ऊना: विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने प्रदेश की भाजपा सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल भाजपा सरकार ने सिर्फ बातें करके बिता दिए (Satpal Singh Raizada target Himachal government) हैं. प्रदेश भर में जिस विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, वो तो सिर्फ कागजी विकास है, जमीनी स्तर पर प्रदेश की भाजपा सरकार किसी भी विकास कार्य को सिरे नहीं चढ़ा पाई है.
रायजादा ने कहा कि कभी 69 नेशनल हाईवे बनाने की बात कही जाती है, कभी पीजीआई सेटेलाइट सेंटर बनाने की, लेकिन हैरानी है कि इस पीजीआई सेटेलाइट सेंटर की अभी तक चारदीवारी ही बनकर तैयार नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अब तो सरकार से ना जनता को कोई उम्मीद है और न ही हमें, अब इस सरकार का जाना लगभग तय है.
विधायक रायजादा कांग्रेस नेताओं के दिल्ली जाने पर सीएम द्वारा किए गए कटाक्ष का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जनता को बताएं कि वह खुद कितनी बार दिल्ली गए, उनकी अपनी पार्टी के बड़े नेता और उनकी अपनी ही सरकार के मंत्री क्यों बार-बार दिल्ली जा (congress targets himachal bjp government) रहे है. उन्होंने कहा कि चाहे बात उनकी पार्टी की हो या फिर हमारी पार्टी की दिल्ली जाना दोनों दलों के नेताओं के लिए राजनीतिक जीवन का एक अभिन्न अंग है. हर पार्टी के नेता के लिए अपनी अपनी राजनीतिक गतिविधियों का फीडबैक हाईकमान को देना लाजमी बात रहती है यही कारण है कि दोनों दलों के नेता नियमित रूप से दिल्ली जाते हैं.
विधायक रायजादा ने कहा कि बार-बार दिल्ली जाने को लेकर कांग्रेस पर बंटे होने के आरोप तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हाल ही में हुए उपचुनाव से पहले भी लगाते रहे हैं, अगर मान भी लिया जाए कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी थी या कोई गुटबाजी है. इसके बावजूद हमने उपचुनाव में भाजपा का सूपड़ा पूरी तरह से साफ किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के यह हालात है कि जनता को अब पकोड़े तलने की भी सलाह दी जा रही है.
वहीं पंजाब में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए विधायक रायजादा ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन होने के बाद भाजपा इस तरह के ओछे हथकंडे लगातार अपनाती आ रही है. पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी करवाई थी.
अब यही हथकंडा भाजपा ने पंजाब में भी अपनाया है जबकि आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पूर्व भी भाजपा कांग्रेस के आला नेताओं को इसी तरह निशाने पर रखेगी. लेकिन जनता भी जानती है कि इस तरह की छापेमारी के बाद नतीजा शून्य ही निकलता है. यह तो केवल मात्र चुनावी बेला में राजनीतिक लाभ लेने के लिए विरोधियों को कुचलने का एक प्रयास भर है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि जहां जहां भाजपा ने इस तरह की कार्रवाई की है वहां उसे मुंह की खानी पड़ी है.
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