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करीब 8 लाख खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला मदनपुर पुल का लाभ, सरकार से की ये मांग

ऊना जिला मुख्यालय के साथ एक गांव में एक ऐसा पुल भी है, जिसके बनने के बाद भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पाया है. करीब 8 लाख रुपये खर्च पंचायत द्वारा बनाया गया पुल छ: वर्ष बाद भी मात्र सफेद हाथी साबित हो रहा (Madanpur bridge in Una) है. बात है मुख्यालय के साथ लगते गांव मदनपुर के वार्ड नंबर एक की. जहां पर पंचायत द्वारा वर्ष 2016 में करीब 20 मीटर लंबा पुल बना दिया, लेकिन आज तक इसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाया (Madanpur people facing problem) है. ऐसे में ग्रामीणों ने अब पंचायत प्रधान व जिलाधीश ऊना से समस्या हल की गुहार लगाई है.

Madanpur people facing problem
मदनपुर के लोगों की समस्या
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Published : Feb 10, 2022, 5:29 PM IST

ऊना: जिला ऊना मुख्यालय के साथ लगती ग्राम पंचायत मदनपुर (Madanpur bridge in Una) में करीब छ: साल पहले लाखों रुपया खर्च कर बनाया गया पुल सफेद हाथी साबित हो रहा है. ग्राम पंचायत मदनपुर के वार्ड नंबर एक के करीब 20 परिवारों को मुख्य सड़क से जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया यह पुल अब लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुका है, क्योंकि इस पुल के साथ निजी भूमि है और भूमि मालिकों ने अपनी भूमि पर गेट लगाया (Madanpur people facing problem) लिया है. जिससे लोगों को आने-जाने में खासी परेशानी हो रही है.

यहां नहीं अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाये तो उसे सड़क तक चारपाई पर उठाकर ही लाना पड़ता है. वर्षों से समस्या का समाधान न होने के बाद स्थानीय वाशिंदों ने अब मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन तक अपनी आवाज उठाई है. बता दें, ग्राम पंचायत मदनपुर के वार्ड नंबर एक में जाने के लिए मार्ग न होने के कारण ग्रमीणों ने 2012 में विधायक वीरेंद्र कंवर के समक्ष पली बनाने की मांग उठाई थी.

खड्ड से आने-जाने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में गांव के करीब 95 लोगों ने हस्ताक्षर कर खड्ड के ऊपर पुल बनाने की बात कहते हुए पंचायत को रास्ता देने की बात कही. जिसके बाद पंचायत ने वर्ष 2016 में खड्ड के ऊपर करीब आठ लाख रुपये की लागत से पुल का निर्माण कर दिया और विधायक वीरेंद्र कंवर व सांसद अनुराग ठाकुर ने इस पुली का उद्घाटन भी किया.

पुल के उद्घाटन होने के बाद ही स्थानीय भूमि मालिकों ने गेट लगाते हुए रास्ते को बंद कर दिया. तब से लेकर आज तक ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालत यह है कि किसी बीमार को मेन सड़क तक पहुंचाने के लिए चरपाई पर लाद कर ले जाना पड़ता है. वहीं गांव में अगर किसी घर में शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रम हो, तो भी काफी दिक्कत पेश आती है. ग्रामीणों ने इस समस्या के लिए प्रधान व डीसी ऊना के पास समस्या हल की गुहार लगाई, लेकिन आज दिन तक समस्या का हल नहीं हो पाया है.

वहीं, ग्राम पंचायत मदनपुर के प्रधान गुरचरण सिंह भी मानते हैं कि इस पुल का स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है, उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 95 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर पुल निर्माण के लिए पत्र लिखा था और वर्ष 2016 में करीब 8 लाख रुपये खर्च कर पुल तैयार किया गया, लेकिन गांव के एक परिवार द्वारा रास्ते के आगे गेट लगा दिया गया. दोनों पक्षों को बैठाकर मामले सुलझाने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है.

वहीं, बीडीओ ऊना रमनवीर चौहान का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में आया (BDO Una on Madanpur bridge) है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधान को उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को सहुलियत मिल सके.

ये भी पढ़ें: 'कौल सिंह जी! खेल का मैदान नहीं हवाई अड्डा, बनने में लगेगा समय'

ऊना: जिला ऊना मुख्यालय के साथ लगती ग्राम पंचायत मदनपुर (Madanpur bridge in Una) में करीब छ: साल पहले लाखों रुपया खर्च कर बनाया गया पुल सफेद हाथी साबित हो रहा है. ग्राम पंचायत मदनपुर के वार्ड नंबर एक के करीब 20 परिवारों को मुख्य सड़क से जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया यह पुल अब लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुका है, क्योंकि इस पुल के साथ निजी भूमि है और भूमि मालिकों ने अपनी भूमि पर गेट लगाया (Madanpur people facing problem) लिया है. जिससे लोगों को आने-जाने में खासी परेशानी हो रही है.

यहां नहीं अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाये तो उसे सड़क तक चारपाई पर उठाकर ही लाना पड़ता है. वर्षों से समस्या का समाधान न होने के बाद स्थानीय वाशिंदों ने अब मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन तक अपनी आवाज उठाई है. बता दें, ग्राम पंचायत मदनपुर के वार्ड नंबर एक में जाने के लिए मार्ग न होने के कारण ग्रमीणों ने 2012 में विधायक वीरेंद्र कंवर के समक्ष पली बनाने की मांग उठाई थी.

खड्ड से आने-जाने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में गांव के करीब 95 लोगों ने हस्ताक्षर कर खड्ड के ऊपर पुल बनाने की बात कहते हुए पंचायत को रास्ता देने की बात कही. जिसके बाद पंचायत ने वर्ष 2016 में खड्ड के ऊपर करीब आठ लाख रुपये की लागत से पुल का निर्माण कर दिया और विधायक वीरेंद्र कंवर व सांसद अनुराग ठाकुर ने इस पुली का उद्घाटन भी किया.

पुल के उद्घाटन होने के बाद ही स्थानीय भूमि मालिकों ने गेट लगाते हुए रास्ते को बंद कर दिया. तब से लेकर आज तक ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालत यह है कि किसी बीमार को मेन सड़क तक पहुंचाने के लिए चरपाई पर लाद कर ले जाना पड़ता है. वहीं गांव में अगर किसी घर में शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रम हो, तो भी काफी दिक्कत पेश आती है. ग्रामीणों ने इस समस्या के लिए प्रधान व डीसी ऊना के पास समस्या हल की गुहार लगाई, लेकिन आज दिन तक समस्या का हल नहीं हो पाया है.

वहीं, ग्राम पंचायत मदनपुर के प्रधान गुरचरण सिंह भी मानते हैं कि इस पुल का स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है, उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 95 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर पुल निर्माण के लिए पत्र लिखा था और वर्ष 2016 में करीब 8 लाख रुपये खर्च कर पुल तैयार किया गया, लेकिन गांव के एक परिवार द्वारा रास्ते के आगे गेट लगा दिया गया. दोनों पक्षों को बैठाकर मामले सुलझाने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है.

वहीं, बीडीओ ऊना रमनवीर चौहान का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में आया (BDO Una on Madanpur bridge) है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधान को उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को सहुलियत मिल सके.

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