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24 जून से शुरू होगा मां शूलिनी मेला, स्वास्थ्य मंत्री करेंगे शुभारंभ, पंजाबी सिंगर काका समेत ये कलाकार मचाएंगे धूम

24 जून से राज्यस्तरीय शूलिनी मेला शुरू होने वाला है. इस बार सीएम जयराम ठाकुर नहीं बल्कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल मेले का शुभारंभ (MAA SHOOLINI FAIR) करेंगे. डीसी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एडीसी सोलन जफर इकबाल ने बताया कि 24 जून से शुरू होने वाले मेले का शुभारंभ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल करेंगे.

MAA SHOOLINI FAIR
24 जून से शुरू होगा मां शूलिनी मेला
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Published : Jun 22, 2022, 4:38 PM IST

सोलन: 24 जून से राज्यस्तरीय शूलिनी मेला शुरू होने वाला है. इस बार सीएम जयराम ठाकुर नहीं बल्कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल मेले का शुभारंभ करेंगे. डीसी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एडीसी सोलन जफर इकबाल ने बताया कि 24 जून से शुरू होने वाले मेले का शुभारंभ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल करेंगे. 24 जून की सांस्कृतिक संध्या में (MAA SHOOLINI FAIR) मुख्यातिथि शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप होंगे.वहीं, 25 जून की सांस्कृतिक संध्या में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर होंगे. इसके अलावा मेले के अंतिम दिन 26 जून बतौर मुख्यातिथि सांस्कृतिक संध्या में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज शिरकत करेंगे.

ये होंगे तीन दिवसीय मेले के मुख्य कलाकार: 24 जून को पहले दिन राज्यस्तरीय शूलिनी मेले में हिमाचली लोक गायक दिलीप सिरमौरी, अंकुश भारद्वाज व हंसराज रघुवंशी समा बांधेंगे. 25 जून को कुमार साहिल, हेंमत शर्मा और हिमाचल पुलिस बेंड अपनी प्रस्तुति देंगे. वहीं, 26 जून को गजल गायक तारीक मलिक, इंडियन आइडल फेम नितिन, नाटी किंग कुलदीप शर्मा के साथ पंजाबी सिंगर काका मेले का मुख्य आकर्षण होंगे.

24 जून से शुरू होगा मां शूलिनी मेला

ये रहेगा मेले का प्लान: सबसे पहले मां शूलिनी मेले का शुभारंभ माता की पालकी के साथ पुरानी कचहरी चौक पर होगा. उसके बाद शोभायात्रा सोलन शहर में निकाली जाएगी. तदोपरांत मुख्य अतिथि द्वारा विभागीय प्रदर्शनियों का शुभारंभ किया जाएगा. मेले में इस दौरान पारंपरिक ठोड्डा नृत्य, कुश्ती, कबड्डी, वॉलीबॉल, लॉन टेनिस, फन गेम्स, पैट शो आयोजित किए जाएंगे. मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए करीब 30 लाख का बजट रखा गया है. वहीं, बारिश होने के आसार के चलते नगर निगम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हॉल में करवाने का भी प्रावधान है. मेले के पहले 2 दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 10:00 बजे तक आयोजित किए जाएंगे वहीं, अंतिम दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 12:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा.

सुरक्षा व्यवस्था में लगेंगे 500 जवान, पुलिस की रहेगी पैनी नजर: एएसपी सोलन अशोक वर्मा ने बताया कि राज्यस्तरीय शूलिनी मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हो इसके लिए मेले में 500 पुलिस जवान लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेले के दौरान जेब कतरे भी सक्रिय हो जाते हैं ऐसे में सिविल ड्रेस में भी मेले के दौरान पुलिसकर्मी ग्राउंड और शहर में तैनात होंगे. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक बाधित ना हो इसके लिए भी विशेष रुप से ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि सोलन शहर में आने वाली गाड़ियां अम्बुशा होटल के पास ही रोक दी जाएंगी. वहीं, सपरून से आने वाले वाहन शामती बाईपास से होकर भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि मॉल रोड पर केवल इमरजेंसी वाहनों को ही प्राथमिकता दी जाएगी.

शूलिनी मेले का इतिहास: शूलिनी मां सोलन वासियों की अधिष्टात्री देवी हैं. मेले के (History of Shoolini Fair) पहले दिन वह पूरे गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा में अपने मंदिर से निकल कर बहन दुर्गा मां को मिलने जाती हैं. इस दौरान शहर वासी ढोल-नगाड़ों की थाप पर मां शूलिनी के जयकारे लगाकर स्वागत करते हैं. तीन दिन तक अपनी बहन के साथ रहने के बाद वह इसी अंदाज में लौट भी आती हैं. माता के भक्तों के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों पर मेले में आए जनसमूह के लिए विशेष भंडारों का भी आयोजन किया जाता है. इस मेले को दो बहनों के मिलन का प्रतीक भी कहा जाता है.

ये भी पढ़ें: 12 साल बाद कालसी से चूड़धार पहुंची 5 हजार श्रद्धालुओं की जातर, लोगों ने ऐसे बिताई रात

सोलन: 24 जून से राज्यस्तरीय शूलिनी मेला शुरू होने वाला है. इस बार सीएम जयराम ठाकुर नहीं बल्कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल मेले का शुभारंभ करेंगे. डीसी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एडीसी सोलन जफर इकबाल ने बताया कि 24 जून से शुरू होने वाले मेले का शुभारंभ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल करेंगे. 24 जून की सांस्कृतिक संध्या में (MAA SHOOLINI FAIR) मुख्यातिथि शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप होंगे.वहीं, 25 जून की सांस्कृतिक संध्या में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर होंगे. इसके अलावा मेले के अंतिम दिन 26 जून बतौर मुख्यातिथि सांस्कृतिक संध्या में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज शिरकत करेंगे.

ये होंगे तीन दिवसीय मेले के मुख्य कलाकार: 24 जून को पहले दिन राज्यस्तरीय शूलिनी मेले में हिमाचली लोक गायक दिलीप सिरमौरी, अंकुश भारद्वाज व हंसराज रघुवंशी समा बांधेंगे. 25 जून को कुमार साहिल, हेंमत शर्मा और हिमाचल पुलिस बेंड अपनी प्रस्तुति देंगे. वहीं, 26 जून को गजल गायक तारीक मलिक, इंडियन आइडल फेम नितिन, नाटी किंग कुलदीप शर्मा के साथ पंजाबी सिंगर काका मेले का मुख्य आकर्षण होंगे.

24 जून से शुरू होगा मां शूलिनी मेला

ये रहेगा मेले का प्लान: सबसे पहले मां शूलिनी मेले का शुभारंभ माता की पालकी के साथ पुरानी कचहरी चौक पर होगा. उसके बाद शोभायात्रा सोलन शहर में निकाली जाएगी. तदोपरांत मुख्य अतिथि द्वारा विभागीय प्रदर्शनियों का शुभारंभ किया जाएगा. मेले में इस दौरान पारंपरिक ठोड्डा नृत्य, कुश्ती, कबड्डी, वॉलीबॉल, लॉन टेनिस, फन गेम्स, पैट शो आयोजित किए जाएंगे. मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए करीब 30 लाख का बजट रखा गया है. वहीं, बारिश होने के आसार के चलते नगर निगम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हॉल में करवाने का भी प्रावधान है. मेले के पहले 2 दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 10:00 बजे तक आयोजित किए जाएंगे वहीं, अंतिम दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 12:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा.

सुरक्षा व्यवस्था में लगेंगे 500 जवान, पुलिस की रहेगी पैनी नजर: एएसपी सोलन अशोक वर्मा ने बताया कि राज्यस्तरीय शूलिनी मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हो इसके लिए मेले में 500 पुलिस जवान लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेले के दौरान जेब कतरे भी सक्रिय हो जाते हैं ऐसे में सिविल ड्रेस में भी मेले के दौरान पुलिसकर्मी ग्राउंड और शहर में तैनात होंगे. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक बाधित ना हो इसके लिए भी विशेष रुप से ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि सोलन शहर में आने वाली गाड़ियां अम्बुशा होटल के पास ही रोक दी जाएंगी. वहीं, सपरून से आने वाले वाहन शामती बाईपास से होकर भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि मॉल रोड पर केवल इमरजेंसी वाहनों को ही प्राथमिकता दी जाएगी.

शूलिनी मेले का इतिहास: शूलिनी मां सोलन वासियों की अधिष्टात्री देवी हैं. मेले के (History of Shoolini Fair) पहले दिन वह पूरे गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा में अपने मंदिर से निकल कर बहन दुर्गा मां को मिलने जाती हैं. इस दौरान शहर वासी ढोल-नगाड़ों की थाप पर मां शूलिनी के जयकारे लगाकर स्वागत करते हैं. तीन दिन तक अपनी बहन के साथ रहने के बाद वह इसी अंदाज में लौट भी आती हैं. माता के भक्तों के लिए शहर के अलग-अलग स्थानों पर मेले में आए जनसमूह के लिए विशेष भंडारों का भी आयोजन किया जाता है. इस मेले को दो बहनों के मिलन का प्रतीक भी कहा जाता है.

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