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प्रदेश की छावनियों में मनोनीत सदस्यों के बैठने की अधिसूचना जारी, पैनल के लिए भेजे जाने हैं तीन नाम - प्रदेश में है दर्जन छावनी बोर्ड

इस अधिसूचना के अनुसार छावनी बोर्ड के सीईओ को 19 मार्च तक मनोनयन के लिए तीन नामों का पैनल भेजने के आदेश दिए हैं. डीजी कार्यालय द्वारा बताई गई शर्त के अनुसार यह कार्य पूरा होना है, जिसके बाद एक सदस्य के नाम पर कार्यालय मुहर लगाकर उसे मनोनीत करेगा.

Notification issued for nominated members to sit in half a dozen cantonments of himachal
फोटो.
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Published : Mar 8, 2021, 7:13 PM IST

कसौली/सोलनः प्रदेश की आधा दर्जन भंग हुई छावनियों में मनोनीत सदस्य बैठाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. इस अधिसूचना के अनुसार छावनी बोर्ड के सीईओ को 19 मार्च तक मनोनयन के लिए तीन नामों का पैनल भेजने के आदेश दिए हैं. डीजी कार्यालय द्वारा बताई गई शर्त के अनुसार यह कार्य पूरा होना है, जिसके बाद एक सदस्य के नाम पर कार्यालय मुहर लगाकर उसे मनोनीत करेगा.

बता दें कि रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय ने प्रदेश की आधा दर्जन और देश के 56 छावनी बोर्डों को 11 फरवरी को भंग कर दिया था. इन भंग हुई छावनी बोर्डों में आगामी समय के लिए मनोनीत सदस्य बिठाया जाना है, जिसको लेकर अधिसूचना जारी हो गई है.

तीन सदस्य कमेटी का होगा गठन

छावनी बोर्डों को भंग करने के बाद तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया जाना है. इसमें स्टेशन कमांडर, सीईओ और मनोनीत सदस्य होंगे. डीजी कार्यालय के सहायक डीजी कैंट दमन सिंह के अनुसार तीन मार्च को अधिसूचना जारी कर छावनी बोर्ड के सीईओ को 19 मार्च तक मनोनयन के लिए तीन नामों का पैनल भेजने के आदेश दिए हैं.

पैनल में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए

डीजी कार्यालय की शर्तों के अनुसार, जिन तीन लोगों का पैनल सीईओ कार्यालय से भेजा जाएगा, वह सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए. पैनल के प्रत्येक सदस्य का बायोडाटा भेजना अनिवार्य है.

यह है पूरा मामला

छावनी परिषदों में चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 10 फरवरी 2020 को खत्म हो गया है. इसके अनुसार 11 फरवरी 2020 को देश भर की छावनी परिषदों में नई परिषद को बिठाया जाना था. भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से 5 फरवरी 2020 को इनका कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाया था, लेकिन कोरोना के चलते यहां पर चुनाव नहीं हो पाए.

ये भी पढ़ें- सुरेश कश्यप ने की बजट की तारीफ, 2022 में किया जीत का दावा

इसके बाद फिर भारत सरकार की और से इनका कार्यकाल 10 अगस्त 2020 से छह माह के लिए बढ़ाया गया. छावनी परिषदों में फिर चुनावी घोषणा नहीं हुई. हालांकि, एक-दो बार चुनाव को लेकर संशय बना था. इसके बाद छावनी परिषदों को भंग करने के आदेश जारी हुए थे. यह अधिसूचना एक फरवरी को रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय से जारी हुई थी. अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव न करवाकर बोर्ड को भंग करने के आदेश जारी कर दिए गय थे.

प्रदेश में है 61 छावनी बोर्ड

बता दें कि देशभर 61 क्षेत्र छावनी क्षेत्र के अधीन आते हैं. हिमाचल प्रदेश में सात सैन्य क्षेत्र छावनी बोर्ड के अधीन आते थे, लेकिन योल को छावनी बोर्ड से मुक्ति के बाद छह सैन्य क्षेत्र डगशाई, कसौली, सुबाथू, चंबा, जतोग व डलहौजी छावनी बाद के अधीन है. यहां पर भी अब एक सदस्य को नॉमिनेट किया जाना है.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से की मुलाकात, हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए 1420 करोड़ की मांग

कसौली/सोलनः प्रदेश की आधा दर्जन भंग हुई छावनियों में मनोनीत सदस्य बैठाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. इस अधिसूचना के अनुसार छावनी बोर्ड के सीईओ को 19 मार्च तक मनोनयन के लिए तीन नामों का पैनल भेजने के आदेश दिए हैं. डीजी कार्यालय द्वारा बताई गई शर्त के अनुसार यह कार्य पूरा होना है, जिसके बाद एक सदस्य के नाम पर कार्यालय मुहर लगाकर उसे मनोनीत करेगा.

बता दें कि रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय ने प्रदेश की आधा दर्जन और देश के 56 छावनी बोर्डों को 11 फरवरी को भंग कर दिया था. इन भंग हुई छावनी बोर्डों में आगामी समय के लिए मनोनीत सदस्य बिठाया जाना है, जिसको लेकर अधिसूचना जारी हो गई है.

तीन सदस्य कमेटी का होगा गठन

छावनी बोर्डों को भंग करने के बाद तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया जाना है. इसमें स्टेशन कमांडर, सीईओ और मनोनीत सदस्य होंगे. डीजी कार्यालय के सहायक डीजी कैंट दमन सिंह के अनुसार तीन मार्च को अधिसूचना जारी कर छावनी बोर्ड के सीईओ को 19 मार्च तक मनोनयन के लिए तीन नामों का पैनल भेजने के आदेश दिए हैं.

पैनल में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए

डीजी कार्यालय की शर्तों के अनुसार, जिन तीन लोगों का पैनल सीईओ कार्यालय से भेजा जाएगा, वह सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए. पैनल के प्रत्येक सदस्य का बायोडाटा भेजना अनिवार्य है.

यह है पूरा मामला

छावनी परिषदों में चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 10 फरवरी 2020 को खत्म हो गया है. इसके अनुसार 11 फरवरी 2020 को देश भर की छावनी परिषदों में नई परिषद को बिठाया जाना था. भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से 5 फरवरी 2020 को इनका कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाया था, लेकिन कोरोना के चलते यहां पर चुनाव नहीं हो पाए.

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इसके बाद फिर भारत सरकार की और से इनका कार्यकाल 10 अगस्त 2020 से छह माह के लिए बढ़ाया गया. छावनी परिषदों में फिर चुनावी घोषणा नहीं हुई. हालांकि, एक-दो बार चुनाव को लेकर संशय बना था. इसके बाद छावनी परिषदों को भंग करने के आदेश जारी हुए थे. यह अधिसूचना एक फरवरी को रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय से जारी हुई थी. अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव न करवाकर बोर्ड को भंग करने के आदेश जारी कर दिए गय थे.

प्रदेश में है 61 छावनी बोर्ड

बता दें कि देशभर 61 क्षेत्र छावनी क्षेत्र के अधीन आते हैं. हिमाचल प्रदेश में सात सैन्य क्षेत्र छावनी बोर्ड के अधीन आते थे, लेकिन योल को छावनी बोर्ड से मुक्ति के बाद छह सैन्य क्षेत्र डगशाई, कसौली, सुबाथू, चंबा, जतोग व डलहौजी छावनी बाद के अधीन है. यहां पर भी अब एक सदस्य को नॉमिनेट किया जाना है.

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