ETV Bharat / city

52वां पूर्ण राज्यत्व दिवस: हिमाचल को प्रदेश के लोगों ने ही सजाया, नेतृत्व करने वालों ने भरा रंग- सीएम जयराम

हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा (Himachal Statehood Day) मिले आज 52 साल हो गए हैं. इस खुशी के मौके पर सोलन जिले के ठोडो मैदान (THODO GROUND SOLAN) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम जयराम ने कहा कि हिमाचल को पीएम मोदी अपना घर मानते हैं, हर बार हिमाचल के लोगों को कुछ न कुछ सौगात देकर जाते हैं.

52TH Himachal Statehood Day
52वां पूर्ण राज्यत्व दिवस
author img

By

Published : Jan 25, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 8:18 PM IST

सोलन: हिमाचल को पूर्व राज्य का दर्जा मिले आज 52 साल हो गये हैं. साल 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा (Himachal Statehood Day) मिला था. इस मौके पर सोलन के ठोडो मैदान (THODO GROUND SOLAN) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, स्वर्ण जयंती समारोह कार्यक्रम का भी समापन किया गया. समारोह में सीएम जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. सबसे पहले सीएम जयराम ठाकुर ने परेड की सलामी ली.

समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हिमाचल के विकास में ही प्रदेश के लोगों का विकास है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार का अहम योगदान है, उन्होंने कहा कि आजतक जितने भी लोगों ने प्रदेश का नेतृत्व किया उन्होंने हिमाचल को सजाने का काम किया है. हिमाचल भले ही छोटा प्रदेश है, लेकिन देश की रक्षा में हिमाचल सबसे आगे है.

वीडियो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के जवान हमेशा देश की रक्षा के लिए आगे रहते है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हिमाचल को अपना घर मानते हैं और जब भी वे अपने घर आते हैं तो कुछ न कुछ एक बेटे की तरह घर के लोगों को देकर जाते हैं. प्रदेश में बीजेपी की सरकार को 4 साल हो चुके है और इन 4 सालों में जितना कार्य भाजपा सरकार ने किया है उतना आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जब पूर्ण राज्य का दर्जा हिमाचल को मिला तब सूबे के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह ठाकुर से विकास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ 3 शब्द कहे थे और वो थे 'सड़क, सड़क, सड़क'. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर गांव तक सड़कों की सुविधा मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल को संवारने के लिए सभी का योगदान है.

ये भी पढ़ें: पूर्ण राज्यत्व दिवस का शगुन: 51 साल का हुआ हिमाचल, छू लिए शिखर अनेक

प्रदेश में बीते पचास वर्षों में हुई प्रगति और विकास का उत्सव हमने अनेक आयोजनों के माध्यम से मनाया. कोरोना महामारी के कारण बहुत से पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं हो सका. स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए. 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिला और इस प्रकार यह पहाड़ी प्रांत भारतीय संघ का 18वां राज्य बना.


राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद हिमाचल प्रदेश ने प्रगति और समृद्धि की राह पर तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और आज यह प्रदेश केवल पहाड़ी राज्यों ही नहीं बल्कि देश के अन्य बड़े राज्यों के लिए भी विकास का पथ प्रदर्शक बन गया है. प्रति व्यक्ति आय, सकल घरेलू उत्पाद, पावर सरप्लस राज्य का दर्जा, बागवानी और कृषि उत्पादन में व्यापक वृद्धि, साक्षरता दर में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त करना, गांव-गांव तक सड़क सुविधा तथा घर-घर तक पानी और बिजली की सुविधा जैसे अनेक मानक हैं जो राज्य की प्रगति को दर्शाते हैं. इस उपलब्धि का श्रेय यहां के लोगों की कड़ी मेहनत, ईमानदारी और उद्यमशीलता को जाता है.

ये भी पढ़ें: देवभूमि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर मीलों पैदल चलकर शिमला आए थे लोग

साल 1971 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय केवल 651 रुपये थी जो आज बढ़कर 1,83,286 हो गई है जो देश के अधिकांश राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है. राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 1971 में 223 करोड़ रुपये था जो बढ़कर 1,56,522 करोड़ रुपये हो गया है. इसी तरह, शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और आज हमारी साक्षरता दर 82.80 प्रतिशत हो गई है जो 1971 में 23 प्रतिशत थी. केरल राज्य के बाद हिमाचल की साक्षरता दर दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में वर्ष 1971 में कृषि उत्पादन 954 मीट्रिक टन से बढ़कर 1500 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.


हिमाचल प्रदेश में 1,53,643 किसानों ने प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान को अपनाया है और 9,192 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है. 1971 में खाद्यान्न उत्पादन 9.40 मीट्रिक टन था जो आज 16.74 लाख मीट्रिक टन हो गया है. पिछले पांच दशकों में 24 हजार हेक्टेयर उपजाऊ भूमि को सिंचाई के अधीन लाया गया है. बागवानी उत्पादन वर्ष 1970-71 में लगभग 149 मीट्रिक टन था जो आज लगभग 900 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.

उस समय प्रदेश में 587 स्वास्थ्य संस्थान थे जिनकी संख्या बढ़कर 4320 और शिक्षण संस्थानों की संख्या 4693 से बढ़कर 16067 हा चुकी है. इसी तरह, सड़कों की लंबाई 10,617 किलोमीटर से बढ़कर 38 हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है. वर्ष 1971 राज्य में 2944 गांवों का विद्युतीकरण हुआ था जबकि आज शत-प्रतिशत गांवों को बिजली की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है. हिमाचल प्रदेश ने देश के फल राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है और यहां गैर-मौसमी सब्जियों का उत्पादन भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Himachal Statehood Day: हिमाचल के नामकरण में डॉ. परमार की नहीं, 28 रियासतों के राजाओं की चली

ये भी पढ़ें: पूर्ण राज्यत्व दिवस: राष्ट्रपति, पीएम मोदी, सीएम जयराम समेत कांग्रेसी नेताओं ने दी बधाई

सोलन: हिमाचल को पूर्व राज्य का दर्जा मिले आज 52 साल हो गये हैं. साल 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा (Himachal Statehood Day) मिला था. इस मौके पर सोलन के ठोडो मैदान (THODO GROUND SOLAN) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, स्वर्ण जयंती समारोह कार्यक्रम का भी समापन किया गया. समारोह में सीएम जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. सबसे पहले सीएम जयराम ठाकुर ने परेड की सलामी ली.

समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हिमाचल के विकास में ही प्रदेश के लोगों का विकास है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार का अहम योगदान है, उन्होंने कहा कि आजतक जितने भी लोगों ने प्रदेश का नेतृत्व किया उन्होंने हिमाचल को सजाने का काम किया है. हिमाचल भले ही छोटा प्रदेश है, लेकिन देश की रक्षा में हिमाचल सबसे आगे है.

वीडियो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के जवान हमेशा देश की रक्षा के लिए आगे रहते है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हिमाचल को अपना घर मानते हैं और जब भी वे अपने घर आते हैं तो कुछ न कुछ एक बेटे की तरह घर के लोगों को देकर जाते हैं. प्रदेश में बीजेपी की सरकार को 4 साल हो चुके है और इन 4 सालों में जितना कार्य भाजपा सरकार ने किया है उतना आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जब पूर्ण राज्य का दर्जा हिमाचल को मिला तब सूबे के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह ठाकुर से विकास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ 3 शब्द कहे थे और वो थे 'सड़क, सड़क, सड़क'. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर गांव तक सड़कों की सुविधा मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल को संवारने के लिए सभी का योगदान है.

ये भी पढ़ें: पूर्ण राज्यत्व दिवस का शगुन: 51 साल का हुआ हिमाचल, छू लिए शिखर अनेक

प्रदेश में बीते पचास वर्षों में हुई प्रगति और विकास का उत्सव हमने अनेक आयोजनों के माध्यम से मनाया. कोरोना महामारी के कारण बहुत से पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं हो सका. स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए. 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिला और इस प्रकार यह पहाड़ी प्रांत भारतीय संघ का 18वां राज्य बना.


राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद हिमाचल प्रदेश ने प्रगति और समृद्धि की राह पर तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और आज यह प्रदेश केवल पहाड़ी राज्यों ही नहीं बल्कि देश के अन्य बड़े राज्यों के लिए भी विकास का पथ प्रदर्शक बन गया है. प्रति व्यक्ति आय, सकल घरेलू उत्पाद, पावर सरप्लस राज्य का दर्जा, बागवानी और कृषि उत्पादन में व्यापक वृद्धि, साक्षरता दर में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त करना, गांव-गांव तक सड़क सुविधा तथा घर-घर तक पानी और बिजली की सुविधा जैसे अनेक मानक हैं जो राज्य की प्रगति को दर्शाते हैं. इस उपलब्धि का श्रेय यहां के लोगों की कड़ी मेहनत, ईमानदारी और उद्यमशीलता को जाता है.

ये भी पढ़ें: देवभूमि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर मीलों पैदल चलकर शिमला आए थे लोग

साल 1971 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय केवल 651 रुपये थी जो आज बढ़कर 1,83,286 हो गई है जो देश के अधिकांश राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है. राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 1971 में 223 करोड़ रुपये था जो बढ़कर 1,56,522 करोड़ रुपये हो गया है. इसी तरह, शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और आज हमारी साक्षरता दर 82.80 प्रतिशत हो गई है जो 1971 में 23 प्रतिशत थी. केरल राज्य के बाद हिमाचल की साक्षरता दर दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में वर्ष 1971 में कृषि उत्पादन 954 मीट्रिक टन से बढ़कर 1500 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.


हिमाचल प्रदेश में 1,53,643 किसानों ने प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान को अपनाया है और 9,192 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है. 1971 में खाद्यान्न उत्पादन 9.40 मीट्रिक टन था जो आज 16.74 लाख मीट्रिक टन हो गया है. पिछले पांच दशकों में 24 हजार हेक्टेयर उपजाऊ भूमि को सिंचाई के अधीन लाया गया है. बागवानी उत्पादन वर्ष 1970-71 में लगभग 149 मीट्रिक टन था जो आज लगभग 900 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.

उस समय प्रदेश में 587 स्वास्थ्य संस्थान थे जिनकी संख्या बढ़कर 4320 और शिक्षण संस्थानों की संख्या 4693 से बढ़कर 16067 हा चुकी है. इसी तरह, सड़कों की लंबाई 10,617 किलोमीटर से बढ़कर 38 हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है. वर्ष 1971 राज्य में 2944 गांवों का विद्युतीकरण हुआ था जबकि आज शत-प्रतिशत गांवों को बिजली की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है. हिमाचल प्रदेश ने देश के फल राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है और यहां गैर-मौसमी सब्जियों का उत्पादन भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Himachal Statehood Day: हिमाचल के नामकरण में डॉ. परमार की नहीं, 28 रियासतों के राजाओं की चली

ये भी पढ़ें: पूर्ण राज्यत्व दिवस: राष्ट्रपति, पीएम मोदी, सीएम जयराम समेत कांग्रेसी नेताओं ने दी बधाई

Last Updated : Jan 25, 2022, 8:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.