कसौली/सोलन: जिले में तपती गर्मी के बीच जाबली और कोटी क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. आलम यह है कि लोगों के घरों में नल है, लेकिन पानी नहीं है. लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. यही नहीं तपती गर्मी के बीच प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सुखने की कागार पर है.
वहीं, क्षेत्र की लगभग पांच हजार की आबादी अभी तक किसी बड़ी पेयजल योजना से नहीं जुड़ी है. इसके चलते अधिकतर स्थानीय लोगों को प्राकृतिक जल स्रोतों पर ही निर्भर रहना पड़ता है.
गिलास से भर रहे लोग पानी के बर्तन
इसके आलावा जाबली पंचायत के मांझ गांव की लगभग सौ लोगों की आबादी वर्तमान में दो किलोमीटर की दूर बनी बावड़ी से पहले गिलास से बर्तनों को भरते हैं और इसके बाद घर के लिए पानी ढोते हैं, जबकि बशौरी पेयजल स्कीम का पानी महीनों तक क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पता है.
लाखों की लागत से बनी स्कीम फेल
जाबली पंचायत के लोगों ने बताया कि उन्हें इन दिनों पीने के पानी की भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गाही, राजडी, कोटी, चमगाह, राजपूरी, शमराल, कुराड, शाई, मंझेड में पिछले बीस-बीस दिनों से पानी नहीं मिल रहा है. लोग दूर-दूर से पानी लाने पर मजबूर हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के लिए लाखों की लागत से बनी स्कीम फेल हो गई है. इस योजना से अभी तक एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ है.
टैंकरों के माध्यम से गांवों में जल आपूर्ति की गुहार
जाबली पंचायत के पूर्व प्रधान दुनी चंद धीमान ने बताया कि जाबली के लिए एक कौशल्या खड्ड से सात करोड़ लागत की एक बड़ी पेयजल योजना तैयार है, जिसका शिलान्यास हाल ही में हुआ है, जिससे दो पंचायतों के हजारों लोगों को लाभ होगा. कोटी पंचायत की प्रधान संध्या देवी व जाबली पंचायत की प्रधान कल्पना गर्ग ने बताया कि पंचायत ने प्रशासन से क्षेत्र की पेयजल स्थिति को अवगत करवाया गया है. साथ ही समय से टैंकरों के माध्यम से गांवों में जल आपूर्ति करने के लिए गुहार लगाई है .
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