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पच्छाद से अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त पूर्व मंत्री मुसाफिर, प्रदेश से कांग्रेस की जीत का किया दावा

सोलन पहुंचे पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर (Former Minister Ganguram Musafir) ने कहा कि पच्छाद की जनता में बेहद रोष है. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप इसी विधानसभा से हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा के विधायक हैं, लेकिन दोनों ही इस विधानसभा क्षेत्र का विकास करवाने में असमर्थ हैं. मुसाफिर ने 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर बात करते हुए कहा कि वे इस बार अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि पच्छाद ब्लॉक कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस कमेटी ये भली भांति जानती है कि जिताऊ उम्मीदवार कौन है.

Former Minister Ganguram Musafir
सोलन पहुंचे पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर
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Published : May 10, 2022, 3:16 PM IST

सोलन: साल 2022 में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक गर्मी भी बढ़ रही है. साल 2019 के उपचुनावों में हॉट सीट रही पच्छाद विधानसभा में इस बार फिर राजनीति दिलचस्प होने वाली है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर ने एक बार फिर अपनी टिकट को लेकर हुंकार भर दी है. मुसाफिर जहां एक तरफ अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैं वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने प्रदेश में विस चुनावों में कांग्रेस की जीत का दावा किया है.

सोलन पहुंचे पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर ने कहा कि पच्छाद की जनता में बेहद रोष है. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप इसी विधानसभा से हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा के विधायक हैं, लेकिन दोनों ही इस विधानसभा क्षेत्र का विकास करवाने में असमर्थ हैं. मुसाफिर ने 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर बात करते हुए कहा कि वे इस बार अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि पच्छाद ब्लॉक कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस कमेटी ये भली भांति जानती है कि जिताऊ उम्मीदवार कौन है. वहीं, मुसाफिर ने कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा भी किया है. उन्होंने कहा कि जब से प्रतिभा वीरभद्र सिंह कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष बनी हैं तब से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश है.

वीडियो.

जहां एक तरफ पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर अपनी टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. वहीं, पच्छाद में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई दयाल प्यारी भी टिकट की दौड़ में नजर आ रही है. ऐसे में अब इस सीट पर राजनीति देखने लायक होने वाली है कि क्या भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप अपना कुनबा बचाकर भाजपा को वहां पर रिपीट करवा पाते हैं या फिर कांग्रेस टिकट की लड़ाई छोड़कर भाजपा को इस सीट पर पटखनी देती है.

बता दें कि कांग्रेस ने पच्छाद विधानसभा सीट से साल 2017 विधानसभा चुनाव (2017 assembly election) में भी गंगूराम मुसाफिर को उतारा था. वह उस समय के भाजपा प्रत्याशी और हाल ही शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप से हार गए थे. इससे पहले 2012 में में भी मुसाफिर को भाजपा के सुरेश कुमार कश्यप से 2805 वोटों से हार मिली थी. गंगूराम मुसाफिर कांग्रेस एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, साल 2012 में हारने से पहले, वह 1982 से इस सीट पर जीतते आ रहे थे. 1982 में मुसाफिर ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन 1985 से वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. वह मंत्री के अलावा, हिमाचल विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं.

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सोलन: साल 2022 में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक गर्मी भी बढ़ रही है. साल 2019 के उपचुनावों में हॉट सीट रही पच्छाद विधानसभा में इस बार फिर राजनीति दिलचस्प होने वाली है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर ने एक बार फिर अपनी टिकट को लेकर हुंकार भर दी है. मुसाफिर जहां एक तरफ अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैं वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने प्रदेश में विस चुनावों में कांग्रेस की जीत का दावा किया है.

सोलन पहुंचे पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर ने कहा कि पच्छाद की जनता में बेहद रोष है. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप इसी विधानसभा से हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा के विधायक हैं, लेकिन दोनों ही इस विधानसभा क्षेत्र का विकास करवाने में असमर्थ हैं. मुसाफिर ने 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर बात करते हुए कहा कि वे इस बार अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि पच्छाद ब्लॉक कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस कमेटी ये भली भांति जानती है कि जिताऊ उम्मीदवार कौन है. वहीं, मुसाफिर ने कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा भी किया है. उन्होंने कहा कि जब से प्रतिभा वीरभद्र सिंह कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष बनी हैं तब से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश है.

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जहां एक तरफ पूर्व मंत्री जीआर मुसाफिर अपनी टिकट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. वहीं, पच्छाद में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई दयाल प्यारी भी टिकट की दौड़ में नजर आ रही है. ऐसे में अब इस सीट पर राजनीति देखने लायक होने वाली है कि क्या भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप अपना कुनबा बचाकर भाजपा को वहां पर रिपीट करवा पाते हैं या फिर कांग्रेस टिकट की लड़ाई छोड़कर भाजपा को इस सीट पर पटखनी देती है.

बता दें कि कांग्रेस ने पच्छाद विधानसभा सीट से साल 2017 विधानसभा चुनाव (2017 assembly election) में भी गंगूराम मुसाफिर को उतारा था. वह उस समय के भाजपा प्रत्याशी और हाल ही शिमला लोकसभा के सांसद सुरेश कश्यप से हार गए थे. इससे पहले 2012 में में भी मुसाफिर को भाजपा के सुरेश कुमार कश्यप से 2805 वोटों से हार मिली थी. गंगूराम मुसाफिर कांग्रेस एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, साल 2012 में हारने से पहले, वह 1982 से इस सीट पर जीतते आ रहे थे. 1982 में मुसाफिर ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन 1985 से वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. वह मंत्री के अलावा, हिमाचल विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं.

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