शिमला: शिमला में Apple ग्रोवर एसोसिएशन (Apple Growers Protest in himachal) के शुक्रवार को किए प्रदर्शन को लेकर अब पुलिस में जय मां दुर्गा टैक्सी यूनियन (Jai Maa Durga Taxi Union) ने FIR दर्ज कराई है. पुलिस में इस बात कि शिकायत की गई है कि प्रदर्शन के दौरान आवाजाही प्रभावित हुई. वहीं, उनका रास्ता बंद हो गया ,जिसके चलते टैक्सियां नहीं चल पाई और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा.
सौरव शर्मा ने दर्ज कराई एफआईआर: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सौरव शर्मा पुत्र ओम प्रकाश (Taxi driver Saurav Sharma filed a case) टैक्सी चालक एचपी01ए-9343 जय मां दुर्गा टैक्सी यूनियन छोटा शिमला (Taxi Union Chhota Shimla) ने मामला दर्ज कराया है कि शुक्रवार को दोपहर 12.45 बजे करीब 700/800 लोग झंडे लेकर नवबहार चौक (Navbahar Chowk Shimla) पर एकत्र हुए. इस दौरान हाथ में बैनर, सेब उत्पादकों की मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए सड़क पर आ गए. धरने प्रदर्शन के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं, रोड बंद होने के कारण टैक्सी नहीं चल पाई.
इस धरने का संचालन (Apple Grower Association) के संजय चौहान, राजन हारटा, अर्निद्र सिंह नौटी, सोहन ठाकुर, किशोरी दिवालिया, पूर्व अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर , रोशन लाल, रमेश वर्मा, हेमराज, राजन सहगल, सुखदेव चौहान कर रहे थे. इन्हें पुलिस ने सचिवालय को जाने वाले रोड नवबहार में बैरिकेड लगाकर रोका गया.इस दौरान ये सड़क पर प्रदर्शन करने लगे, जिससे आम लोगों की आवाजाही बाधित हुई.
मामले की जांच शुरू: मामले की जांच हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार (Head Constable Surendra Kumar) को सौंपी गई है. पुलिस स्टेशन छोटा शिमला में केस एफआईआर नंबर 70/2022, IPC की धारा 143,341 के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस आज इस मामले में (Apple Grower Association) के पदाधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. एसीपी डॉ.मोनिका ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि शुक्रवार को पुलिस को जाम से निपटने के लिए रूट को डायवर्ट करना पड़ा था.
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया: विभिन्न मांगों को लेकर बागवानों ने (Apple Growers Protest in Shimla) शुक्रवार को सचिवालय का घेराव किया. ऐसा नहीं है कि किसान और बागवानों ने प्रदेश में पहली बार आंदोलन किया. इससे पहले भी बागवान उग्र प्रदर्शन कर चुके हैं. शिमला में बागवानों के घेराव ने 3 दशक पहले के आंदोलन को एक बार फिर से याद दिला दी. जब कोटगढ़ में प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें 3 बागवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
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