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अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन न दिए जाने पर वीरेंद्र कश्यप की आपत्ति, कहा: आज भी जारी है भेदभाव की प्रथा - Virendra Kashyap Press conference in shimla

हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग (Himachal Pradesh Scheduled Castes Commission) ने निजी बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन न दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं की वह जब भी बैंकों की बैठक में जाएं, तो उन्हें निर्देश दें की निजी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा मुहैया करवाएं. जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके.

virendra kashyap
वीरेंद्र कश्यप
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Published : May 20, 2022, 10:48 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग (Himachal Pradesh Scheduled Castes Commission) ने निजी बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन न दिए जाने पर कड़ी आपत्ति (Education loan to scheduled caste students) जताई है. आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं की वह जब भी बैंकों की बैठक में जाएं, तो उन्हें निर्देश दें की निजी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा मुहैया करवाएं. जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके.

यह जानकारी हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप (Virendra Kashyap Press conference in shimla) ने वीरवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी. उन्होंने कहा कि कुछ एक सरकारी बैंक ही अनुसूचित जाति के छात्रों को एडुकेशन लोन देते हैं, जबकि यह आंकड़ा बहुत कम है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृत बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन नहीं देते हैं. ऐसे में सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि सभी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन दें.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई गांव आज भी ऐसे हैं जहां अनुसूचित जाति के लोगों के साथ छुआछूत और भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां शिक्षा और विकास की कमी है, वहां पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ पुलिस भी भेदभाव करती है. ऐसे में सभी जिला के एसपी को निर्देश दिए गए हैं की जब भी कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति थाने आता है, तो उसके आने का समय और एफआईआर दर्ज होने का समय रजिस्टर में नोट किया जाए.

शिमला: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग (Himachal Pradesh Scheduled Castes Commission) ने निजी बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन न दिए जाने पर कड़ी आपत्ति (Education loan to scheduled caste students) जताई है. आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं की वह जब भी बैंकों की बैठक में जाएं, तो उन्हें निर्देश दें की निजी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा मुहैया करवाएं. जिससे वह अपनी पढ़ाई कर सके.

यह जानकारी हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप (Virendra Kashyap Press conference in shimla) ने वीरवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी. उन्होंने कहा कि कुछ एक सरकारी बैंक ही अनुसूचित जाति के छात्रों को एडुकेशन लोन देते हैं, जबकि यह आंकड़ा बहुत कम है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृत बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन नहीं देते हैं. ऐसे में सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि सभी बैंक अनुसूचित जाति के छात्रों को एजुकेशन लोन दें.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई गांव आज भी ऐसे हैं जहां अनुसूचित जाति के लोगों के साथ छुआछूत और भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां शिक्षा और विकास की कमी है, वहां पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ पुलिस भी भेदभाव करती है. ऐसे में सभी जिला के एसपी को निर्देश दिए गए हैं की जब भी कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति थाने आता है, तो उसके आने का समय और एफआईआर दर्ज होने का समय रजिस्टर में नोट किया जाए.

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