सोलन: नगर निगम सोलन के सीएलसी सफाई कर्मियों ने निगम के सफाई पर्यवेक्षक पर उनके साथ सही व्यवहार न करने के आरोप लगाए (MC cleaning workers strike in solan) हैं. जिसके तहत सफाई कर्मियों ने गुरुवार सुबह शहर में सफाई करने और कूड़ा उठाने से मना कर दिया और धरने पर बैठ गए. सफाई कर्मियों का कहना है कि वे आए दिन अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
सफाई कर्मियों ने कहा कि वे 10-12 घंटे की नौकरी करते हैं, लेकिन वेतन के नाम पर उन्हें मात्र 8000 दिया जाता है. सफाई कर्मचारी शनि कुमार और विक्की का कहना है कि कुछ दिनों पहले कूड़े में कुछ दवाइयां मिलने पर निगम ने सफाई कर्मचारियों पर कंपनियों से सेटिंग करने के आरोप (MC solan workers strike) लगाया. उनका कहना है कि वे सिर्फ कूड़ा उठाते हैं, दवाइयां कहा से आई इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. कहते हैं कि उनके सफाई पर्यवेक्षक का व्यवहार ठीक नहीं है.
वहीं, सफाई कर्मचारी रुपाली कहती हैं कि बिना वजह उन्हें निकाल देने की धमकियां भी निगम द्वारा दी जा रही है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों ने धरना कर सफाई पर्यवेक्षक को हटाने की मांग की (municipal cleaner strike in solan) है. बता दें, कि सफाई कर्मचारी शहर को साफ-सुथरा रखने में एक अहम रोल निभाते है. घर-घर से कूड़ा उठाने, शौचालय साफ करने शहर की नालियों को चकाचक रखने में ये सफाई कर्मचारी हमेशा आगे रहते है, लेकिन आज इनके धरने प्रदर्शन पर बैठने से कहीं न कहीं सफाई व्यवस्था चरमराने वाली है.
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