शिमला: राजधानी शिमला में जाम की समस्या और पार्किंग की सुविधा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई टूटीकंडी पार्किंग धूल फांक रही है. इस पार्किंग का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ने बीते साल नवंबर माह में कर दिया था लेकिन अभी तक ये पार्किंग नगर निगम अलॉट नहीं कर पाया है.
इस पार्किंग पर 64 करोड़ खर्च किया गया है और यहां पर 750 गाड़ियां खड़ी करने की व्यवस्था है. इस पार्किंग के शुरू होने से शहर में जहां जाम की समस्या खत्म होनी थी. वहीं, गाड़ियां खड़ी करने के लिए खास कर पर्यटकों को भटकना भी नहीं पड़ता लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी ये पार्किंग शुरू नहीं हो पाई है.
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हालांकि नगर निगम ने पर्यटन सीजन में इस पार्किंग को शुरू करने का दावा किया था लेकिन इस पार्किंग को अलॉट करने के लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया भी शुरू नहीं कर पाया है. जिसके वजह से जाम की समस्या के आम लोगों के साथ ही बाहर से पर्यटकों को जूझना पड़ रहा है.
आचार संहिता के चलते शुरु नहीं हो पाई थी टेंडर प्रक्रिया
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के चलते टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी अब नगर निगम जल्द ही इसको लेकर टेंडर जारी करेगा और इस पार्किंग को शुरू कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि पार्किंग शुरू नहीं होने से नगर निगम को भी काफी नुकसान हो रहा है.
पर्यटकों को टैक्सियों में लाने का प्लान
शिमला शहर में लग रहे जाम को देखते हुए नगर निगम ने बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की गाड़ियों को टूटीकंडी पार्किंग में पार्क करवा कर वहां से टैक्सियों में माल रोड तक लाने की योजना नगर निगम ने बनाई थी. इसके लिए नगर निगम अलग से टैक्सियां चलाने जा रहा है. पर्यटन सीजन के दौरान शहर में जाम लग रहा है. जिसको देखते हुए नगर निगम खास सेवा शुरू करने वाला है लेकिन अभी तक नगर निगम इस पार्किंग को शुरू नहीं कर पाया है.
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