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वीरेंद्र कंवर ने गोविंद सागर झील में सिल्वर मछली का किया बीजारोपण

ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए 20 करोड़ राशि की लागत से सिल्वर मछलियों का गोविंद सागर झील में बीजारोपण किया.

Rural Development Minister Virendra Kanwar casts silver fish in Govind Sagar Lake
ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर.
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Published : Aug 30, 2020, 8:42 PM IST

ऊनाः मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी के तहत रविवार को ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जिला के कुटलैहड़ विस क्षेत्र में 6 लाख 64 हजार एक सौ अठारह सिल्वर मछली का बीजारोपण किया.

ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए 20 करोड़ राशि की लागत से सिल्वर मछलियों का गोविंद सागर झील में बीजारोपण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस मछली पालन कारोबार से काफी लोग जुड़ें हैं. लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए कतला, रोहू, और मृगल नस्ल की मछलियों के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि इस समय झील के जलथयों में कुल 34 मत्स्य सहकारी सभायों की ओर से मछली पकड़ने का काम किया जा रहा हैं. जिसमें लगभग 2500 परिवार अपना गुजारा चला रहा है.

पूरे हिमाचल में अभी तक 58 मत्स्य पालन सहकारी सभाएं काम कर रही हैं. वहीं, वीरेंद्र कंवर का कहना है कि हिमाचल में 55 करोड़ के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की स्वीकृत के लिए भेजे गए हैं, जिस पर केंद्र सरकार 35 करोड़ की राशि खर्च करेगी.

ये भी पढ़ेंः कांगड़ा में कोरोना के 14 नए मामले आए सामने, जिले में एक्टिव केस हुए 178

ये भी पढ़ेंः नगर परिषद जोगिंदरनगर का वार्ड नंबर 1,5 महिलाओं के लिए आरक्षित: SDM

ऊनाः मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी के तहत रविवार को ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जिला के कुटलैहड़ विस क्षेत्र में 6 लाख 64 हजार एक सौ अठारह सिल्वर मछली का बीजारोपण किया.

ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए 20 करोड़ राशि की लागत से सिल्वर मछलियों का गोविंद सागर झील में बीजारोपण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस मछली पालन कारोबार से काफी लोग जुड़ें हैं. लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए कतला, रोहू, और मृगल नस्ल की मछलियों के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि इस समय झील के जलथयों में कुल 34 मत्स्य सहकारी सभायों की ओर से मछली पकड़ने का काम किया जा रहा हैं. जिसमें लगभग 2500 परिवार अपना गुजारा चला रहा है.

पूरे हिमाचल में अभी तक 58 मत्स्य पालन सहकारी सभाएं काम कर रही हैं. वहीं, वीरेंद्र कंवर का कहना है कि हिमाचल में 55 करोड़ के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की स्वीकृत के लिए भेजे गए हैं, जिस पर केंद्र सरकार 35 करोड़ की राशि खर्च करेगी.

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