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सोलन में बैंककर्मियों का प्रदर्शन, मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

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Published : Feb 1, 2020, 3:27 PM IST

बैंककर्मियों की हड़ताल की वजह से दूसरे दिन भी बैंक में ताले लटके रहे. इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि यूएफबीयू के बैनर तले नौ यूनियन के लगभग 10 लाख अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

Bank workers strike on second day in Solan
सोलन में बैंककर्मियों का प्रदर्शन

सोलनः बैंककर्मियों की हड़ताल की वजह से दूसरे दिन भी बैंक में ताले लटके रहे. इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि यूएफबीयू के बैनर तले नौ यूनियन के लगभग 10 लाख अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

सोलन में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के के दूसरे दिन बैंक कर्मचारियों ने मॉल रोड पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों ने यूएफबीयू 1 नवंबर 2017 को वेतन वृद्धि के लिए चार्टर्ड ऑफ डिमांड की कॉपी आईबीए को सौंपी थी, लेकिन बैंककर्मियों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते मजबूरन बैंककर्मियों को हड़ताल पर जाना पड़ा.

वीडियो रिपोर्ट

क्या कहते है बैंक कर्मी...
बैंक कर्मचारियों का कहना है हड़ताल की वजह से सोलन में कारोबार ठप हुआ है. अगर केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो मजबूरन फिर से सड़क पर उतरना पड़ेगा. कर्मचारियों ने कहा कि आगामी 11 मार्च से 13 मार्च तक फिर से हड़ताल पर जाएंगे और उसके बाद सरकार मांगें नहीं मानती है तो एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

ये भी पढ़ेः शिमला में पानी की दरों में बदलाव, मर्ज एरिया के हजारों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

सोलनः बैंककर्मियों की हड़ताल की वजह से दूसरे दिन भी बैंक में ताले लटके रहे. इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि यूएफबीयू के बैनर तले नौ यूनियन के लगभग 10 लाख अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

सोलन में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के के दूसरे दिन बैंक कर्मचारियों ने मॉल रोड पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों ने यूएफबीयू 1 नवंबर 2017 को वेतन वृद्धि के लिए चार्टर्ड ऑफ डिमांड की कॉपी आईबीए को सौंपी थी, लेकिन बैंककर्मियों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके चलते मजबूरन बैंककर्मियों को हड़ताल पर जाना पड़ा.

वीडियो रिपोर्ट

क्या कहते है बैंक कर्मी...
बैंक कर्मचारियों का कहना है हड़ताल की वजह से सोलन में कारोबार ठप हुआ है. अगर केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो मजबूरन फिर से सड़क पर उतरना पड़ेगा. कर्मचारियों ने कहा कि आगामी 11 मार्च से 13 मार्च तक फिर से हड़ताल पर जाएंगे और उसके बाद सरकार मांगें नहीं मानती है तो एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

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Intro:दूसरे दिन भी जारी रही बैंक कर्मियों की हड़ताल.... केंद्र सरकार के खिलाफ सोलन में गरजे बैंक कर्मचारी

■ वित्त मंत्री होश में आओ और केंद्र सरकार मुर्दाबाद के नारों से गुंजा सोलन मॉल रोड़

■ हड़ताल के चलते पहले दिन हिमाचल में 2000 करोड़ तो सोलन में 200 करोड़ का कारोबार हुआ ठप्प



देश भर में आज राष्ट्रीयकृत बैंकों में दूसरे दिन दिन की हड़ताल है। जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यूएफबीयू के बैनर तले बैंक की नो यूनियन के लगभग 10 लाख अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। सोलन में भी हड़ताल के दूसरे दिन बैंक कर्मचारियों ने सोलन मॉल रोड़ पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैंक कर्मचारियों ने यू एफ बी यू द्वारा 1 नवंबर 2017 को वेतन वृद्धि के लिए चार्टर्ड ऑफ डिमांड की कॉपी आईबीए को सौंपी थी और आईबीए के साथ कई मीटिंग भी की गई लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी गई। जिसके चलते बैंक कर्मचारियों को हड़ताल पर उतरना पड़ा है।


Body:■ क्या कहते है बैंक कर्मी......
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि हड़ताल के चलते पहले दिन हिमाचल में 2000 करोड़ का कारोबार ठप्प हुआ है वही सोलन में भी पहले दिन 200 करोड़ के कारोबार ठप्प रहा। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार और हाईवे का अनदेखी वाला रवैया आगे भी जारी रहा तो बैंक कर्मचारियों को मजबूरन फिर से 11 से 13 मार्च तक 3 दिन की हड़ताल करनी पड़ेगी और अगर इसके बाद भी मांगे नहीं मानी गई तो 1 अप्रैल से बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी केंद्र सरकार और आईबीए की होगी।

बैंक कर्मियों का कहना है कि उनकी मुख्य मांग पिछले दो सालों से है,नवम्बर 2017 से अपने वेतन को बढ़ाने के लिए सरकार से और सरकार के नुमाइंदों से मांग कर चुके हैं लेकिन सरकार हमारी मांगों को सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है उन्होंने कहा कि वेतन वृद्धि जैसी हमारे अन्य और दिमाग हैं जिन्हें सरकार नजरअंदाज कर रही है। वहीँ बैंकों का मर्जर किया जा रहा है बिना यूनियन के साथ बैठक ना करके, प्राइवेट हाथों में बैंकों को दिया जा रहा है,ताकि सरकार को फिसिकल डेफिसिट मुनाफा हो सके। उन्होंने कहा को अगर अब भी बैंकों की मांगों को पूरा नही किया जायेगा तो आने वाले समय मे प्रदर्शन और उग्र किया जायेगा।


Conclusion: बैंक कर्मचारियों की प्रमुख मांगे निम्न है.....

■ वेतन में 20% बढ़ोतरी
■ RBI के कर्मचारियों की तरह सबको मिले सप्ताह में 5 दिनों में बैंकिग
■ बेसिक पे में स्पेशल एलाउंस का मिलना
■ पेंशन का अपडेशन और फैमेली पेंशन में सुधार।

Byte....बैंक कर्मी
SHot.... strike bank solan worker
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