शिमलाः एनजीटी से हिमाचल के सात शहरों में बढ़ते वाहन प्रदूषण की चेतावनी के बाद अब प्रदेश सरकार ने 20 पॉल्यूशन चेकिंग डिवाइस खरीदे हैं. जिससे विभाग के अधिकारी किसी भी गाड़ी का कहीं भी प्रदूषण माप जांच सकेंगे.
अब परिवहन विभाग की फ्लाइंग स्क्वायड व आरटीओ कहीं भी वाहनों का प्रदूषण लेवल चेक कर सकते हैं और चेकिंग में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा पाई जाती हैं, तो भारी चालान व बड़ी कार्रवाई हो सकती है. प्रदेश में अनलॉक-4 में एक बार फिर बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है.
विभाग ने प्रदेश के सभी आरटीओ और फ्लाइंग स्क्वायड की टीम के वाहनों पॉल्यूशन चेकिंग डिवाइस इंस्टॉल किए हैं. कुल मिलाकर परिवहन विभाग ने 20 ऐसे वाहन तैयार किए हैं, जिनमें यह चेकिंग डिवाइस इंस्टॉल है.
परिवहन विभाग ने 10 गाड़ियों में पेट्रोल और 10 गाड़ियों में डीजल वाहन प्रदूषण जांच उपकरण लगाए हैं. यह वाहन बैरियर या फिर मार्ग पर कहीं भी आसानी से काला धुंआ या ज्यादा धुंआ छोड़ने वाले वाहनों की मौके पर जांच कर पॉल्यूशन लेवल चेक कर सकेंगे.
मौजूदा समय में विभाग के पास यह सुविधा नहीं थी, सिर्फ वाहन चालकों के सिर्फ कागज ही चेक किए जाते थे कि उन्होंने पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाया है या नहीं. यदि नहीं बनाया तो उस पर चालान होता है.
एनजीटी ने प्रदेश के 7 शहरों में सबसे अधिक वाहन की प्रदूषण की मात्रा पाई है. ऐसे में परिवहन विभाग को भी इस पर एनजीटी ने रोक लगाने की निर्देश जारी किए हैं.
एनजीटी के तहत प्रदेश के बद्दी, नालागढ़, बरोटीवाला, कालाअंब-पांवटा साहिब, सुंदरनगर, डमटाल में सबसे अधिक वाहनों से प्रदूषण फैल रहा है. ऐसे में विभाग की टीमें सबसे पहले इन क्षेत्रों पर वाहनों के प्रदूषण लेवल चेक करेगी और जांच करेगी.