शिमला: साल 2021 अपने अंतिम चरण में है. कोरोना संकट के कारण ये साल पर्यटन की दृष्टि से देवभूमि हिमाचल प्रदेश के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा. उपलब्धि की बात करें तो हिमाचल में पर्यटन सेक्टर के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए एशियन डेवेलपमेंट बैंक से 2095 करोड़ की परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिली और कुफरी में देश का पहला स्की पार्क बनाने का एलान हुआ. वहीं, ओर दूसरी मंडी जिले की बल्ह घाटी के नागचला में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता भी इसी साल साफ हुआ. इससे पहले कि हम 2021 को अलविदा कहें, आइए एक नजर डालते हैं, पिछले एक साल में हुई पर्यटन जगत से जुड़ी घटनाओं और उपलब्धियों पर.
एडीबी से 2095 करोड़ के प्रोजेक्ट को मिली थी मंजूरी: देवभूमि हिमाचल में पर्यटन सेक्टर के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए एशियन डेवेलपमेंट बैंक (Asian development bank) से इसी साल दिसंबर माह में 2095 करोड़ की परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है. इस परियोजना के (ADB funding for himachal tourism) तहत मौजूदा पर्यटन स्थलों से भीड़भाड़ व पर्यटकों के भारी दबाव को कम करने के लिए इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में नब्बे फीसदी लोन राशि का वहन केंद्र सरकार करेगी. विशेष राज्य होने के कारण हिमाचल को 90 और 10 के अनुपात में यह सहायता मिली है. इस प्रोजेक्ट से हिमाचल में पर्यटन को और बढ़वा देने में काफी मदद मिलेगी.
आकर्षण का नया केंद्र बनी अटल रोहतांग टनल: हिमाचल प्रदेश में अटल टनल रोहतांग बनने के बाद लाहौल घाटी में सैलानियों की आमद में लगातार वृद्धि हो रही है. यह टनल हिमाचल में एक नया आकर्षण का केंद्र बनकर उभरी है. इस टनस के लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की टनल के (Atal rohtang tunnel Himachal ) उद्घाटन के बाद से अब तक करीब दो लाख से ज्यादा पर्यटक वाहन इस टनल से गुजर चुके हैं. इस सुरंग का उद्घाटन 3 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. जिसके बाद से ही लाहौल घाटी में सैलानियों की आमद में कई गुणा बढ़ोतरी हुई थी.
हिमाचल में इको टूरिज्म के तीन हब विकसित करने का प्लान: हिमाचल सरकार ने इस साल प्रदेश में इको टूरिज्म के तीन हब बनाने के साथ ही 25 एक्सट्रा इको टूरिज्म पॉइंट विकसित करने का ऐलान किया था. इसके तहत कुल 113 इको टूरिज्म पॉइंट चयनित किए जा चुके हैं. यहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना टूरिज्म की गतिविधियां की जाएंगी. वहीं, हिमाचल प्रदेश में इको टूरिज्म का मास्टर प्लान तैयार करने का काम दिल्ली की कंपनी को दिया गया है. दरअसल राज्य (eco tourism in himachal) की आर्थिक गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरू में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं की थीं. बाद में कोरोना के दौर में ये मुहिम प्रभावित हुई है. लेकिन इस कोरोना के मामले घटने के बाद सरकार ने टूरिज्म पॉइंट विकसित करने का ऐलान किया था.
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कुफरी में बनेगा देश का पहला स्की पार्क: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी में देश का पहला स्की पार्क बनेगा. इसी साल जनवरी माह में प्रदेश सरकार और नागसन्ज डेवेलपर के मध्य स्की पार्क विकसित करने के लिए समझौता भी हुआ था. सरकार ने दावा किया था की इस परियोजना से कुफरी क्षेत्र में 12 महीने पर्यटन और सहासिक खेलों को बढ़ावा मिलगा और लगभग 1000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित (ski park in Kufri shimla) होंगे. यह परियोजना कुफरी में 250 करोड़ रुपये की लागत से 5.04 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी, जिसमें इण्डोर स्की पार्क, पैलेटियल माल, पांच सितारा होटल, एम्यूजमेंट पार्क, गेमिक जॉन, फूड कोर्ट, शॉपिंग आर्केड और अन्य सुविधाओं के अलावा 1000 से अधिक वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी.
हिमाचली पर्यटन को पंख देगा एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम: पर्यटकों का पसंदीदा पहाड़ी डेस्टीनेशन (Tourism in Himachal) हिमाचल अब नए आकर्षण के साथ उनका स्वागत करेगा. एप्पल बाउल (Apple Bowl Himachal) कहे जाने वाला हिमाचल एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम (Apple Blossom Tour Program in Himachal) आयोजित करेगा. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Pradesh Tourism Development Corporation) एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम शुरू करेगा. इसका आरंभिक प्लान तैयार किया गया है. दिसंबर में सरकार ने इस प्रोग्राम को लॉन्च किया गया था. दरअसल इस टूर प्रोग्राम के तहत सैलानियों को सेब बागीचों की सैर करवाई जाएगी और इसका पैकेज भी काफी सस्ता होगा. एक व्यक्ति के लिए एक हजार रुपए अधिकतम का पैकेज प्रस्तावित होगा.
छोटी काशी मंडी में बनेगा शिव धाम: छोटी काशी के नाम से विख्यात हिमाचल के मंडी शहर में प्रदेश सरकार शिव धाम विकसित करेगी. सरकार ने इसी साल जुलाई में शिव धाम विकसित (Shiv Dham Project Mandi Himachal) करने का ऐलान किया था. यहां पर 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित करने की योजना है. इसके अलावा गंगा आरती की तर्ज पर मंडी में ब्यास आरती भी रोज करवाने की तैयारी है. वहीं, इस धाम के निर्माण के बाद यह सैलानियों के लिए एक नया आकर्षण का केंद्र होगा और इसके बनने से हिमाचल में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा.
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मंडी के ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता हुआ साफ: हिमाचल के मंडी जिले की बल्ह घाटी के नागचला में बनने वाले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता भी इसी साल साफ हुआ. इसके लिए वित्तायोग ने भी एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. वहीं, प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच भी इस एयरपोर्ट के लिए एमओयू साइन किया गया. यहां से चलाए जाने वाले विमानों में कैट आई सिस्टम का इस्तेमाल होगा, जिसके (Green Field Airport Mandi) चलते मंडी एयरपोर्ट से रात के वक्त भी विमान चल सकेंगे. वहीं, हिमाचल में सालाना दो लाख सैलानियों की आमद का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रदेश में हवाई सेवाएं जरूरी है और उसी को देखते हुए प्रदेश भर में हवाई सेवाएं को दुरुस्त करने पर जोर भी दिया जा रहा है.
पर्यटकों की पसंद बने पत्थर-लकड़ी के घर: पहाड़ों में मकान बनाने के लिए ग्रामीण लोग काष्ठकुणी शैली का सहारा लेते हैं. इस शैली में मकान बनाने के लिए लकड़ी और पत्थरों का अधिक इस्तेमाल होता है. अधिकतर मकान ढाई मंजिल के बनाए जाते हैं और राजाओं के समय में इनकी ऊंचाई सात मंजिल तक भी होती थी. हिमाचल प्रदेश जहां (wooden style Houses in Himachal) अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है. वहीं, पहाड़ों पर बने लकड़ी के मकान को देख पर्यटक भी उनकी ओर खिंचे चले आते हैं. पर्यावरण में आए बदलाव के चलते अब एक बार फिर से लोग पत्थर और लकड़ी से बने मकानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इतना ही नहीं, अमीर सैलानी हिमाचल आकर ऐसे ही घरों में बसना चाहते हैं. सैलानियों को आकर्षित करने के लिए बन स्पेशल टूर पैकेज भी बनाए जाते हैं.
एचपीटीडीसी सैलानियों को परोसेगा पारंपरिक व्यंजन: हिमाचल सरकार राज्य के इसी साल सैलानियों को पारंपरिक व्यंजनों से रूबरू करवाने का भी निर्णय लिया था. इसके तहत हिमाचल प्रदेश आने वाले सैलानियों के लिए अब हिमाचल टूरिज्म कॉरपोरेशन के होटलों में खास तौर पर हर सीजन में पारंपरिक व्यंजन (Tradational food in Himachal) परोसे जाएंगे. एचपीटीडीसी निगम के होटलों में सिड्डू, कचौरी, पल्दा, मदरा आदि व्यंजनों की जानकारी सैलानियों को दी जाएगी. एचपीटीडीसी की इस मुहिम से हिमाचल के पारंपरिक व्यंजनों राष्ट्रीय स्तर भी पहचान मिलेगी.
हिमाचल में पूर्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दिया था रिलीजियस टूरिज्म सर्किट का प्रस्ताव: हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य सरकार को डिजिटल पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि दक्षिण भारत के सैलानी हिमाचल के धार्मिक स्थानों का दर्शन करना चाहते हैं. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यदि इसे प्रोत्साहन मिलेगा, तो दक्षिण भारत का पर्यटक अधिक संख्या में हिमाचल आएगा. इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने ने इस प्रक्रिया के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने की पहल की थी.
इसके साथ ही दक्षिण भारत के मशहूर मंदिर तिरुपति बालाजी (Temple Tirupati Balaji) की तर्ज पर अब हिमाचल के शक्तिपीठों (Temples of Himachal) में भी श्रद्धालु औषधीय पौधे (Medicinal plants) प्रसाद के रूप में चढ़ाने का फैसला लिया गया. इस योजना से जहां पर पर्यावरण का संरक्षण होगा, वहीं करोना जैसी महामारी के विनाश के लिए औषधीय प्राकृतिक औषधीय दवाइयां लोगों को मिल पाएगी. जब वह राज्यपाल थे, तब उन्होंने हिमाचल में रिलीजियस टूरिज्म सर्किट का प्रस्ताव भी रखा था.
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