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सवालों के घेरे में कंडक्टर भर्ती परीक्षा, आयोग को नहीं पता कौन है प्रदेश का परिवहन मंत्री

प्रदेश में रविवार को आयोजित की गई कंडक्टर भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है. कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह को परिवहन महकमा संभाले करीब ढाई महीना हो चुका है जबकि रविवार को हुई परीक्षा के सवाल में हिमाचल का परिवहन मंत्री कौन है, को लेकर पूछे सवाल के चार विकल्पों में उनका नाम शामिल नहीं किया गया.

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Published : Oct 19, 2020, 1:17 PM IST

Conductor recruitment exam
कंडक्टर भर्ती परीक्षा

शिमला: प्रदेश में रविवार को आयोजित की गई कंडक्टर भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है. प्रश्न पत्र में परिवहन मंत्री से जुड़े सवाल के सभी विकल्प ही गलत दे दिए गए. प्रश्न पत्र सेट करने वाला पैनल इससे सवालों के घेरे में आ गया है.

कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह को परिवहन महकमा संभाले हुए करीब ढाई महीना हो चुका है जबकि रविवार को हुई परीक्षा के सवाल नंबर 115 में हिमाचल का परिवहन मंत्री कौन है, को लेकर पूछे सवाल के चार विकल्पों में महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर, विपिन सिंह परमार और वीरेंद्र कंवर के नाम शामिल किए गए.

गोविंद सिंह ठाकुर से परिवहन विभाग का जिम्मा लेकर बिक्रम सिंह को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है. बिक्रम सिंह ढाई महीना पहले परिवहन मंत्री बन चुके हैं. ऐसे में अगर प्रश्न पत्र पहले भी सेट कर लिया गया था तो इस गलती को दुरुस्त न करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

परिवहन विभाग में भरे जा रहे कंडक्टरों के पदों की भर्ती में महकमे से जुड़ा सवाल गलत पूछने का मामला सामने आने के बाद अन्य प्रश्नों के विकल्प भी संदेह के घेरे में आ गए हैं. बता दें कि प्रदेश में एचआरटीसी भर्ती हमेशा से ही विवादों में रही है. वर्ष 2003-04 में कंडक्टर भर्ती मामले में एक आईएएस और पांच अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था.

आरोप यह था कि इस भर्ती प्रक्रिया में 300 पदों को भरने के बजाय 378 पद भरे गए. परिवहन निगम की ओर से यह भर्ती की गई थी. यह मामला कोर्ट तक पहुंचा था. परिवहन विभाग ने वर्ष 2016 में भी 498 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. इसमें कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा लोगों की नियुक्ति होने से भर्ती विवादों में रही. उसके बाद वर्ष 2017-18 में 1078 पदों के लिए टीएमपीए कंडक्टर भर्ती मामला भी लंबे समय तक कोर्ट में चला रहा.

लगातार कंडक्टर भर्ती को लेकर उठ रहे सवालों के चलते बीजेपी सरकार ने कमीशन के तहत पदों को भरने का फैसला लिया था. रविवार को इसकी लिखित परीक्षा ली गई. कमीशन की ओर से 568 पदों के लिए 304 सेंटर बनाए गए. इसमें 60 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया. यह परीक्षा 10 से 12 बजे तक दो घंटे के लिए ली गई लेकिन परीक्षा शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद प्रश्न पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर आ गया. यह प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद कमीशन और पुलिस महकमे ने कार्रवाई की है.

शिमला: प्रदेश में रविवार को आयोजित की गई कंडक्टर भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है. प्रश्न पत्र में परिवहन मंत्री से जुड़े सवाल के सभी विकल्प ही गलत दे दिए गए. प्रश्न पत्र सेट करने वाला पैनल इससे सवालों के घेरे में आ गया है.

कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह को परिवहन महकमा संभाले हुए करीब ढाई महीना हो चुका है जबकि रविवार को हुई परीक्षा के सवाल नंबर 115 में हिमाचल का परिवहन मंत्री कौन है, को लेकर पूछे सवाल के चार विकल्पों में महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर, विपिन सिंह परमार और वीरेंद्र कंवर के नाम शामिल किए गए.

गोविंद सिंह ठाकुर से परिवहन विभाग का जिम्मा लेकर बिक्रम सिंह को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है. बिक्रम सिंह ढाई महीना पहले परिवहन मंत्री बन चुके हैं. ऐसे में अगर प्रश्न पत्र पहले भी सेट कर लिया गया था तो इस गलती को दुरुस्त न करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

परिवहन विभाग में भरे जा रहे कंडक्टरों के पदों की भर्ती में महकमे से जुड़ा सवाल गलत पूछने का मामला सामने आने के बाद अन्य प्रश्नों के विकल्प भी संदेह के घेरे में आ गए हैं. बता दें कि प्रदेश में एचआरटीसी भर्ती हमेशा से ही विवादों में रही है. वर्ष 2003-04 में कंडक्टर भर्ती मामले में एक आईएएस और पांच अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था.

आरोप यह था कि इस भर्ती प्रक्रिया में 300 पदों को भरने के बजाय 378 पद भरे गए. परिवहन निगम की ओर से यह भर्ती की गई थी. यह मामला कोर्ट तक पहुंचा था. परिवहन विभाग ने वर्ष 2016 में भी 498 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. इसमें कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा लोगों की नियुक्ति होने से भर्ती विवादों में रही. उसके बाद वर्ष 2017-18 में 1078 पदों के लिए टीएमपीए कंडक्टर भर्ती मामला भी लंबे समय तक कोर्ट में चला रहा.

लगातार कंडक्टर भर्ती को लेकर उठ रहे सवालों के चलते बीजेपी सरकार ने कमीशन के तहत पदों को भरने का फैसला लिया था. रविवार को इसकी लिखित परीक्षा ली गई. कमीशन की ओर से 568 पदों के लिए 304 सेंटर बनाए गए. इसमें 60 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया. यह परीक्षा 10 से 12 बजे तक दो घंटे के लिए ली गई लेकिन परीक्षा शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद प्रश्न पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से बाहर आ गया. यह प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद कमीशन और पुलिस महकमे ने कार्रवाई की है.

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