शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में पानी का भारी संकट पैदा हो गया है. शहर के कई इलाकों (water crisis in shimla) में 4 दिन के बाद पानी मिल रहा है. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. वहीं, नगर निगम के खिलाफ भी लोगों का रोष बढ़ने लगा है और आए दिन लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को समाज सेवक रवि कुमार की अगुवाई में कुछ लोगों ने शिमला नगर निगम महापौर के दफ्तर के बाहर धरना दिया.
यह लोग नगर निगम महापौर के कार्यालय के बाहर विरोधस्वरूप खाली घड़ा और गिलास लेकर पहुंचे और नगर निगम पर लोगों को पानी मुहैया करवाने में नाकाम करार दिया. समाजसेवी रवि कुमार ने कहा कि आज पूरा शहर पानी के संकट से जूझ रहा है और ऐसी स्थिति में भी नगर निगम प्रशासन आज छुट्टी मना कर अपने घरों पर बैठा हुआ है. उन्होंने कहा कि यह लोगों की समस्या के प्रति नगर निगम प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि आज वह नगर निगम दफ्तर के बाहर एक घड़ा पानी लेने पहुंचे, लेकिन यहां कोई अधिकारी या प्रतिनिधि नहीं मिला. उन्होंने सरकार और नगर निगम प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सभी लोगों को पानी उपलब्ध कराने की बात कही है. रवि कुमार ने कहा कि अगर 24 घंटे में शहर के लोगों को पानी की सुविधा नहीं मिलती है, तो वे यही घड़ा लेकर शिमला के विधायक और प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे.
वहीं, बुद्धि राम जस्टा ने कहा कि जल शक्ति विभाग की ओर से शिमला शहर को (water crisis in shimla) 40 एमएलडी पानी रोजाना मिल रहा है, बावजूद इसके शहर के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा. उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा कि आखिर इतना पानी कहां जा रहा है. उन्होंने कहा कि कहने के लिए तो शिमला स्मार्ट सिटी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के लोग आज पानी से महरूम हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द लोगों को पानी उपलब्ध करवाने का काम किया जाए.
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