ऊनाः नेशनल बैम्बू मिशन के तहत वन विभाग और जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की जुगलबंदी के तहत एक परियोजना को शुरू किया गया है. इस परियोजना में कुल 9.57 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें वन विभाग की घंडावल स्थित पौधशाला में मनरेगा मजदूरों से करीब एक लाख पौधे तैयार करवाए जा रहे हैं.
इसी मिशन के तहत लेबर से बांस के भी पौधे तैयार करवाए जाएंगे. जिला में प्रस्तावित बैंबू आर्ट गैलरी के लिए इस मिशन को बल दिया जा रहा है. केवल बांस की पौध तैयार करवाने तक विभाग सीमित नहीं है. बांस के उत्पाद तैयार करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जबकि ट्रेंड हो चुके लोगों ने अपने बांस के उत्पाद भी बनाना शुरू कर दिया है. इस परियोजना के तहत मनरेगा योजना में दर्ज ग्राम पंचायत बटुही के करीब 200 कामगार लाभान्वित होंगे.
वन विभाग और ग्रामीण विकास अभिकरण साथ मिलकर करेंगे काम
जिला ऊना में वन विभाग के माध्यम से लोगों को आजीविका प्रदान करने के लिए वन विभाग और ग्रामीण विकास अभिकरण ने साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है. इसी तर्ज पर नेशनल बैम्बू मिशन के तहत है एक प्रोजेक्ट तैयार किया है.
परियोजना पर 9.57 लाख रुपये खर्च
वन विभाग के माध्यम से इस परियोजना पर 9.57 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इसमें मनरेगा के माध्यम से करीब एक लाख पौधा तैयार किया जा रहा है और इसमें बैंबू समेत अन्य सभी प्रकार के पौधे तैयार किए जा रहे हैं.
वन महोत्सवों के माध्यम से लागए जाएंगे पौधे
मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को इससे एक तरफ जहां रोजगार मिल रहा है. वहीं, पर्यावरण संरक्षण को बल मिल रहा है. इस पौधशाला में जहां बैंबू के पौधे तैयार कर बैंबू उत्पाद बनाने वाले कारीगरों को बांस उपलब्ध होगा. वहीं, वन विभाग की ओर से तैयार करवाएं जा रहे अन्य पौधे वन महोत्सवों के माध्यम से पंचायत स्तर पर रोपित किये जायेंगे.
ऊना में स्थापित होगी बैंबू आर्ट गैलरी
जिला ऊना में नेशनल बैम्बू मिशन के तहत भी लोगों को प्रशिक्षित कर बांस के उत्पाद भी तैयार करवाए जा रहे हैं, जिसके लिए ऊना में ही बैंबू आर्ट गैलरी भी स्थापित की जा रही है. डीआरडीए के प्रोजेक्ट ऑफिसर संजीव ठाकुर ने बताया कि अभी तक जो नेचुरल पौधे बैम्बू के हैं, उन्हें हार्वेस्ट किया जा रहा है. भविष्य में भी यह पौधे हमारे पास उपलब्ध रहें. इस योजना के तहत यह पौधशाला तैयार करवाई गई है.
1 लाख पौधे किए जाएंगें तैयार
वहीं, डीएफओ ऊना मृत्युंजय माधव ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इस योजना के तहत एक लाख के करीब पौधों को तैयार किया जाए. ग्राम पंचायत बटुहि के गांव घंडावल में स्थित वन विभाग की पौधशाला में स्थानीय मनरेगा लेबर को रोजगार मिला है, जिससे उन्हें घर द्वार पर ही काम मिलने से वो खासे उत्साहित हैं. ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह की माने तो उनकी ग्राम पंचायत में मनरेगा तहत 200 लोग पंजीकृत हैं. वन विभाग और जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की तरफ से अच्छी पहल की गई है.
ये भी पढ़ेंः हिमाचल में 7 नए ऑक्सीजन प्लांट जल्द होंगे चालू