ऊनाः कोरोना के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों से 3311 व्यक्ति जिला में आए हैं, जिनमें से लगभग 1000 लोग रेड जोन से आए हैं. इस बारे में जिलाधीश ऊना संदीप कुमार ने वीरवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया.
उन्होंने कहा कि बाहर से आए व्यक्तियों की चरणबद्ध तरीके से सैंपलिंग हो रही है और टेस्ट किए जा रहे हैं. इसके लिए अब ईएसआईसी अस्पताल मैहतपुर में भी व्यवस्था कर दी गई है. टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें घरों में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा और सख्त निगरानी रखी जाएगी.
सिर्फ अन्य राज्यों से आए लोगों को ही होम क्वारंटाइन में रहना होगा, दूसरे जिलों से आने वाले लोगों को नहीं. उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना प्रशासन को दें, ताकि कार्रवाई की जा सके. संदीप कुमार ने कहा कि जिनके घर छोटे हैं और होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन करना मुश्किल है, वह जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दे सकते हैं और जिला प्रशासन ऐसे व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसा करना अनिवार्य है, ताकि बाहर से आने वाले व्यक्तियों के परिवार भी सुरक्षित रह सकें. कोरोना वायरस के लक्षण दिखने में 14 दिन का वक्त लग सकता है, ऐसे में अगर आप लापरवाही करेंगे, तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कई और लोग बीमार हो सकते हैं. डीसी ने बताया कि गगरेट में रह रहे एक व्यक्ति का जम्मू में कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आने के बाद, इलाके में सैंपल लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत अप्पर गगरेट के वार्ड नंबर 7 को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. दौलतपुर-ऊना रोड़ पर अंबोटा चौक से कलोह चौक और होशियारपुर-मुबारिकपुर रोड़ पर ईटीओ बैरियर से शिवबाड़ी पुल तक के इलाके को बफर जोन घोषित किया गया है.
संदीप कुमार ने कहा कि बठिंडा से भी 14 लोगों को बंगाणा पहुंचाया गया है और कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने तक उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है. होम क्वारंटाइन में नियमों का पालन आवश्यक प्रैस वार्ता में उपस्थित सीएमओ डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन आवश्यक है.
इन सब बातों का रखे ध्यान-
घर में क्वारंटाइन के लिए एक हवादार कमरा चुनें, जिसमें टॉयलेट भी हो. साबुन से हाथ धोएं और अल्कोहल वाले हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें. घर में पानी, बर्तन, तौलिया और सार्वजनिक उपयोग की अन्य वस्तुओं को न छुएं. सर्जिकल मास्क लगाकर रखें, हर 6-8 घंटे में मास्क बदल दें और मास्क का डिस्पोजल सही तरीके से करें.