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शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने उठाया ये कदम, ऐसे 'तराशे' जाएंगे नौनिहाल - छात्रों ने सामाजिक गतिविधियों में भाग लिया

शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में छात्र जल, पर्यावरण, बिजली का संरक्षण और नशे से युवाओं को दूर करने के लिए छात्र काम करेंगे.

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Published : Sep 13, 2019, 7:49 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में अब छात्र जल, पर्यावरण, बिजली का संरक्षण और नशे से युवाओं को दूर करने के लिए काम करेंगे. छात्र ये काम टोलियों के साथ करेंगे, जिससे छात्रों में सामाजिक गतिविधियों का भी व्यवहारिक ज्ञान होगा.

शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ये नई पहल शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में की जा रही है. शिक्षा विभाग की ओर से सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों और सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए है कि वो छात्रों को इस गतिविधि में शामिल करें.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा में सुधार तभी हो सकता है, जब छात्र अपने सामाजिक दायित्वों को भी समझने में सक्षम होंगे. उन्होंने बताया कि छात्रों को सामाजिक गतिविधियों का व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है, इसलिए स्कूल और कॉलेजों में कक्षाओं के अनुसार छात्रों की छोटी-छोटी टोलियां बनाकर समाज से जुड़े विषयों पर कार्य करना होगा.

वीडियो

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि छात्रों की टोलियां जिन विषयों पर काम करेंगी, उन्हें पहले से ही तय किया गया है. उन्होंने बताया कि छात्र जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बिजली बचाओ, स्वच्छ भारत और नशा मुक्त अभियान के लिए अलग-अलग टोलियां बनाकर काम करेंगें, जिसमें हर टोली का मुखिया एक छात्र और संरक्षक अध्यापक होंगे.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अपने-अपने विषयों पर ये टोलियां काम करेंगी और हर माह के अंत मे सभी टोलियों, मुखिया और संरक्षकों की समीक्षात्मक बैठक होगी. साथ ही बताया कि शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिए है कि स्कूल, कॉलेजों में ये टोलियां बनाई जाए और उसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जाए.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में अब छात्र जल, पर्यावरण, बिजली का संरक्षण और नशे से युवाओं को दूर करने के लिए काम करेंगे. छात्र ये काम टोलियों के साथ करेंगे, जिससे छात्रों में सामाजिक गतिविधियों का भी व्यवहारिक ज्ञान होगा.

शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ये नई पहल शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में की जा रही है. शिक्षा विभाग की ओर से सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों और सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए है कि वो छात्रों को इस गतिविधि में शामिल करें.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा में सुधार तभी हो सकता है, जब छात्र अपने सामाजिक दायित्वों को भी समझने में सक्षम होंगे. उन्होंने बताया कि छात्रों को सामाजिक गतिविधियों का व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है, इसलिए स्कूल और कॉलेजों में कक्षाओं के अनुसार छात्रों की छोटी-छोटी टोलियां बनाकर समाज से जुड़े विषयों पर कार्य करना होगा.

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उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि छात्रों की टोलियां जिन विषयों पर काम करेंगी, उन्हें पहले से ही तय किया गया है. उन्होंने बताया कि छात्र जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बिजली बचाओ, स्वच्छ भारत और नशा मुक्त अभियान के लिए अलग-अलग टोलियां बनाकर काम करेंगें, जिसमें हर टोली का मुखिया एक छात्र और संरक्षक अध्यापक होंगे.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अपने-अपने विषयों पर ये टोलियां काम करेंगी और हर माह के अंत मे सभी टोलियों, मुखिया और संरक्षकों की समीक्षात्मक बैठक होगी. साथ ही बताया कि शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिए है कि स्कूल, कॉलेजों में ये टोलियां बनाई जाए और उसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जाए.

Intro:प्रदेश के स्कूलों ओर कॉलेजों में अब छात्र जल,पर्यावरण,बिजली के संरक्षण का साथ ही सबसे अहम इस नशे से युवाओं को दूर करने के लिए कार्य करेंगे। यह कार्य स्कूलों में छात्र टोलियों में करेंगे जिससे कि छात्रों में सामाजिक गतिविधियों का भी व्यवहारिक ज्ञान आ पाएगा। शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए यह नई पहल शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के स्कूल ओर कॉलेजों में की जा रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी महाविद्यालयों के प्रचार्यों के साथ ही सभी जिला उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए गए है कि वह छात्रों को इस तरह की गतिविधियों में शामिल करें।


Body:उच्च शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत कुमार शर्मा ने निर्देश जारी किए है कि शिक्षा में सुधार तभी हो सकता है जब छात्र अपने सामाजिक दायित्वों को भी समझने में सक्षम होंगे। छात्रों को सामाजिक गतिविधियों का व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में कक्षाओं के अनुसार छात्रों की छोटी-छोटी टोलियां बनाकर समाज से जुड़े विषयों पर कार्य करना होगा। इससे छात्रों में अनुशासन आने के साथ ही वह समाज में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर पाएंगे।


Conclusion:छात्रों की टोलियां जिन विषयों पर काम करेंगी उन्हें भी पहले से ही तय किया गया है। छात्र जल संरक्षण,पर्यावरण संरक्षण,बिजली बचाओ, स्वच्छ भारत ओर नशा मुक्त अभियान के लिए अलग-अलग टोलियां बनाकर काम करेंगें। स्कूल,कॉलेजों में बनने वाली टोलियों में हर टोली का मुखिया एक छात्र ओर संरक्षक अध्यापक होंगे। अपने-अपने विषयों पर यह टोलियां काम करेंगी और हर माह के अंत मे सभी टोलियों ओर उनके मुखिया ओर संरक्षकों की समीक्षात्मक बैठक होगी। शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिए है कि स्कूल,कॉलेजों में यह टोलियां बनाई जाए ओर इसकी रिपोर्ट बना कर शिक्षा विभाग को सौंपी जाए।
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