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अब प्रशिक्षित स्टाफ करेगा कृषि सहकारी सभाओं का ऑडिट, सहन नही होगा भ्रष्टाचार-बलवीर चौधरी - कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार

विधायक बलवीर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. इन सभाओं का ऑडिट अब प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा होगा.

chintpurni MLA Balveer Chaudhary
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Published : Sep 25, 2019, 10:11 PM IST

चिंतपूर्णीः कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. इन सभाओं का ऑडिट अब प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा होगा. ये बातें विधायक बलवीर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही.
विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में कुछ सभाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं, लेकिन चिंतपूर्णी क्षेत्र की कटोहड़ खुर्द और प्रदेश की अन्य कृषि सहकारी सभाओं में हुए घोटालों से इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं. सहकारी सभा के कर्मचारी वर्ग के चयन में भी चल रहे परिवारवाद व भाई-भतीजावाद ने सभाओं को कठघरे में खड़ा किया है.

विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि इन उन्होंने विधानसभा में सहकारी सभाओं में फैली अव्यवस्था पर सवाल उठाए. उनकी बात को सरकार व सहकारिता मंत्री ने भी माना और अब ऑडिट से लेकर इन सभाओं में स्टाफ की नियुक्ति पर कुछ संशोधन हुए हैं.

अब ऑडिट करने वालों की उम्र 65 वर्ष से ज्यादा नहीं होगी और सभा का ऑडिट तीन कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही ऑडिट करने वाले कर्मचारियों की भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है. विधायक ने बताया कि अब मंत्री डॉ. राजीव सैजल के आदेशों के बाद दस नम्बर देने की परंपरा को खत्म कर दिया गया है. कृषि सहकारी सभा में कोई भी जरुरी योग्यता रखने वाला युवा सभा का सचिव बन सकता है.

विधायक ने कहा कि पूर्व सरकारों के कार्यकाल में सचिवों का वेतन सोसायटी में जमा राशि के आधार पर तय किया गया था. जिससे सोसायटी में कोई भी गैर-सदस्य अपना पैसा जमा करवा सकता था. इस दौरान लाभांश बढ़ते ही वेतनमान में भी इजाफा कर लिया जाता था, लेकिन अब इन कृषि सहकारी सभाओं में किसी गैर- सदस्य का पैसा सोसायटी में जमा नहीं होगा.

ये भी पढ़ें- प्रो. राम कुमार का नेता विपक्ष पर हमला, कहा- खनन माफिया के संस्थापक हैं अग्निहोत्री

चिंतपूर्णीः कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. इन सभाओं का ऑडिट अब प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा होगा. ये बातें विधायक बलवीर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही.
विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में कुछ सभाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं, लेकिन चिंतपूर्णी क्षेत्र की कटोहड़ खुर्द और प्रदेश की अन्य कृषि सहकारी सभाओं में हुए घोटालों से इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं. सहकारी सभा के कर्मचारी वर्ग के चयन में भी चल रहे परिवारवाद व भाई-भतीजावाद ने सभाओं को कठघरे में खड़ा किया है.

विधायक बलवीर चौधरी ने कहा कि इन उन्होंने विधानसभा में सहकारी सभाओं में फैली अव्यवस्था पर सवाल उठाए. उनकी बात को सरकार व सहकारिता मंत्री ने भी माना और अब ऑडिट से लेकर इन सभाओं में स्टाफ की नियुक्ति पर कुछ संशोधन हुए हैं.

अब ऑडिट करने वालों की उम्र 65 वर्ष से ज्यादा नहीं होगी और सभा का ऑडिट तीन कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही ऑडिट करने वाले कर्मचारियों की भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है. विधायक ने बताया कि अब मंत्री डॉ. राजीव सैजल के आदेशों के बाद दस नम्बर देने की परंपरा को खत्म कर दिया गया है. कृषि सहकारी सभा में कोई भी जरुरी योग्यता रखने वाला युवा सभा का सचिव बन सकता है.

विधायक ने कहा कि पूर्व सरकारों के कार्यकाल में सचिवों का वेतन सोसायटी में जमा राशि के आधार पर तय किया गया था. जिससे सोसायटी में कोई भी गैर-सदस्य अपना पैसा जमा करवा सकता था. इस दौरान लाभांश बढ़ते ही वेतनमान में भी इजाफा कर लिया जाता था, लेकिन अब इन कृषि सहकारी सभाओं में किसी गैर- सदस्य का पैसा सोसायटी में जमा नहीं होगा.

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Intro:कृषि सहकारी सभाओं में नहीं सहन होगा भ्रष्टाचार-बलवीर चौधरी
सबसे पहले इस मुद्दे को विस में उठाया
चिंतपूर्णी-Body:
विधायक बलवीर चौधरी ने कहा है कि कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार को
किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। इन सभाओं का ऑडिट अब प्रशिक्षित
स्टाफ द्वारा होगा। यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सहकारिता
क्षेत्र में कुछ सभाएं बेहतरीन कार्य भी कर रही हैं बावजूद चिंतपूर्णी
क्षेत्र की कटोहड़ खुर्द और प्रदेश की अन्य कृषि सहकारी सभाओं में जो
घोटाले हुए हैं, उससे इन सभाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। इतना ही
नहीं कर्मचारी वर्ग के चयन में चल रहा परिवारवाद और भाई-भतीजावाद इन
सभाओं को कठघरे में खड़ा करता रहा है। इसी के मद्देनजर उन्होंने इस
मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया और इस अव्यवस्था पर आक्षेप किया, जिसका
समर्थन भाजपा के साथ कांग्रेस विधायकों ने भी किया।
कहा कि इन सभाओं में हो रही अनियमितताओं के चलते ग्रामीणों को भरोसा
सहकारिता से उठ सकता है, ऐसे में उनकी बात को सरकार व सहकारिता मंत्री ने
भी माना और अब ऑडिट से लेकर इन सभाओं में स्टाफ की नियुक्ति पर कुछ
संशोधन हुए हैं। कहा कि अब ऑडिट करने वालों की उम्र 65 वर्ष से ऊपर नहीं
होगी और सभा का ऑडिट तीन कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। ऑडिट करने वाले
कर्मचारियों की भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है। कहा कि
पूर्व में सभा में नौकरी देने के लिए दस नम्बर देने का नियम शायद इसी
तर्ज पर बनाया गया था कि बैक डोर एंट्री से किसी परिवार के सदस्य की
नियुक्ति कर दी जाए। अब मंत्री डा. राजीव सैजल के आदेशों के बाद दस नम्बर
देने की परंपरा को खत्म कर दिया गया है। कृषि सहकारी सभा में कोई भी
आवश्यक योग्यता रखने वाला युवा सभा का सचिव बन सकता है। कहा कि पूर्व
सरकारों
के कार्यकाल में सचिवों का वेतन सोसायटी में जमा राशि के आधार पर तय किया
गया था और
जिससे कि सोसायटी में कोई भी गैर सदस्य भी अपना पैसा जमा करवा सकता था
और श्ुाद्ध लाभांश बढ़ते ही वेतनमान में भी इजाफा कर लिया जाता था। लेकिन
अब इन कृषि सहकारी सभाओं में किसी गैर सदस्य का पैसा सोसायटी में जमा
नहीं होगा। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष शाम मन्हास और लोहारा अप्पर के
प्रधान सुरेन्द्र पाल भी उपस्थित थे।Conclusion:
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