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सीडीएस जनरल बिपिन रावत को उनके दोस्तों ने दी श्रद्धांजलि, स्कूल के दिन याद कर बोले- वे अंतर्मुखी विद्यार्थी थे

शिमला के निजी स्कूल सेंट एडवर्ड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम (Tribute program at St. Edward School) का आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूल प्रबंधन और उनके सहपाठी रहे पूर्व विद्यार्थियों ने भी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान (Friends of Bipin Rawat paid tribute) धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने बताया की 1971 से 1973 तक जनरल बिपिन रावत ने शिमला के एडवर्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा (Bipin Rawat Edward School student) ग्रहण की थी. उन्होंने बताया कि बिपिन रावत अंतर्मुखी विद्यार्थी थे और हमेशा हंसते रहते थे .

Tribute program at St. Edward School
सेंट एडवर्ड में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
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Published : Dec 10, 2021, 8:35 PM IST

शिमला: देश के सपूत और भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (India first CDS General Bipin Rawat) को याद करते हुए उनके बचपन के सहपाठी धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने उन्हें याद करते हुए कहा कि बिपिन रावत फुटबॉल के उम्दा खिलाड़ी थे. क्लास में टीचर के फेवरेट थे. जब भी टीचर कक्षा में कोई भी सवाल पूछते थे तो सबसे पहले बिपिन रावत हाथ खड़ा कर जवाब देते थे. वे अक्सर कहा करते थे कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

शिमला के प्रतिष्ठित निजी स्कूल सेंट एडवर्ड में भी उनके लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का (Tribute program at St. Edward School) आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूल प्रबंधन और उनके सहपाठी रहे पूर्व विद्यार्थियों ने (Friends of Bipin Rawat paid tribute) भी श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि के दौरान धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने बताया कि 1971 से 1973 तक जनरल बिपिन रावत ने शिमला के एडवर्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की (Bipin Rawat Edward School student) थी. वे छोटा शिमला में अपने पिता के साथ रहते थे, क्योंकि उनके पिता आर्मी ट्रेंनिंग कमांड में तैनात थे.

वीडियो.

उन्होंने बताया कि जब वे उत्तराखंड से शिमला पढ़ने आए तो उन्होंने 9 वीं कक्षा में दाखिला लिया और 11वीं कक्षा तक यहां पढ़े. उसके बाद वे एनडीए में शामिल होकर सेना में भर्ती हुए. उन्होंने बताया कि बिपिन रावत अंतर्मुखी विद्यार्थी थे और हमेशा हंसते रहते थे. उन्होंने बताया कि हादसे के पहले दिन स्कूल के एक व्हाट्सएप ग्रुप एडवर्ड 73 में उनकी पत्नी ने मैसेज किया था. उन्होंने बताया कि बिपिन रावत की धर्मपत्नी मालविका अक्सर उस ग्रुप में मैसेज किया करते थी. हेलीकॉप्टर क्रैश से 1 दिन पहले भी उनका मैसेज आया था.

बता दें कि 12 मई रविवार 2019 को बिपिन रावत थल सेना के प्रमुख के तौर पर तीन दिवसीय दौरे पर (Bipin Rawat Shimla tour) शिमला पहुंचे थे. उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी आई थी. तब जनरल रावत ने हिमाचल के साथ लगती चीन सीमा पर सुरक्षा का जायजा लिया था. उस समय शिमला में सेना के स्वामित्व में अनाडेल मैदान पहुंचने पर तत्कालीन आरट्रेक प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जीएस सांघा व उनकी पत्नी अमनप्रीत कौर सांघा और कार्यवाहक क्षेत्रीय अध्यक्ष सेना परिवार कल्याण संगठन आरट्रेक ने उनका स्वागत किया था. अगले दिन सोमवार को सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में होने वाली वार्षिक स्पो‌र्ट्स मीट में वे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.

वर्ष 2019 में शिमला दौरे पर जब जनरल बिपिन रावत एडवर्ड स्कूल आए थे तो उनके साथ स्कूल के छात्रों ने सवाल-जवाब भी किए थे. मुलाकात करने वाले स्कूली छात्रों का कहना है कि वह एक जनरल की तरह नहीं बल्कि एक छात्र की तरह स्कूल में आए थे और अपने स्कूल के दिनों को उन्होंने हमारे साथ साझा किया था. बिपिन रावत ने कहा था कि अगर देश सेवा करनी है तो सेना को ज्वाइन करना. उन्होंने इस दौरान बचपन से लेकर सेनाध्यक्ष के पद पर पहुंचने के अनुभव भी शेयर किए.

बिपिन रावत अपने शिमला प्रवास के दौरान खास उत्सुकता लिए राजभवन भी पहुंचे थे. जनरल रावत ने हिमाचल राजभवन में उस टेबल को गहरी जिज्ञासा से निहारा था, जिस टेबल पर इंदिरा गांधी ने शिमला समझौता के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार भुट्टो को झुकने पर मजबूर किया था. राजभवन के अधिकारियों ने जनरल रावत को शिमला समझौता और उस से जुड़े सारे घटनाक्रम से अवगत करवाया था. तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें पूरे राजभवन का कोना-कोना दिखाया था. जनरल रावत ने राजभवन प्रशासन की इस धरोहर इमारत को सहेजने के लिए तारीफ की थी. उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने राजभवन स्टाफ के साथ फोटो भी खिंचवाई थीं.

ये भी पढ़ें: सीडीएस जनरल रावत की परछाई थे लांस नायक विवेक कुमार, शौर्य और बलिदान से सजी है हिमाचल की सैन्य विरासत

शिमला: देश के सपूत और भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (India first CDS General Bipin Rawat) को याद करते हुए उनके बचपन के सहपाठी धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने उन्हें याद करते हुए कहा कि बिपिन रावत फुटबॉल के उम्दा खिलाड़ी थे. क्लास में टीचर के फेवरेट थे. जब भी टीचर कक्षा में कोई भी सवाल पूछते थे तो सबसे पहले बिपिन रावत हाथ खड़ा कर जवाब देते थे. वे अक्सर कहा करते थे कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

शिमला के प्रतिष्ठित निजी स्कूल सेंट एडवर्ड में भी उनके लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का (Tribute program at St. Edward School) आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूल प्रबंधन और उनके सहपाठी रहे पूर्व विद्यार्थियों ने (Friends of Bipin Rawat paid tribute) भी श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि के दौरान धर्मपाल कपूर और चेतन शर्मा ने बताया कि 1971 से 1973 तक जनरल बिपिन रावत ने शिमला के एडवर्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की (Bipin Rawat Edward School student) थी. वे छोटा शिमला में अपने पिता के साथ रहते थे, क्योंकि उनके पिता आर्मी ट्रेंनिंग कमांड में तैनात थे.

वीडियो.

उन्होंने बताया कि जब वे उत्तराखंड से शिमला पढ़ने आए तो उन्होंने 9 वीं कक्षा में दाखिला लिया और 11वीं कक्षा तक यहां पढ़े. उसके बाद वे एनडीए में शामिल होकर सेना में भर्ती हुए. उन्होंने बताया कि बिपिन रावत अंतर्मुखी विद्यार्थी थे और हमेशा हंसते रहते थे. उन्होंने बताया कि हादसे के पहले दिन स्कूल के एक व्हाट्सएप ग्रुप एडवर्ड 73 में उनकी पत्नी ने मैसेज किया था. उन्होंने बताया कि बिपिन रावत की धर्मपत्नी मालविका अक्सर उस ग्रुप में मैसेज किया करते थी. हेलीकॉप्टर क्रैश से 1 दिन पहले भी उनका मैसेज आया था.

बता दें कि 12 मई रविवार 2019 को बिपिन रावत थल सेना के प्रमुख के तौर पर तीन दिवसीय दौरे पर (Bipin Rawat Shimla tour) शिमला पहुंचे थे. उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी आई थी. तब जनरल रावत ने हिमाचल के साथ लगती चीन सीमा पर सुरक्षा का जायजा लिया था. उस समय शिमला में सेना के स्वामित्व में अनाडेल मैदान पहुंचने पर तत्कालीन आरट्रेक प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जीएस सांघा व उनकी पत्नी अमनप्रीत कौर सांघा और कार्यवाहक क्षेत्रीय अध्यक्ष सेना परिवार कल्याण संगठन आरट्रेक ने उनका स्वागत किया था. अगले दिन सोमवार को सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में होने वाली वार्षिक स्पो‌र्ट्स मीट में वे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.

वर्ष 2019 में शिमला दौरे पर जब जनरल बिपिन रावत एडवर्ड स्कूल आए थे तो उनके साथ स्कूल के छात्रों ने सवाल-जवाब भी किए थे. मुलाकात करने वाले स्कूली छात्रों का कहना है कि वह एक जनरल की तरह नहीं बल्कि एक छात्र की तरह स्कूल में आए थे और अपने स्कूल के दिनों को उन्होंने हमारे साथ साझा किया था. बिपिन रावत ने कहा था कि अगर देश सेवा करनी है तो सेना को ज्वाइन करना. उन्होंने इस दौरान बचपन से लेकर सेनाध्यक्ष के पद पर पहुंचने के अनुभव भी शेयर किए.

बिपिन रावत अपने शिमला प्रवास के दौरान खास उत्सुकता लिए राजभवन भी पहुंचे थे. जनरल रावत ने हिमाचल राजभवन में उस टेबल को गहरी जिज्ञासा से निहारा था, जिस टेबल पर इंदिरा गांधी ने शिमला समझौता के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार भुट्टो को झुकने पर मजबूर किया था. राजभवन के अधिकारियों ने जनरल रावत को शिमला समझौता और उस से जुड़े सारे घटनाक्रम से अवगत करवाया था. तत्कालीन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें पूरे राजभवन का कोना-कोना दिखाया था. जनरल रावत ने राजभवन प्रशासन की इस धरोहर इमारत को सहेजने के लिए तारीफ की थी. उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने राजभवन स्टाफ के साथ फोटो भी खिंचवाई थीं.

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