रामपुरः जिला के अंतर्गत आने वाली मुनिश पंचायत में भालू के आतंक से ग्रामीण सहमे हुए हैं. भालू से खौफजदा ग्रामीण दोपहर को भी घरों से बाहर निकलने और अपने खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, ऐसे में सेब बगीचों में बागवानों के आवश्यक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. बीते दिनों भालू दो पालतू गायों और एक बैल को मौत के घाट उतार चुका है, जबकि मधुमक्खियों के डिब्बों को क्षतिग्रस्त कर भालू ने बागवानों को खासा नुकसान पहुंचाया है.
गौरतलब है कि विकास खंड रामपुर की मुनिश पंचायत के ग्रामीण बीते करीब दो सप्ताह से भालू के आतंक से सहमे हुए हैं. पंचायत क्षेत्र में भालू का आतंक इतना बढ़ गया हैं कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं. मुनिश पंचायत के उपप्रधान रविंद्र ने बताया कि पंचायत के कई गांवों में भालू ने आतंक मचा रखा है. भालू लोगों के पालतू जानवरों को तो अपना शिकार बना ही रहा है, लेकिन अब ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.
रिहायशी इलाके में जंगली जानवर की दहशत से ग्रामीण परेशान हैं. पंचायत के थड़ा, बरकल और मतैलनी गांव में भालू का ज्यादा आतंक है. बीते दिनों थड़ा गांव के दलीप सिंह और मौगी राम के खेत में रखे मधुमक्खियों के कई डिब्बों को भालू नष्ट कर चुका है. प्रभावितों ने वन विभाग से उचित मुआवजा और भालू की समस्या से शीघ्र निजात दिलाने की मांग की है.
उन्होंने भालू को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाने की भी मांग की है. वहीं, क्षेत्र में लगातार ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों के सक्रिय होने के मामले समने आ रहे है. वहीं, उप-तहसील ननखड़ी के पूनन में भालू के हमले से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया गया था.
वहीं, इसको लेकर डीएफओ रामपुर का कहना है कि मुनीश पंचायत में पिंजरा विभाग की टीम ने लगा दिया गया था, लेकिन भालू बड़ा होने के कारण अब इसे बदल कर बड़ा पिंजरा जल्द से जल्द लगाया जाएगा जो शिमला से मंगवाया गया है.