शिमलाः हिमाचल प्रदेश में जमीयत उलेमा के उपाध्यक्ष मौलाना मुमताज कासमी की ओर से जयराम सरकार पर लगाए आरोपों पर प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष राजबली ने पलटवार किया है. उन्होंने मुमताज कासमी को पहले वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किए कब्जे को छोड़ने की नसीहत दी है.
राजबली ने कहा कि कासमी ने बालूगंज में मस्जिद और बोर्ड के रेस्ट हाउस पर वर्षों से कब्जा करके रखा है और कोर्ट ने भी खाली करने के निर्देश दिए हैं. 32 लाख का मुआवजा भी देने के निर्देश दिए हैं.
मुसलमानों के हितों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं
राजबली ने कहा कि कासमी पूर्व में हज कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं. गंभीर आरोपों के चलते उन्हें पद से भी हटाया गया है. ऐसे में उन्हें हिमाचल के मुसलमानों के हितों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सभी समुदाय का एक समान विकास कर रहे हैं और मुस्लिम समुदाय का पूरा ध्यान इस सरकार की ओर से रखा जा रहा है.
सरकार की ओर से लगाए जा रहे शिविर
वक्फ बोर्ड की ओर से भी कई योजनाएं समुदाय के लिए चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कासमी की ओर से लगाए गए आरोप निराधार है. हज पर जाने वाले लोगों को सरकार की ओर से शिविर लगाए जा रहे हैं.
संबंधित अधिकारियों से करेंगे बात
कोरोना के दौरान प्रदेश के तबलीगी जमात के लोगों पर बनाए गए मामलों को वापस लेने के लिए सरकार के समक्ष उठाने की बात राजबली ने कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश में यदि किसी के खिलाफ कोई मामले बनाया गया है तो इसको लेकर संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे.
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