सोलन: हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ जिला सोलन के पर्यटन स्थल चायल कसौली व करोल पर्वत पर ताजा हिमपात देखने को मिला है. बर्फबारी होने से तापमान में भी गिरावट आ चुकी है. बुधवार रात से सोलन जिले के कंडाघाट उपमंडल की चायल घाटी और करोल पर्वत में हिमपात और निचले क्षेत्रों में व्यापक बारिश के कारण एक बार फिर क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया. इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है. चायल बाजार और जनेडघाट में चार इंच, सिद्ध मन्दिर, काली का टिब्बा और करोल पर्वत पर छह इंच बर्फबारी होने के बाद बीच बीच में भी यह क्रम अभी जारी है.
पर्यटन नगरी कसौली में दूसरी बार हल्का हिमपात: वहीं, दूसरी ओर सोलन जिले की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी कसौली में वीरवार सुबह हल्का हिमपात होने से क्षेत्र में ठिठुरन बढ़ गई है. लोगों ने बर्फबारी के लुत्फ भी उठाया. आज सुबह से हो रही बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
बर्फबारी होने से पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे भी खिल (Snowfall in Solan) उठे हैं. स्नोफॉल होने से मैदानी राज्यों के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी भारी राज्य से पर्यटक नजदीकी हिल स्टेशन कसौली पहुंच जाते हैं, जिससे पर्यटन व्यवसाय में भी वृद्धि होती है.
बर्फबारी होने पर स्थानीय लोगों को पर्यटकों के आने की उम्मीद: हालांकि कसौली में यह सीजन के दूसरा हल्का हिमपात है, लेकिन जिस तरह से मौसम बना हुआ है, उससे लगता है कि अभी और बर्फबारी हो सकती है. अगर आज भारी हिमपात हो जाता है तो कल को पर्यटकों का हुजूम यहां उमड़ सकता है.
स्थानीय लोगों व पर्यटकों में कसौली में बर्फबारी को लेकर अलग (Snowfall in solan himachal pradesh) ही रोमांच देखने को मिलता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मौसम के मिजाज को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि भारी बर्फबारी हो सकती है. हालांकि लगातार हो रही बारिश से सड़कों में मलबे आने को लेकर जिला पुलिस ने भी सावधानी बरतने का आह्वान किया है.
ये सड़क सम्पर्क मार्ग बंद: बर्फबारी से चायल शिमला वाया कुफरी, चायल कंडाघाट सड़क महोग से चायल के बीच, चायल गौड़ा, चायल झाजा, सड़क और इसकी संबद्ध कई सम्पर्क सड़कें आवाजाही के लिए बंद रहीं. कई जगहों पर बिजली पानी की सेवा प्रभावित रही. शीत लहर के कारण लोग घरों में रहने के मजबूर रहे और उन्हें गर्म कपड़ों, आग, हीटर जैसे साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है.
पर्यटन व्यवसायी और किसान खुश: चायल घाटी और इसके आसपास के क्षेत्रों के पर्यटन व्यवसायी मौसम का तीसरा हिमपात होने से खुश हैं. घाटी में हिमपात देखने बड़ी संख्या में पर्यटन आते हैं. इससे उनके कारोबार को लाभ होता है. पर्यटन व्यवसायियों के अतिरिक्त बारिश और हिमपात से किसान बागवान भी खुश हैं. रबी के मौसम की मटर, गेहूं सरसों जैसी फसलों और फल व फूलों के बागीचों में काम करने पौधे लगाने के लिए यह बहुत उपयोगी है.
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