सोलनः शहर को नगर निगम बनाने को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. प्रदेश सरकार भी इस ओर अपने कदम उठा चुकी है. वहीं, ग्रामीण नगर निगम से जुड़ने पर विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नगर निगम में जोड़ा जाता हैं, तो उन्हें सरकार से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा.
वहीं, बीजेपी पार्षद पवन गुप्ता ने सोलन को नगर निगम बनाने को लेकर कहा कि शहर में 15 वार्ड है. इसी आधार पर जनगणना की जाए तो नगर निगम बनाने के लिए सोलन शहर सारे मापदंड पूरे करता है.
2015 में मिल सकता नगर निगम का दर्जा
नगर परिषद पार्षद पवन गुप्ता ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि 2015 में ही कांग्रेस कार्यकाल में नगर निगम बन सकती थी, लेकिन तत्कालीन विधायक और पूर्व मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल और नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष कुल राकेश पंत की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण नगर निगम नहीं बन पाए.
पार्षद पवन गुप्ता ने कहा कि उस समय सोलन शहर में 13 वार्ड से 15 वार्ड कर दिए गए थे, जो कि सोलन शहर के साथ एक अन्याय था. उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार सोलन शहर की आबादी 37,935 थी जो कि आज बढ़कर 60,000 तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि सोलन शहर नगर निगम बनाने के लिए सारे मापदंड पूरे करता है.
नगर निगम समिति चलाएगी हस्ताक्षर अभियान
पवन गुप्ता ने कहा कि नगर निगम बनाने के लिए अगर ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं तो सरकार सर्वे के आधार पर सोलन को नगर निगम बनाने की मांग पूरी करें. उन्होंने कहा कि अब सोलन में नगर समिति बनाई जाएगी, जिसमें 15 वार्डों के पार्षद लोगों के घर-घर जाकर उनसे नगर निगम बनाने को लेकर राय लेंगे.
पवन गुप्ता ने कहा कि अगर ग्रामीण नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं तो सरकार शहर के 15 वार्डों की जनसंख्या से ही नगर निगम बनाएं. पवन गुप्ता ने कहा कि नगर परिषद में बीते दिनों पार्षदों ने घोटाले के आरोप लगाए थे.
उन्होंने कहा कि वे प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इन घोटालों की जांच करवाई जाए, ताकि सोलन नगर निगम बनता है तो ऐसे घोटाले ना हो सके. गुप्ता ने कहा कि केंद्र की सरकार हो या फिर प्रदेश की दोनों ही सरकारें जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाती है. इसलिए घोटालों की जांच जरूरी है, ताकि लोग चुने हुए नुमाइंदों पर भरोसा कर सके.
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