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शिमला ग्रामीण इलाके में पीने के पानी की समस्या, लोगों ने लगाई गुहार

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Published : Apr 12, 2020, 8:36 PM IST

Updated : Apr 12, 2020, 8:49 PM IST

शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 15 दिनों से पीने की पानी की समस्या पेश आ रही है. सुन्नी तहसील की ओगली पंचायत के ठारु और जलोग गांव में लोगों को पानी की बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. लोग गंदे सीबरेज के पानी पीने को मजबूर हैं.

Water crisis in villages of Sunni Tehsil
सुन्नी तहसील में पानी की समस्या

शिमला: कोरोना को लेकर पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान एक ओर तो शिमला शहरी क्षेत्र में सारी सुविधाएं मिल रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 15 दिनों से पीने की पानी की समस्या पेश आ रही है. सुन्नी तहसील की ओगली पंचायत के ठारु और जलोग गांव में लोगों को पानी की बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. लोग गंदे सीबरेज के पानी पीने को मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों के अनुसार गांव के प्रधान विद्या शांडिल, उप तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आईपीएच के अधिकारियों से लेकर विधायक तक को शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. सीएम हेल्पलाइन पर भी इस समस्या को बताई गई लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ.

समस्या के समाधान नहीं होने पर लोगों ने तंग आकर एक गाड़ी हायर की और जलोग गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर नाले से पानी का इंतजाम किया. कर्फ्यू के समय में जब ढील मिलती है तो गांव के लोग नाले की ओर जाकर पानी भरते हैं. ज्यादातर लोगों के पास पालतू पशु भी है, लेकिन लोगों को खुद पीने के लिए पानी नसीब नहीं हो रहा है.

जानकारी के अनुसार ठारु-गढ़आउ पाइप लाइन 1973 की बनी हुई है. इस वजह से ये जगह-जगह से टूटी हुई है. गांव में रह रहे लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2017 में इसके लिए टेंडर भी हो चुके हैं लेकिन ठेकेदार ने अभी भी पाइप लाइन बनाने का पूरा काम नहीं किया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट: शिमला में ईस्टर पर बंद रहे चर्च, लोगों ने घरों में ही की प्रार्थना

शिमला: कोरोना को लेकर पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान एक ओर तो शिमला शहरी क्षेत्र में सारी सुविधाएं मिल रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 15 दिनों से पीने की पानी की समस्या पेश आ रही है. सुन्नी तहसील की ओगली पंचायत के ठारु और जलोग गांव में लोगों को पानी की बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. लोग गंदे सीबरेज के पानी पीने को मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों के अनुसार गांव के प्रधान विद्या शांडिल, उप तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आईपीएच के अधिकारियों से लेकर विधायक तक को शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. सीएम हेल्पलाइन पर भी इस समस्या को बताई गई लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ.

समस्या के समाधान नहीं होने पर लोगों ने तंग आकर एक गाड़ी हायर की और जलोग गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर नाले से पानी का इंतजाम किया. कर्फ्यू के समय में जब ढील मिलती है तो गांव के लोग नाले की ओर जाकर पानी भरते हैं. ज्यादातर लोगों के पास पालतू पशु भी है, लेकिन लोगों को खुद पीने के लिए पानी नसीब नहीं हो रहा है.

जानकारी के अनुसार ठारु-गढ़आउ पाइप लाइन 1973 की बनी हुई है. इस वजह से ये जगह-जगह से टूटी हुई है. गांव में रह रहे लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2017 में इसके लिए टेंडर भी हो चुके हैं लेकिन ठेकेदार ने अभी भी पाइप लाइन बनाने का पूरा काम नहीं किया है.

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Last Updated : Apr 12, 2020, 8:49 PM IST
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