चिंतपूर्णीः कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. इन सभाओं का ऑडिट अब प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा होगा. ये बातें विधायक बलवीर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही.
विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में कुछ सभाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं, लेकिन चिंतपूर्णी क्षेत्र की कटोहड़ खुर्द और प्रदेश की अन्य कृषि सहकारी सभाओं में हुए घोटालों से इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं. सहकारी सभा के कर्मचारी वर्ग के चयन में भी चल रहे परिवारवाद व भाई-भतीजावाद ने सभाओं को कठघरे में खड़ा किया है.
विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि इन उन्होंने विधानसभा में सहकारी सभाओं में फैली अव्यवस्था पर सवाल उठाए. उनकी बात को सरकार व सहकारिता मंत्री ने भी माना और अब ऑडिट से लेकर इन सभाओं में स्टाफ की नियुक्ति पर कुछ संशोधन हुए हैं.
अब ऑडिट करने वालों की उम्र 65 वर्ष से ज्यादा नहीं होगी और सभा का ऑडिट तीन कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही ऑडिट करने वाले कर्मचारियों की भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है. विधायक ने बताया कि अब मंत्री डॉ. राजीव सैजल के आदेशों के बाद दस नम्बर देने की परंपरा को खत्म कर दिया गया है. कृषि सहकारी सभा में कोई भी जरुरी योग्यता रखने वाला युवा सभा का सचिव बन सकता है.
विधायक ने कहा कि पूर्व सरकारों के कार्यकाल में सचिवों का वेतन सोसायटी में जमा राशि के आधार पर तय किया गया था. जिससे सोसायटी में कोई भी गैर-सदस्य अपना पैसा जमा करवा सकता था. इस दौरान लाभांश बढ़ते ही वेतनमान में भी इजाफा कर लिया जाता था, लेकिन अब इन कृषि सहकारी सभाओं में किसी गैर- सदस्य का पैसा सोसायटी में जमा नहीं होगा.
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