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2017 में ससुर से 671 वोटों से हारे थे दामाद, फिर आमने सामने होंगे सोलन सीट पर धनीराम शांडिल और राजेश कश्यप

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) में सबसे दिलचस्प मुकाबला सोलन सदर सीट पर रहने वाला है, जहां पर ससुर दामाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे. वैसे तो 2017 कि विधानसभा चुनाव में अपने ससुर और कांग्रेस उम्मीदवार कर्नल शांडिल से डॉ. राजेश 671 वोटों से हार गए थे, लेकिन अब चुनावी मुकाबला कठिन रहने वाला है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal BJP candidates list) (Himachal Congress candidates list)

solan sadar assembly seat political equation
सोलन सीट पर चुनावी समीकरण
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Published : Oct 19, 2022, 11:51 AM IST

सोलन: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर भाजपा कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इसमें दिलचस्प मुकाबला सोलन सदर सीट पर रहने वाला है, जहां पर ससुर दामाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री रि. कर्नल धनीराम शांडिल और भाजपा से 2017 के प्रत्याशी डॉ राजेश कश्यप चुनावी मैदान है. 2017 कि विधानसभा चुनाव में अपने ससुर और कांग्रेस उम्मीदवार कर्नल शांडिल से डॉ. राजेश 671 वोटों से हार गए थे, लेकिन अब चुनावी मुकाबला कठिन रहने वाला है. क्योंकि भाजपा का एक महतवपूर्ण धड़ा राजेश कश्यप के खिलाफ सोलन में मोर्चा खोले हुए है, वहीं कांग्रेस में भी गुटों की वजह से यहां कांग्रेस के लिए मुकाबला कठिन रहने वाला है. (BJP candidate from Solan Sadar) (BJP candidate from Solan)(Himachal Assembly Elections 2022)

कांग्रेस का गढ़ रही है सोलन विधानसभा सीट: सोलन विधानसभा सीट पर कांग्रेस का रहा है वर्चस्व आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सबसे ज्यादा सोलन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. सोलन विधानसभा क्षेत्र में 1977 के बाद से अब तक हुए 10 विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा, पांच बार कांग्रेस और एक बार जनता पार्टी को जीत मिली है. आंकड़े बताते हैं कि यहां की जनता किसी पार्टी विशेष के बजाय क्षेत्रीय व्यक्तित्व पर भरोसा जताती है, यही कारण है कि यहां पर कोई भी नेता दो बार से ज्यादा अपनी सीट नहीं बचा पाया है, चाहे वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजीव बिंदल हों या फिर कांग्रेस की कृष्णा मोहिनी, वर्तमान में सोलन विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस नेता और मौजूदा विधायक धनीराम शांडिल का कब्जा है. सेना से राजनीति में शामिल हुए धनीराम कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. धनीराम को कांग्रेस के कद्दावर दलित नेताओं में से एक माना जाता है. (Himachal BJP candidates list) (Dhaniram Shandil Congress candidate from Solan seat)

Solan assembly seat ground report
2017 में सोलन विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण.

सोलन विधानसभा सीट पर अब तक किसे मिली जीत किसे मिली हार: साल 1977 में जनता पार्टी से गौरीशंकर ने सोलन विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत भी हासिल हुई थी. उसके बाद 1982 में भाजपा के उम्मीदवार रामानंद ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. साल 1985 में ज्ञानचंद टूटू ने कांग्रेस की टिकट लेकर चुनाव जीता. 1990 में भाजपा नेता महेंद्र नाथ सोफत ने सोलन सीट पर जीत हासिल की. 1993 और 1998 में दो बार लगातार मेजर कृषणा मोहिनी ने कांग्रेस की टिकट पर यहां चुनाव जीता. (Rajesh Kashyap BJP candidate from Solan)

Solan assembly seat ground report
सोलन विधानसभा सीट पर अब तक जीत का अंतर.

साल 1998 में हुए चुनाव में कृष्णा मोहिनी ने भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र नाथ सोफत को 26 मतों से हराया था, जिसको लेकर सोफत ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसके बाद फरवरी 2000 में विधानसभा का उपचुनाव घोषित हुआ जिसमें सोफत का टिकट कटा और डॉ. राजीव बिंदल ने उस उपचुनाव में जीत हासिल की बाद साल 2003 और साल 2007 में भाजपा की टिकट पर डॉ. राजीव बिंदल ने चुनाव लड़ा और इस सीट पर कब्जा किया. उसके बाद साल 2012 और 2017 में हुए चुनाव में कर्नल धनीराम शांडिल ने जीत हासिल की और अभी वे मौजूदा विधायक हैं. (Himachal Congress candidates from solan)

अब तक सोलन विधानसभा सीट पर जीत का अंतर: साल 1977 के चुनाव में गौरी शंकर ने जनता पार्टी से चुनाव लड़ा 4613 वोटों के अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी ईश्वर सिंह को हराया था. साल 1982 में भाजपा प्रत्याशी रामानन्द ने 2816 वोटों के अंतर से निर्दलीय गुरुदत्त को हराया था. साल 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान चंद टूटू ने 10,122 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी रामानन्द को हराया था. साल 1990 में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र नाथ सोफत 2735 वोटो के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान चंद टूटू को हराया था. 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा मोहिनी ने 11,594 वोटों के अंतर से भाजपा के महेंद्र नाथ को हराया था. साल 1998 में एक बार फिर कृष्णा मोहिनी ने 26 वोटों के अंतर से भाजपा के महेंद्र नाथ को हराया. (Himachal Congress candidates list)

वहीं, 2000 में उपचुनाव हुआ, जिसमें भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा मोहिनी को 3000 से अधिक वोटों से हराया था. साल 2003 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने 1359 वोटों के अंतर से निर्दलीय चुनाव में उतरे महेंद्र नाथ सोफत को हराया. साल 2007 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने 3716 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश पराशर को हराया. साल 2012 में कर्नल धनीराम शांडिल चुनावी रण में उतरे 4472 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी कुमारी शीला को हराया. एक बार फिर 2017 में शांडिल चुनाव में उतरे और उन्होंने अपने ही दामाद भाजपा प्रत्याशी राजेश कश्यप को 671 वोटों से हराया. (bjp and congress candidate from Solan )

ये भी पढ़ें: Himachal Assembly Election 2022: 62 सीटों के लिए हिमाचल बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी, इनका टिकट कटा

सोलन: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर भाजपा कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इसमें दिलचस्प मुकाबला सोलन सदर सीट पर रहने वाला है, जहां पर ससुर दामाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री रि. कर्नल धनीराम शांडिल और भाजपा से 2017 के प्रत्याशी डॉ राजेश कश्यप चुनावी मैदान है. 2017 कि विधानसभा चुनाव में अपने ससुर और कांग्रेस उम्मीदवार कर्नल शांडिल से डॉ. राजेश 671 वोटों से हार गए थे, लेकिन अब चुनावी मुकाबला कठिन रहने वाला है. क्योंकि भाजपा का एक महतवपूर्ण धड़ा राजेश कश्यप के खिलाफ सोलन में मोर्चा खोले हुए है, वहीं कांग्रेस में भी गुटों की वजह से यहां कांग्रेस के लिए मुकाबला कठिन रहने वाला है. (BJP candidate from Solan Sadar) (BJP candidate from Solan)(Himachal Assembly Elections 2022)

कांग्रेस का गढ़ रही है सोलन विधानसभा सीट: सोलन विधानसभा सीट पर कांग्रेस का रहा है वर्चस्व आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सबसे ज्यादा सोलन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. सोलन विधानसभा क्षेत्र में 1977 के बाद से अब तक हुए 10 विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा, पांच बार कांग्रेस और एक बार जनता पार्टी को जीत मिली है. आंकड़े बताते हैं कि यहां की जनता किसी पार्टी विशेष के बजाय क्षेत्रीय व्यक्तित्व पर भरोसा जताती है, यही कारण है कि यहां पर कोई भी नेता दो बार से ज्यादा अपनी सीट नहीं बचा पाया है, चाहे वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजीव बिंदल हों या फिर कांग्रेस की कृष्णा मोहिनी, वर्तमान में सोलन विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस नेता और मौजूदा विधायक धनीराम शांडिल का कब्जा है. सेना से राजनीति में शामिल हुए धनीराम कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. धनीराम को कांग्रेस के कद्दावर दलित नेताओं में से एक माना जाता है. (Himachal BJP candidates list) (Dhaniram Shandil Congress candidate from Solan seat)

Solan assembly seat ground report
2017 में सोलन विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण.

सोलन विधानसभा सीट पर अब तक किसे मिली जीत किसे मिली हार: साल 1977 में जनता पार्टी से गौरीशंकर ने सोलन विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत भी हासिल हुई थी. उसके बाद 1982 में भाजपा के उम्मीदवार रामानंद ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. साल 1985 में ज्ञानचंद टूटू ने कांग्रेस की टिकट लेकर चुनाव जीता. 1990 में भाजपा नेता महेंद्र नाथ सोफत ने सोलन सीट पर जीत हासिल की. 1993 और 1998 में दो बार लगातार मेजर कृषणा मोहिनी ने कांग्रेस की टिकट पर यहां चुनाव जीता. (Rajesh Kashyap BJP candidate from Solan)

Solan assembly seat ground report
सोलन विधानसभा सीट पर अब तक जीत का अंतर.

साल 1998 में हुए चुनाव में कृष्णा मोहिनी ने भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र नाथ सोफत को 26 मतों से हराया था, जिसको लेकर सोफत ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसके बाद फरवरी 2000 में विधानसभा का उपचुनाव घोषित हुआ जिसमें सोफत का टिकट कटा और डॉ. राजीव बिंदल ने उस उपचुनाव में जीत हासिल की बाद साल 2003 और साल 2007 में भाजपा की टिकट पर डॉ. राजीव बिंदल ने चुनाव लड़ा और इस सीट पर कब्जा किया. उसके बाद साल 2012 और 2017 में हुए चुनाव में कर्नल धनीराम शांडिल ने जीत हासिल की और अभी वे मौजूदा विधायक हैं. (Himachal Congress candidates from solan)

अब तक सोलन विधानसभा सीट पर जीत का अंतर: साल 1977 के चुनाव में गौरी शंकर ने जनता पार्टी से चुनाव लड़ा 4613 वोटों के अंतर से निर्दलीय प्रत्याशी ईश्वर सिंह को हराया था. साल 1982 में भाजपा प्रत्याशी रामानन्द ने 2816 वोटों के अंतर से निर्दलीय गुरुदत्त को हराया था. साल 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान चंद टूटू ने 10,122 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी रामानन्द को हराया था. साल 1990 में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र नाथ सोफत 2735 वोटो के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान चंद टूटू को हराया था. 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा मोहिनी ने 11,594 वोटों के अंतर से भाजपा के महेंद्र नाथ को हराया था. साल 1998 में एक बार फिर कृष्णा मोहिनी ने 26 वोटों के अंतर से भाजपा के महेंद्र नाथ को हराया. (Himachal Congress candidates list)

वहीं, 2000 में उपचुनाव हुआ, जिसमें भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा मोहिनी को 3000 से अधिक वोटों से हराया था. साल 2003 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने 1359 वोटों के अंतर से निर्दलीय चुनाव में उतरे महेंद्र नाथ सोफत को हराया. साल 2007 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने 3716 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश पराशर को हराया. साल 2012 में कर्नल धनीराम शांडिल चुनावी रण में उतरे 4472 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी कुमारी शीला को हराया. एक बार फिर 2017 में शांडिल चुनाव में उतरे और उन्होंने अपने ही दामाद भाजपा प्रत्याशी राजेश कश्यप को 671 वोटों से हराया. (bjp and congress candidate from Solan )

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