शिमलाः देश-प्रदेश में लोग कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से परेशान हैं. कोरोना महामारी की वजह से कई लोगों के कारोबार चौपट हो गए, तो कई लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा. साल 2021 की शुरुआत में मामलों में गिरावट और वैक्सीन आने के बाद स्थिति संभलती हुई नजर आ रही थी, लेकिन इसके बाद अचानक देश को कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हिला कर रख दिया.
शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है, जिस पर कोरोना का प्रभाव न पड़ा हो. इस खतरनाक और जानलेवा वायरस के प्रभाव के कारण अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, आम जनजीवन और पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
वीरान हुई पहाड़ों की रानी शिमला
हमेशा पर्यटकों से गुलजार रहने वाली राजधानी शिमला इन दिनों वीरान है. पहाड़ों की रानी की ऐसी तस्वीर शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोची होगी. सुबह से लेकर देर शाम तक शिमला की सर्द हवाओं का मजा लेते पर्यटक कोरोना की वजह से जैसे गायब हो गए हैं. हर किसी को अब बस हालात सामान्य होने का इंतजार है.
टूर पैकेज से जुड़े लोगों का कारोबार प्रभावित
वैसे तो आम दिनों में देश विदेश से हिमाचल आने वाले पर्यटक टूर पैकेज लेकर पहाड़ों की सैर करते थे. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से निजी टूर कंपनी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इन कंपनियों के साथ जुड़े टैक्सी चालक, होटल कारोबारी, रेस्टोरेंट मालिक और विभिन्न साइट पर एडवेंचर खेल के जरिए रोजगार चलाने वाले कारोबारी भी बेहद परेशान हैं. जो इक्का-दुक्का लोग घूमने के लिए आप ही रहे हैं वह बिना पैकेज टूर लिए ही शिमला पहुंच रहे हैं.
हिमाचल आ सकते हैं पर्यटक
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हिमाचल प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. हालांकि प्रदेश में एसओपी के तहत पर्यटकों के आने पर कोई मनाही नहीं है, लेकिन बावजूद इसके शिमला में पर्यटक गायब से नजर आ रहे हैं. ऐसे में व्यवसाय से जुड़े पैकेज टूर देने वाले कारोबारी भारी नुकसान उठा रहे हैं.
पर्यटन कारोबारियों के सामने रोटी-रोजी का संकट
एक ओर होटल और रेस्टोरेंट नुकसान से जूझ रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर यहां काम कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है. कोरोना के कारण पर्यटन कारोबार ठप होने से कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. आने वाले समय में भी अगर हालात ऐसे ही रहे तो स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है.
कारोबारियों को सरकार से नहीं मिल रही राहत
पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही. कोरोना के इस संकट के बीच जब उनका कारोबार ठप पड़ा है. तब भी उनसे बिजली कूड़ा और पानी के पूरे शुल्क वसूले जा रहे हैं. पर्यटन कारोबारियों को सरकार से भी राहत की कोई उम्मीद नहीं है.
कोरोना से पर्यटन कारोबार चौपट
कोरोना की दूसरी लहर ने पर्यटन कारोबार को चौपट कर दिया है. महामारी विशेषज्ञों की मानें, तो कोरोना की तीसरी लहर देश को अक्टूबर से दिसंबर महीने के बीच में प्रभावित कर सकती है. ऐसे में अभी पर्यटन कारोबारियों को नुकसान के बीच एक लंबा सफर तय करना पड़ सकता है.
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