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SOLAN: भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर विशेष दलित वर्ग के नहीं बल्कि राष्ट्र के हैं नेता: राज्यपाल

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Published : Apr 14, 2022, 4:23 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 6:43 PM IST

सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान द्वारा भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर जिला सोलन में कार्यक्रम का आयोजन किया (Bhimrao Ambedkar 131st Birth Anniversary) गया. जिसमें विशेष रूप से प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल (Rajendra Vishwanath Arlekar solan visit) हुए.

Rajendra Vishwanath Arlekar on Bhimrao Ambedkar
भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती

सोलन: सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान द्वारा सोलन में भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया (Bhimrao Ambedkar 131st Birth Anniversary) गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. इस मौके पर उनके साथ इस कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, व भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना मौजूद रहे. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि हमें बाबा साहेब के आदर्शों पर चलना (Rajendra Vishwanath Arlekar solan visit) चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहेब ने समाज में जो समानता व समरसता के लिए कार्य किया है, वह उस समय के समाज बदलाव में एक क्रांतिकारी पहल थी. उन्होंने कहा कि छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए उन्होंने कार्य किया है और वे एक महान, विद्वान थे. उन्होंने कहा कि वे भारतीय संविधान के शिल्पकार रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर एक विचारधारा का नाम है, जिन्होंने अपना सारा जीवन दलित, पिछड़े और शोषित लोगों के उत्थान में लगा दिया.

भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती

राज्यपाल ने कहा की संविधान निर्माण के साथ-साथ भारतीयों में आधुनिक सोच की नींव भी (Rajendra Vishwanath Arlekar on Bhimrao) डाली. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम करने से एक संदेश समाज के हर वर्ग को जाना चाहिए कि बाबा भीमराव अंबेडकर एक विशेष रूप से दलित वर्ग के नेता नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के नेता थे. उन्होंने कहा कि इसको लेकर आज चिंतन करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट होकर इकट्ठा होने की आवश्यकता है.

गौर रहे कि भारत के संविधान निर्माता, चिंतक, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ (Solan visit governer) था. भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी पहचाना जाना जाता है. वो भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री थे. बाबा साहेब ने हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया.


ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर पुष्पांजलि की अर्पित

सोलन: सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान द्वारा सोलन में भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया (Bhimrao Ambedkar 131st Birth Anniversary) गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. इस मौके पर उनके साथ इस कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, व भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना मौजूद रहे. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि हमें बाबा साहेब के आदर्शों पर चलना (Rajendra Vishwanath Arlekar solan visit) चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहेब ने समाज में जो समानता व समरसता के लिए कार्य किया है, वह उस समय के समाज बदलाव में एक क्रांतिकारी पहल थी. उन्होंने कहा कि छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए उन्होंने कार्य किया है और वे एक महान, विद्वान थे. उन्होंने कहा कि वे भारतीय संविधान के शिल्पकार रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर एक विचारधारा का नाम है, जिन्होंने अपना सारा जीवन दलित, पिछड़े और शोषित लोगों के उत्थान में लगा दिया.

भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती

राज्यपाल ने कहा की संविधान निर्माण के साथ-साथ भारतीयों में आधुनिक सोच की नींव भी (Rajendra Vishwanath Arlekar on Bhimrao) डाली. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम करने से एक संदेश समाज के हर वर्ग को जाना चाहिए कि बाबा भीमराव अंबेडकर एक विशेष रूप से दलित वर्ग के नेता नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के नेता थे. उन्होंने कहा कि इसको लेकर आज चिंतन करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट होकर इकट्ठा होने की आवश्यकता है.

गौर रहे कि भारत के संविधान निर्माता, चिंतक, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ (Solan visit governer) था. भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी पहचाना जाना जाता है. वो भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री थे. बाबा साहेब ने हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया.


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Last Updated : Apr 14, 2022, 6:43 PM IST
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