शिमला: विश्व बैंक से प्रदूषण मैट्रिक्स में परिवहन क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए दो स्मार्ट शहरों शिमला और धर्मशाला में रोपवे के माध्यम से ट्रैफिक डी-कंजेशन के लिए निवेश समर्थन मांगा गया. विश्व बैंक टीम हिमाचल दौरे पर है. टीम ने 15 और 16 मार्च को प्रदेश का दौरा किया, मुख्यमंत्री सहित अनेक अधिकारियों से मुलाकात भी की. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में विकासात्मक कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य के अनुबंधों की संभावनाएं तलाशना है.
मुख्य सचिव और अधिकारियों से मुलाकात के दौरान जलवायु अनुकूल कृषि, वाटरशेड विकास दृष्टिकोण के माध्यम से आजीविका सुरक्षा, राज्य पर्यावरण कार्ययोजना और स्वच्छ गतिशीलता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई. राज्य ने इन सभी क्षेत्रों में निवेश, तकनीक और ज्ञान सहायता का आग्रह भी किया.
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने बताया कि बैठक में प्रतिनिधिमंडल द्वारा जलवायु अनुकूल हरित विकास के एजेंडे पर चर्चा की गई. राज्य ने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में ग्लासगो शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित नए स्वच्छ विकास एजेंडे के दृष्टिगत जीवाश्म ईंधन स्रोतों से गैर-प्रदूषणकारी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन में देश की सहायता करने के लिए प्रदेश की एक विशेष भूमिका है.
हाइड्रो सेक्टर अपने डिजाइन के कारण ग्रिड स्थिरता के लिए अनिवार्य रूप से आवश्यक है, जो ग्रिड में रुक-रुक कर और परिवर्तनशील सौर और पवन ऊर्जा के बढ़ते अन्तःक्षेप के कारण चिंता का एक नया क्षेत्र बन गया है. राज्य की ओर से प्रदेश के पंप भंडारण, सौर और जल विद्युत क्षेत्रों में निवेश और ज्ञान सहायता के लिए विश्व बैंक से आग्रह किया गया.
इस टीम में विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हार्तविग शाफर के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल है. अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नज़ीम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा, सचिव कृषि राकेश कंवर और योजना सलाहकार बासु सूद ने विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी. इससे पूर्व, प्रधान सचिव शहरी विकास देवेश कुमार ने विश्व बैंक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया.
विश्व बैंक के पास हिमाचल में निवेश का पर्याप्त पोर्टफोलियो है और आज विभिन्न परियोजनाओं के रूप में राज्य को कुल 3,160 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं. यह परियोजनाएं सड़क, जल आपूर्ति, बागवानी, वन और वित्तीय प्रबंधन क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं.
विश्व बैंक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ने 15 मार्च को शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) के कार्यालय का भी दौरा किया और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित शिमला जल आपूर्ति परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए स्थापित स्पेशल पर्पर्ज व्हीकल (एसपीवी) के कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने शिमला के उपनगर रामगढ़ का भी दौरा किया और परियोजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की.
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