हिस्सा लेकर साउंड अलर्ट वाला डस्टबिन तैयार किया था. उस दौरान विनायक का ये मॉडल जिला और प्रदेश स्तर पर अब्बल रहने के बाद राष्ट्रीय स्तर के लिए भी चयनित हुआ था.
दिल्ली आईआईटी के इंजीनियर ने भी विनायक के इस स्मार्ट मॉडल को अपने ढंग से मोडीफाई किया था. अब स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम के तहत विनायक का मॉडल अगले वर्ष जापान के रिसर्च सेंटर में भेजा जा रहा है. विनायक की माने तो इस लर्निंग प्रोग्राम के जरिये वो नए आइडियाज लेकर अपने अगले मॉडल पर काम करेगा.
शिक्षा विभाग के नोडल ऑफिसर प्रदीप सिंह ने कहा कि नौवीं के छात्र विनायक राणा का चयन पीएम इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम के लिए हुआ है. जिससे प्रतिभाशाली छात्र को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.