शिमला: प्राकृतिक खेती में सिक्किम के बाद देश भर में नाम कमा रहे हिमाचल के किसानों भी प्रधानमंत्री के संबोधन से जुड़ेंगे. इसमें महिला किसान भी शामिल (Women farmers in Himachal) होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 16 दिसंबर को किसानों को संबोधित (PM Modi address farmers 16th December) करेंगे. इस वर्चुअल आयोजन में हिमाचल की 3200 से अधिक पंचायतों के किसान जुड़ेंगे. हर पंचायत से 25 किसान शामिल होंगे. प्रधानमंत्री की बात सुनने के लिए महिला किसान भी पंचायत भवन पहुंचेंगी.
कुल्लू जिला की विख्यात महिला कृषक ब्रिकमू नेगी, मंडी जिला की सुनिता, सुलोचना, लाहौल स्पीति जिला की डोलमा ने प्राकृतिक खेती में बहुत नाम कमाया है. इनमें मंडी जिला की सुनिता सालाना 60 हजार रुपए सब्जियों की पैदावार से कमाती हैं. ये सभी महिला किसान भी आयोजन में जुड़ेंगी. कुल्लू की ब्रिकमू नेगी ने तो अपना वर्मी कंपोस्ट की यूनिट भी स्थापित की है. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार चंबा जिले की महिला किसानों ने भी प्राकृतिक खेती में नाम कमाया है. चंबा की तीसा व सलूनी की महिला किसानों ने प्रशिक्षण हासिल कर अपने खेतों में अच्छा उत्पादन लिया है.
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को प्राकृतिक खेती पर प्री-बाइब्रेंट गुजरात समिट (Pre Vibrant Gujarat Summit ) के अंतिम दिन किसानों के नाम संबोधन करेंगे. 14-16 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती पर विस्तृत विमर्श (Natural Farming Seminar ) किया जाएगा, जिसमें सरकारी तौर पर आंध्र प्रदेश के बाद हिमाचल में शुरू होने वाली प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री का संबोधन 16 दिसंबर को 11 बजकर 50 मिनट से शुरू (PM Modi address on natural farming) होगा. हिमाचल प्रदेश के 72 हजार किसान वर्चुअल मोड से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे, जिसके लिए परियोजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनने के लिए योजना की इकाई की ओर से आत्मा टीम के साथ मिलकर हर पंचायत में तैयारियां की गई हैं. प्री-बाइब्रेंट गुजरात समिट में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुतिकरण होगा.
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राज्य सरकार की योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल बेस्ट प्रैक्टिस ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति देंगे. दोपहर 2 बजे से 3.15 तक चलने वाले इस सत्र में प्रो. चंदेल प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देंगे. योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल का कहना है कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है.
इस खेती विधि से प्रदेश में अभी तक 1,64,756 किसान-बागवानों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हेक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया. उन्होंने कहा कि प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसे बड़े कार्यक्रम में हिमाचल को मंच मिलना हम सबके लिए हर्ष का विषय है. इस कार्यक्रम में प्रस्तुतिकरण के दौरान हिमाचल में प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना और भविष्य की तैयारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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