सोलन: क्षेत्रीय अस्पताल सोलन का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है. अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर का वीडियो वायल हो रहा है. चिकित्सक पर आरोप है कि वह ड्यूटी पर शराब पीकर पहुंचा है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.
वीडियो हुआ वायरल
शुक्रवार रात ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के व्यवहार व तरीके से एक पिता इतना आहत हुआ कि उसे मौके से चिकित्सक का वीडियो लाइव करना पड़ा. वीडियो में साफ तौर पर चिकित्सक पर नशे की हालत में होने का आरोप लग रहा है. मगर डॉक्टर साहब इस आरोप का कोई खंडन नहीं कर रहे, बल्कि खुद भी वीडियो बनाते दिख रहे हैं.
अगर इस वीडियो की बातचीत का आधार माना जाए तो पिता बार-बार कह रहा है कि दो दिन से बच्चा बेहाल है. लगातार रो रहा है, लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ ने मासूम को टच तक नहीं किया है. वीडियो में मौके पर मौजूद स्टाफ भी दखल देता नजर आ रहा है. सवाल इस बात पर उठता है कि जिस जिला से खुद स्वास्थ्य मंत्री ताल्लुक रखते हों, वहां इस तरह के हालात हैं. इस घटनाक्रम से सवाल ये उठता है कि क्या वैश्विक महामारी में इस तरह का व्यवहार रखने वाले डॉक्टरों ने मरीजों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया है.
सीएम जयराम और स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात
जब पत्रकारों ने इस मामले पर सीएम जयराम ठाकुर से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वहीं, इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात बच्चे के पिता का फोन आया था, जब वो बच्चे को लेकर सोलन से शिमला जा रहे थे. उन्होंने तुरंत ही आईजीएमसी के एमएस को सूचित कर दिया था. साथ ही उचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए थे.
ये कहते हैं एमएस सोलन
वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक अशोक हांडा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. यदि शिकायतकर्ता अस्पताल प्रशासन या पुलिस को सूचित करता तो तुरंत ही ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक का मेडिकल करवाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि मरीजों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार के लिए जल्द ही एक सर्कुलर भी जारी किया जाएगा. बच्चा 12 दिन का है और इसकी हालत नाजुक थी, इसलिए इसे पिछले 3-4 दिनों से अस्पताल में रखा गया था.
गौरतलब है कि सोलन क्षेत्रीय अस्पताल की हालत खराब होने से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मौजूद स्टाफ का व्यवहार मरीज की पीड़ा को और बढ़ा देता है. अब देखना यह भी होगा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दुर्व्यवहार करने वाले चिकित्सकों या अन्य स्टाफ पर नकेल कसने के लिए कोई ठोस कदम उठा पाते हैं या नहीं.
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